विशाल को ठिकाने लगाने की बनी थी दो नवंबर को ही योजना
बड़हरिया के बीबी के बंगरा गांव में एक बार फिर बड़े भाई अयूब खान ने साजिश के तहत सभी को बुलाया था
तीनों के साथ गए संदीप के बयान पर पुलिस ने 17 लोगों को बनाया अभियुक्त
घटना में शामिल होने के आरोप में संदीप को पुलिस ने सोमवार को भेजा है जेल
08 नवंबर को विशाल की गाड़ी गोपालगंज जिले के मीरगंज पुलिस को मिली थी
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
सीवान जिले के तीन युवकों के रहस्यमय तरीके से लापता मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने संदीप के बयान के आधार पर इस घटना में शामिल 17 लोगों को अभियुक्त बनाया है। पुलिस की थ्योरी पर भरोसा किया जाए तो विशाल सिंह को रास्ते से हटाने की योजना 02 नवंबर को ही बना ली गयी थी। जिसे 07 नवंबर को अमलीजामा पहनाया गया था। पूछताछ के दौरान संदीप ने पुलिस को बताया है कि बड़े भाई अयूब खान द्वारा 02 नंवबर को लापता तीन युवक विशाल, अंशु सिंह व परमेंद्र यादव के साथ उसे भी मुजफ्फरपुर के बिठुनपुरा में बुलाया गया था, सभी वहीं पहुंचे भी थे बातचीत हुई और सभी अपने घर वापस लौट आए। इधर सात नवंबर को बड़हरिया के बीबी के बंगरा गांव में एक बार फिर बड़े भाई ने साजिश के तहत सभी को बुलाया। जहां विशाल, अंशु व परमेंद्र तीनों को चाय में नशीला पदार्थ डाल बेहोश कर दिया गया। इसके बाद बड़े भाई उन्हें ठिकाने लगाने के लिए बोला। इसके बाद गाड़ी से अंजान जगह लेकर तीनों को वहां से लेकर सभी चले गए। इधर नगर पुलिस ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद सभी अभियुक्त फरार हैं। गिरफ्तार के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। पकड़े जाने के बाद बाद तीनों युवक को कहां ले जाया गया है स्पष्ट होगा।
संदीप ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि अयूब खान विशाल को बहुत मानता था। विशाल को हथियार, गाड़ी व रुपए देता थ। पिछले दिनों एक स्कार्पियो खरीद कर भी दी थी। इसके एवज में विशाल रंगदारी के रुपए वसूल कर उसे देता था। हाल के दिनों में विशाल वसूली के रुपए में बेईमानी करने लगा और खुद की वसूली करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा अयूब खान को जहां-तहां रास्ते से हटाने की बात कहने लगा। इसकी जानकारी महफूज ने अयूब खान को देते हुए रिकार्डिंग सुना दी जिससे वह इसे गद्दारी मानते हुए खफा हो गया।
संदीप के अनुसार घटना को अंजाम देने के लिए उसे ही सभी को बड़हरिया लाने को कहा गया था। इस कारण से उसे पूरी घटना की जानकारी थी। तीनों को ठिकाने लगाने की बात भी संदीप के सामने ही हुई थी। इधर मौके पर मौजूद अभियुक्तों को शक था कि आंखों के सामने हुई घटना का पोल संदीप खोल सकता है। इसलिए उसे धमकी दी गयी थी।
संदीप ने बताया है कि हमसभी के बड़हरिया के बीबी के बंगरा गांव स्थित मंसूर मियां के घर पहुंचने से पहले वहां कुल 16 लोग मौजूद थे। मौके पर मौजूद लोगों में अयूब खां, अमरेंद्र शर्मा, अमन, जुनैद, सराय ओपी निवासी राजू, छोटा राजू, अशरफ, महफूज, नसरू, डायमंड, ब्यूटी स्वीट्स वाला अशरफ व मुजफ्फरपुर से आए कुल पांच लोग मौजूद थे।
पुलिस की पूछताछ में बताया है कि जब तीनों बेहोशी की हालत में पड़े थे तब सभी को ठिकाने लगाने की बात कही जा रही थी। जब मैं पूछा कि घर कैसे जाउंगा तो बताया गया कि जावेद घर छोड़कर फिर वापस लौट आएगा। इसके बाद जावेद मुझे घर छोड़ा और मेरे ही मोबाइल से अपने घर पर बात की। जावेद व मैं दोनों ही अपना-अपना मोबाइल फोन घर पर ही छोड़कर घटनास्थल पर पहुंचे थे।
बताया है कि घटना के बाद मौजूद लोग किसी भी सूरत में सबूत छोड़ना नहीं चाहते थे। इसलिए योजना बनायी गयी कि युवकों को कहीं और उनका मोबाइल कहीं और ठिकाने लगाना है। साथ ही विशाल की स्कार्पियो गाड़ी को कहीं सुरक्षित खड़ा करना चाहते थे जहां किसी को शक न हो।
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