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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर बुधवार को पूर्णत: बंद, स्‍वर्ण शिखर की हो रही सफाई.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर बुधवार को पूर्णत: बंद, स्‍वर्ण शिखर की हो रही सफाई.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

श्री काशी विश्‍वनाथ धाम कारिडोर के लोकार्पण के पूर्व बाबा दरबार के स्‍वर्ण शिखर को पूरी तरह से भव्‍य बनाने की तैयारी की जा रही है। इस लिहाज से 29 और 30 नवंबर को बाबा दरबार आस्‍थावानों के लिए सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बंद रहा तो अब बुधवार को पूरी तरह से चौबीस घंटों के लिए बंद रहेगा। इस दौरान श्रद्धालुओं का बाबा दरबार परिक्षेत्र में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। काशी विश्‍वनाथ कारिडोर का पीएम नरेंद्र मोदी आगामी 13 दिसंबर को लोकार्पण करेंगे। इसके लिए कारिडोर परिक्षेत्र में साफ सफाई और साज सज्‍जा का दौर चल रहा है।

वहीं सोमवार की ही तरह मंगलवार को भी सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बाबा दरबार में 12 घंटे तक प्रवेश बन्द रहा। अब बुधवार को बाबा विश्वनाथ मंदिर पूर्णतः बंद रहेगा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर साफ- सफाई के चलते 12 घंटे श्रद्धालुओं के लिए बंद रहा। कई दशक बाद बाबा के प्रमुख स्वर्ण शिखर की अब सफाई हो रही है। बाबा दरबार में आम दर्शनार्थियों के लिए मंगलवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक प्रवेश बन्द रहा। साफ -सफाई के दूसरे दिन भी आंशिक बन्दी के बाद मंदिर खुलने से पहले गोदौलिया द्वार (गेट न. 4) और ढुंढिराज द्वार पर भक्त कतार में खड़े द्वार खुलने की प्रतीक्षा करते रहे।

काशी विश्वनाथ मंदिर धाम लोकार्पण को लेकर परिसर में आंशिक बन्दी किया गया है। इन तीन दिनों में बाबा गर्भगृह समेत स्वर्णमयी शिखर की सफाई मद्देनजर भक्तों को सुबह 6 बजे से पहले व शाम 6 बजे से लेकर मंदिर बन्द होने तक झांकी दर्शन मिल रहा है। दूसरे दिन भी भक्तों की लम्बी कतार लगी। बाबा दरबार के गर्भ गृह में साफ सफाई के मद्देनजर दूसरे दिन लगे कारीगरों ने मंगलवार को जमीन में पत्थर समेत दीवारों की भी सफाई की है। वहीं गर्भगृह के चारों द्वार की सफाई की गई। दंडपाणि शिखर के कुछ हिस्सों को भी चमकाया गया है। तीसरे दिन मंदिर परिसर पूर्णतः बन्द रहेगा, इस दिन बाबा दरबार के प्रमुख स्‍वर्ण शिखर की सफाई होनी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर लगभग बनकर तैयार है. मार्च 2019 में पीएम मोदी ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लगभग 400 करोड़ की लागत से बन रहा है. अब एक समय पर एक लाख से ज़्यादा लोग इस मंदिर प्रांगण में आ सकते हैं और उसके साथ जलाभिषेक भी कर सकते हैं. श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण प्रदेश को बड़ा धार्मिक संदेश देने वाला है. यह जगह अब श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होगा.

प्रशासनिक व्यवस्था संभाल रहे विपुल कुमार सिंह ने बताया, ’95 फीसदी काम पूरा हो चुका है. हमें बताया गया है कि 13 दिसंबर को इसका उद्घाटन होगा. पहले लगभग पांच से दस हजार श्रद्धालु दर्शन करते थे लेकिन अब एक लाख से ज़्यादा श्रद्धालु एक साथ जलाभिषेक करेंगे. पहले जल लेकर आते समय बहुत परेशानी होती थी. अब उन दिक्कतों को इस काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट से आसान तरीके से बदला गया.’ बता दें कि विश्व में भगवान शिव के जितने भी मंदिर हैं, उनमें सबसे पहले मंगला आरती बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में ही ही होती हैं.’

क्या हैं नई सुविधाएं?

पहले घाट से मंदिर तक तीन चार रास्ते थे लेकिन गलियों से होकर गुजरना पड़ता था. अभी मंदिर परिसर के अंदर ही चार बड़े द्वार हैं.  उसके अलावा 7 -8 ऐसे गेट बनवाये गए हैं जहां से दर्शनार्थी मंदिर तक पहुंच कर आराम से दर्शन कर सकते हैं. बाहर से आए यात्रियों के साथ बहुत सा सामान भी होता है. उनके लिए लगभग 70 दुकानें भी बनाई गई हैं, जहां वे फूल इत्यादि खरीद सकते हैं. साथ ही इन दुकानों में जल पैन केंद्र भी बनाया गया हैं. भोग शाला का निर्माण भी किया गया हैं.

यात्रियों के लिए गेस्ट हाउस भी बनवाये गए हैं. हमने रैंप, सीढ़ियां ऐसी बनाई हैं, जिसपर चढ़कर बूढ़े, बच्चे सभी बाबा के पास जल कर आसानी से पहुंच सकें. पूरे परिसर के अलावा मंदिर के मुख्य परिसर का निर्माण भी हुआ है. मंदिर तक कोई भी दिव्यांग श्रद्धालु पहुंच जाए इसकी व्यवस्था की जा रही है.

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