ऐसे तैयार हो रही जहरीली शराब, कुत्ते की शौच और यूरिया तक का हो रहा है इस्तेमाल.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में जहरीली शराब के चलते कई परिवारों की दिवाली काली हो गई। बुधवार से अब तक पिछले तीन दिनों में 40 लोगों की मौत हो चुकी है। शराब पीने के बाद इनकी तबीयत बिगड़ी थी। इसमें गोपालगंज के 18 और पश्चिम चंपारण जिले के 18 लोग शामिल हैं। शराब पीने से मरनेवालों का सिलसिला समस्तीपुर तक आ पहुंच चुका है। पटोरी इलाके में चार लोगों की मौत हो गई।
अब सवाल यह उठता है कि कच्ची शराब जहरीली कैसे बन जाती है? इसको बनाने की प्रक्रिया के बारे में सुनकर आप हैरान हो उठेंगे. जी हां, कच्ची शराब को बनाने में इस्तेमाल होने वाली महुए की लहन को सड़ाने के लिए कुत्ते का शौच और ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल किया जाता है. कहीं-कहीं इसमें नौसादर और यूरिया भी मिलाया जाता है.
कच्ची शराब को अधिक नशीली बनाने के चक्कर में जहरीली हो जाती है. सामान्यत: इसे बनाने में गुड़, शीरा से लहन तैयार किया जाता है. लहन को मिट्टी में गाड़ दिया जाता है. इसमें यूरिया और बेसरमबेल की पत्ती डाला जाता है. अधिक नशीली बनाने के लिए इसमें ऑक्सिटोसिन मिला दिया जाता है, जो मौत का कारण बनती है.कुछ जगहों पर कच्ची शराब बनाने के लिए पांच किलो गुड़ में 100 ग्राम ईस्ट और यूरिया मिलाकर इसे मिट्टी में गाड़ दिया जाता है. यह लहन उठने पर इसे भट्टी पर चढ़ा दिया जाता है. गर्म होने के बाद जब भाप उठती है, तो उससे शराब उतारी जाती है. इसके अलावा सड़े संतरे, उसके छिलके और सड़े गले अंगूर से भी लहन तैयार किया जाता है.
कच्ची शराब में यूरिया और ऑक्सिटोसिन जैसे केमिल पदार्थ मिलाने की वजह से मिथाइल एल्कोल्हल बन जाता है. इसकी वजह से ही लोगों की मौत हो जाती है . मिथाइल शरीर में जाते ही केमिकल रिएक्शन तेज होता है. इससे शरीर के अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देते हैं. इसकी वजह से कई बार तुरंत मौत हो जाती है. कुछ लोगों में यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है.
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