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2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य 15 ट्रिलियन डालर के आर्थिक अवसर पैदा करेगा,कैसे?

2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य 15 ट्रिलियन डालर के आर्थिक अवसर पैदा करेगा,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत का वर्ष 2070 तक ‘नेट जीरो’ उत्सर्जन स्तर हासिल करने का लक्ष्य अपने साथ 15 लाख करोड़ डालर (1,125 लाख करोड़ रुपये) के आर्थिक अवसरों के अलावा पांच करोड़ नए रोजगार पैदा करने की संभावनाएं भी समेटे हुए है। विश्‍व  आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में भारत के इस सफर की रूपरेखा बताने की कोशिश की गई है।

कृषि एवं सेवा क्षेत्रों के मौजूदा वर्चस्व से विनिर्माण एवं एवं हरित अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ने के लिए भारत ने निम्न उत्सर्जक अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य तय किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सम्मिलित कार्रवाई से मौजूदा दशक में ही करीब 1,000 अरब डालर (75 लाख करोड़ रुपये) के अवसर पैदा हो सकते हैं। यह भारत के लिए एक ग्रीन न्यू डील का मौका है।’ इस रिपोर्ट में लोगों की जान बचाने, नए उद्योगों को गति देने, रोजगार पैदा करने और जलवायु परिवर्तन को रोकने में भारत का योगदान बढ़ाने का उल्लेख किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत दिनों ग्लासगो में आयोजित जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में वैश्विक तापमान  को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की दिशा में भारत का ‘पंचामृत संकल्प’ जताया था। डब्ल्यूईएफ के उप-प्रमुख (भारत एवं दक्षिण एशिया) श्रीराम गुट्टा ने कहा, ‘शुद्ध शून्य (नेट जीरो) उत्सर्जन एवं हरित अर्थव्यवस्था की तरफ कदम बढ़ाने के साथ भारत अपने नागरिकों के लिए प्रगति एवं ऊर्जा सुरक्षा किस तरह मुहैया कराता है, इससे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक  जंग में हमारी सामूहिक सफलता परिभाषित होगी।’

बेसिक समूह की ओर से बोलते हुए सोमवार को भारत ने चेतावनी दी कि जलवायु वित्त के प्रति एक गंभीर रुख का अभाव जलवायु अनुकूलन और देशों के ‘नेट जीरो’ उत्सर्जन लक्ष्य को जोखिम में डाल देगा।

‘बेसिक’, चार देशों-ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन का समूह है। भारत ने पिछले हफ्ते कहा था कि जलवायु वित्त 2009 के स्तर पर जारी नहीं रह सकता और जोर देते हुए कहा था कि उसे उम्मीद है कि नयी प्रतिबद्धताओं के मद्देनजर एक हजार अरब डॉलर के जलवायु वित्त को यथाशीघ्र पूरा किया जाएगा।

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