भिक्षाटन कर आदि काल से है छ्ठ पूजा करने की परंपरा.
छठ पूजा में परदेसी यो के आगमन से गांव घर होने लगा गुलजार.
श्रीनारद मीडिया,एम.सुवर्णा, भगवानपुर हाट,सीवान.
आस्था के इस पावन पर्व छ्ठ पूजा अमीर गरीब सभी को भिक्षाटन कर इस महापर्व को करने की अनोखी परंपरा है । कहा जाता है कि भिक्षाटन कर छ्ठ पूजा करने से अभिमान से मुक्ति मिलती है । आदि काल में भी महाभारत के समय कुंती के छ्ठ पूजा करने के लिए पांडवो ने भिक्षाटन किया था । वैसे वर्तमान में आस्था वाले इस परंपरा का स्वरूप बदल गया है । छ्ठ पूजा के नाम पर लोग अब पेट पालने के लिए भिक्षाटन करते देखे जा रहे है ।
भगवानपुर हाट प्रखंड के रामपुर कोठी निवासी आचार्य सर्वानंद उपाध्याय के अनुसार ब्रत का अनुष्ठान एक विराट यज्ञ है क्योंकि इसमें यज्ञ के सभी तत्व प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से विद्यमान है । उन्होंने कहा कि एक यह भी मन्यता है कि मनोकामना पूरी होने पर भिक्षाटन कर छ्ठ ब्रत करना है । कहा जाता है कि लोक आस्था के इस महान पर्व को करने वाले सभी ब्रती किसी न किसी रूप में भिक्षाटन जरूर करते है और भीख में मिली समाग्री से छ्ठ ब्रत करते है ।
सारीप ट्टी गाॅ व की ब्रती महिला मीरा देवी , वीणा देवी बताती है कि यह एक ऐसा महान पर्व है । जिसको करने वाले को अपने समर्थवान होने का अभिमान त्याग कर इस कठिन ब्रत को करना पड़ता है ।
स्वच्छता का संदेश देता है छठ पूजा.
छ्ठ पूजा के अवसर पर प्रदेश से गांव आने वाले परदेसियों के आगमन से गां व , घर गुलजार होने लगा है । ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी बाबुओं एवं उनके बच्चो के आगमन से गांव की रौनक बढ़ गई है । वहीं परदेसियों द्वारा अपने अपने घरों की सफाई एवं रंग रोगन कराने , सड़कों की सफाई कराने से घरों एवं सड़कों की सूरत बदल गई है । कई ऐसे घर है जो वर्षों से बन्द पड़े थे ।
उनमें रौनक लौट गए है । प्रदेश से आए लोगों से देश प्रदेश की चर्चा करने उनके दरवाजे पर पड़ोस के लोग जमा हो जाते दिख रहे है । परदेसियों के कारण स्थानीय बाजार में भी रौनक बढ़ गई है ।
कोई गुजरात के अहमदाबाद , तो कोई दिल्ली , कोई कोलकता , कोई हरियाणा से छ्ठ ब्रत करने गांव आए हुए है । लोक आस्था के इस पर्व पर विदेशों से भी लोग गांव आए हुए है । छठ पूजा देता है स्वच्छता का संदेश । इस पावन अवसर पर सभी जगह सफाई का महत्त्व दिया जा रहा है ।
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