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जंगल से गुजरा सबसे लंबा अंडरपास:बिंदास घूमते हैं टाइगर्स.

जंगल से गुजरा सबसे लंबा अंडरपास:बिंदास घूमते हैं टाइगर्स.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सिवनी-नागपुर के मध्य नेशनल हाईवे 44 (NH-7 पुराना नाम) पर मोहगांव-खवासा के बीच समृद्धि का हाईवे तैयार हुआ है। 29 किमी लंबा देश का पहला साउंड व लाइट प्रूफ फोरलेन हाईवे कुदरत और इंसान का संगम नजर आता है। प्रकृति से ज्यादा छेड़छाड़ किए बगैर विकास का बेहतर उदाहरण बनकर सामने आए इस हाईवे का निर्माण 950 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है, जिसके बड़े हिस्से के नीचे से टाइगर सहित अन्य वन्य प्राणी गुजरते हैं।

नॉइस बैरियर का पहली बार इस्तेमाल
यह देश की अपनी तरह की पहली ऐसी सड़क है, जिसमें सड़क के दोनों ओर नॉइस बैरियर का इस्तेमाल किया गया है। 29 किमी लंबी सड़क के 21 किमी लंबे हिस्से में सड़क के दोनों ओर नॉइस बैरियर लगाए गए हैं। दोनों ओर मिलाकर 42 किमी हिस्से में लगे नॉइस बैरियर के कारण भारी वाहनों की लाइट और तेज आवाज वन्य प्राणियों तक नहीं पहुंच पाती। इसी कारण इस सड़क को देश की पहली साउंड व लाइट प्रूफ सड़क का नाम भी मिला है।

ये भी है बड़ी खासियत
घने जंगल व पेंच नेशनल पार्क के बफर एरिया से गुजरने वाले इस साउंड व लाइट प्रूफ हाईवे में 14 एनिमल अंडरपास बनाए गए हैं। ये एनिमल अंडरपास इस सड़क की बड़ी खासियत हैं। मोहगांव-कुरई के बीच 11 एनिमल अंडरपास बनाए गए हैं।

रूखड़ में बना एनिमल अंडरपास 1400 मीटर लंबा है। फ्लाईओवर की तर्ज पर बने सभी एनिमल अंडरपास के नीचे से जंगली जानवर बिना किसी अवरोध के आवाजाही करते हैं। नीचे से गुजरते समय उन्हें जंगल सा ही अहसास हो, इसके लिए सभी एनिमल अंडरपास में नीचे की ओर विशेष पेंटिंग कराई गई है।

दोनों ओर 42 किलोमीटर के हिस्से में नॉइस बैरियर लगाए गए हैं।
दोनों ओर 42 किलोमीटर के हिस्से में नॉइस बैरियर लगाए गए हैं।

सालों अटकी रही सड़क
पेंच-कान्हा कॉरिडोर के कारण सालों तक केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में मंजूरी के लिए अटकी रही इस महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना का काम अंतत: सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइड-लाइन के आधार पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 10 अगस्त 2018 को शुरू कराया था। इस सड़क बनाने वाली दिलीप बिल्डिकॉन कंपनी को मार्च 2021 तक काम पूरा करने का टारगेट दिया गया था, लेकिन करीब डेढ़ महीने पहले ही प्रोजेक्ट का काम पूरा हुआ है।

गडकरी ने की सराहना
देश के सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को भी यह साउंड व लाइट प्रूफ हाईवे खूब पसंद आया है। इस हाईवे का काम अंतिम चरण में था, तब उन्होंने कुरई घाट सेक्शन आकर निरीक्षण किया था। वे रूखड़ में बनाए गए सबसे लंबे एनिमल अंडरपास के नीचे भी गए थे। तब भी उन्होंने इस प्रोजेक्ट के काम की काफी सराहना की थी।

फैक्ट फाइल

  • 29 किमी है लंबाई मोहगांव-खवासा फोरलेन हाईवे की
  • 950 करोड़ की लागत से तैयार हुई सड़क
  • 730 करोड़ निर्माण का ठेका
  • 220 करोड़ में हुआ भूमि अधिग्रहण, DPR व अन्य कार्य
  • 08 किमी लंबा है कुरई घाट सेक्शन
  • 14 सौ मीटर लंबा एनिमल अंडरपास बना रूखड़ में
  • 05 सौ मीटर लंबा एनिमल अंडरपास बना गण्डाटोला में
  • 05 सौ मीटर मेटेवानी एनिमल अंडरपास की भी है लंबाई
  • 03 सौ मीटर एनिमल अंडरपास खवासा में

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