मशरक की खबरें ः उधार में सिगरेट नही देने पर दुकानदार से मारपीट,दो घायल
श्रीनारद मीडिया‚ विक्की बाबा‚ मशरक‚ सारण (बिहार)
सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र के बंगरा डीह टोला गांव में शनिवार को ग्रामीण गुमटी से सिरगेट उधार मांगने पर नही देने पर दुकानदार से मारपीट की गई जिसमें दो घायल हो गए। घायल दोनों को इलाज के लिए सीएचसी मशरक में भर्ती कराया गया। वही बंगरा डीह टोला ग्रामीण दुकानदार विशाल मांझी पिता रंगलाल मांझी ने थाना पुलिस को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है पुलिस मामले में जांच पड़ताल कर रही है। घायलों ने बताया कि दुकान पर गुड्डू मांझी समेत आधा दर्जन लंफगो के द्वारा सिरगेट उधार मांगी नही देने पर गाली गलौज करते हुए मार पीट कर घायल कर दिया गया वही दुकान को तोड़ फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया वही दुकान में रखें नगदी भी ले कर भाग गए।
बड़वाघाट में लगा गोरधोवान मेला,श्रद्धालुओं ने घोघाडी़ नदी में पैर धोकर की पूजा-अर्चना
श्रीनारद मीडिया‚ विक्की बाबा‚ मशरक‚ सारण (बिहार)
मशरक (सारण) कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन बाद लगने वाले मशरक प्रखंड के क्षेत्र के बड़वाघाट में गोरधोवान मेला के मौके पर शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने घोघाडी़ नदी में पैर धोकर आस्था से पूजा की। भोर पहर से शुरू हुआ मेला देर शाम तक चलता रहा। दूर-दराज से चलकर आने वाले श्रद्धालुओं का दिनभर तांता लगा रहा। इस दौरान हर हर गंगे के जयघोष से बड़वाघाट गूंजता रहा। गोरधोवान मेला में पैर धोने के बाद श्रद्धालुओं ने बड़े ही विधि विधान से घोघाड़ी नदी किनारे बने मंदिर में पूजन अर्चन किया।इस दौरान धूप, दीप, अक्षत, रोली, चंदन, पुष्प, दूध, दही, शहद, घृत व नैवेद्य समर्पित कर लोगों ने सुख और समृद्धि की कामना की। कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन बाद लगने वाले मेला के अवसर पर शनिवार को लगे मेले में प्रशासनिक तैयारी पूरी तरह चौकस रही। श्रद्धालु के लिए घाटों पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी। मेला में सीओ मशरक ललित कुमार सिंह, थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बरवाघाट मेला की सुरक्षा व्यवस्था के लिए तत्पर दिखाई दिये। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि वरीय पदाधिकारियो के निर्देश पर मेले में चप्पे चप्पे पर पुलिस बल और महिला बल मौजूद हैं अलग से दर्जनों चौकीदार एवं सादे लिबास में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला बल की टीम मेले में रही।बुजुर्ग ग्रामीणों के अनुसार पूर्व में नारायणी गंडकी का यह तट प्रभु श्रीराम के जनकपुर यात्रा के बाद से चर्चित हुआ। जब श्रीराम के चरण का स्पर्श पाते ही नारायणी नदी का जल कम हुआ और भगवान ने आगे की यात्रा प्रारंभ की । तबसे इस नदी के पानी मे गोर धोने की परंपरा शुरू हुई। मेला में सुथनी की बिक्री खूब होती तब इसे सुथनिया मेला के नाम से पहचान मिली। मेला में इसके अलावे लकड़ी़ के बने ओखल मूसल और फर्नीचर की खरीददारी महिलाएं करती दिखी।
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