प्रधानाचार्य कृष्ण मोहन मिश्र के अवतरण दिवस पर कोलेस्ट्रोल जांच शिविर का आयोजन

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प्रकृति प्रेम के प्रबल अनुरागी!

पूर्व प्रधानाचार्य श्री कृष्णमोहन मिश्रा जी को जन्मदिन पर लोगों ने दिया शुभकामनाएं एवं बधाई

श्री नारद मीडिया, सीवान (बिहार):

खेत में लगे पेड़ – पौधे हो या घर की बागवानी में लगे पुष्प, उनके प्रकृति के प्रति असीम स्नेह का अनुराग बयान हो ही जाता हैं। घर के गमले में लगे सुंदर- सुंदर पुष्प, उस आत्मा की सुंदरता का भी बखान कर जाते हैं, जो हर किसी के मंगलकामना के प्रति आकांक्षी है। जब बात पर्यटन की आती है तो पसंदीदा स्थल भी कोई प्राकृतिक अभ्यारण्य ही होता है।

जी हां, हम बात कर रहे हैं जामापुर गांव के निवासी, संवेदनशील, प्रकृति प्रेम के प्रबल अनुरागी पूर्व प्रधानाचार्य श्री कृष्णमोहन मिश्र के बारे में। सर्वप्रथम आज उनके जन्मदिन पर उनको सादर प्रणाम और हार्दिक शुभकामनाएं। कितना सुंदर मणिकांचन संयोग हैं कि प्रकृति के संग साहचर्य के अप्रतिम पर्व गोवर्धन पूजा के दिन ही उनका जन्मदिन भी है!

सुबह सुबह सकारात्मक डिजिटल संदेश

सुबह जब आप सोकर उठे और मोबाइल स्क्रीन ऑन करते ही आपको यदि एक सुंदर सा उत्साहित करने वाला, सीख देनेवाला, सकारात्मक संदेश प्रदान करने वाला संदेश दिखे तो आपका दिन बेहद खुशगवार हो सकता हैं। यह हमारे आदरणीय कृष्णमोहन मिश्र जी का प्रिय शगल। पहले शिक्षक के तौर पर हजारों विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करनेवाले आज सोशल मीडिया के माध्यम से हजारों लोगों को सकारात्मक संदेश दे रहे हैं। यह मानवता के प्रति असीम अनुराग का द्योतक भी है।

दूसरी पीढ़ी की उपलब्धियां आनंदित करती हैं तो तीसरी पीढ़ी की उपलब्धियां भावविभोर

श्री कृष्णमोहन जी को अपने सुपुत्रों यानी दूसरी पीढ़ी की उपलब्धियां आनंदित करती हैं लेकिन तीसरी पीढ़ी यानी पोते पोतियों की मासूम मुस्कान और उपलब्धियों से वे भाव विभोर हो उठते हैं। परिवार में सकारात्मक संचेतना और खुशी के लिए निरंतर परिवारजनों का मार्गदर्शन करते रहते हैं। वे प्यारे पापा जरूर हैं लेकिन उनका दादा स्वरूप भी बेहद स्नेहिल है।

एक सुमधुर व्यवहारकुशल व्यक्तित्व

उनकी व्यवहारकुशलता उत्तम कोटि की है। एक बार बहुत दिनों बाद उनसे उनके घर पर मेरी मुलाकात हो गई। बस फिर क्या था स्नेह की अविरल धारा बह निकली। उनकी व्यवहार कुशलता ने आश्चर्यचकित कर दिया। शायद यहीं कारण है कि उनसे मिलनेवाला हर शख्स उनका मुरीद बन जाता है।
इस जांच शिविर में श्रीकृष्ण मोहन उषा फाउंडेशन के सचिव डॉ आशुतोष दिनेन्द्र, अध्यक्ष डॉ अविनाश चन्द्र एवं राजू कुमार यादव, निजामुद्दीन राजा, मोहम्मद मेराज, पाठक जी आदि सदस्यो का सराहनीय सहयोग रहा।

आलेख गणेश दत्त पाठक

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