संभावनाओं की खान, मेरा सिवान!

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सिवान के विकास के लिए प्रचुर अवसर उपलब्ध, आवश्यकता समर्पित और सार्थक प्रयासों की

सिवान स्थापना दिवस पर विशेष आलेख
लेखक; गणेश दत्त पाठक

श्रीनारद मीडिया,  सिवान (बिहार):

सिवान मात्र एक जिला नहीं अपितु संभावनाओं की खान हैं। आवश्यकता चुनौतियों का सामना करके समर्पित प्रयासों की है। ताकि सिवान में मौजूद संभावनाओं का तर्कसंगत तरीके से दोहन किया जा सके। अभी
सिवान को विकास के पैमाने पर पिछड़ा माना जाता है। परंतु विकास की आवश्यकताओं को यदि सही दिशा दे दी जाए तो सिवान में भी खुशहाली की बयार बह उठेगी। सिवान के स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर आइए जानते हैं किन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाए ताकि सिवान में समृद्धि और खुशहाली आ सके।

युवा वर्ग से निरंतर संवाद

युवा वर्ग ही किसी भी समाज के भविष्य के निर्माणकर्ता होते है। उनसे जिले के प्रबुद्ध और जानकार लोग निरंतर संवाद कायम करें और उन्हें अपने अनुभव से लाभान्वित करें ताकि युवा वर्ग को सटीक जानकारी मिल सकें। इस संदर्भ में सामाजिक संस्थाओं को समय समय पर कैरियर काउंसिलिंग शिविरों का आयोजन करना चाहिए तथा निरंतर संवाद की प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए।

उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहन

जिले की अर्थव्यवस्था के आधार रहे गल्फ देशों में रोजगार की परिस्थितियां अब बहुत अनुकूल नहीं रही। इस स्थिति में उद्यमिता द्वारा स्व रोजगार की भावना को प्रोत्साहन देना जरूरी हैं। बिजली, सड़क आदि बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता से उद्यमिता के लिए सीवान में अभी बेहतर माहौल है। छोटे छोटे व्यवसाय जिले की आर्थिक तस्वीर और रोजगार की उपलब्धता के संदर्भ में कमाल दिखा जाएंगे।

पर्यटन से भी आएगी बेहतरी

देशरत्न का गांव जीरादेई के साथ महेंद्र नाथ मंदिर, सोहगरा मंदिर के साथ मौलाना मजहरूल हक साहब की जन्म स्थली, लकड़ी दरगाह की मजार आदि कई पर्यटक स्थल सिवान में है, जहां पर्याप्त संख्या में पर्यटक आ सकते हैं। बस आवश्यकता इन स्थलों के बारे में विशेष जानकारियों के प्रचार प्रसार की है। सिवान के तितीरा क्षेत्र के कई स्थलों के बौद्ध कालीन होने के पुरातात्विक और ऐतिहासिक संकेत मिले हैं। उसकी पर्याप्त अनुसंधान द्वारा पुष्टि के प्रयास होने चाहिए। यदि ये क्षेत्र पुरातात्विक स्थल घोषित हो जायेंगे तो सिवान में भारी संख्या में पर्यटक आने लगेंगे। आवश्यकता संवेदनशील प्रयासों की है।

सब्जी से भी संवर सकता सिवान

सिवान की उपजाऊ मृदा सब्जी उत्पादन के लिए बेहतर हैं। बिहार सरकार को हालिया हर थाली में बिहारी तरकारी योजना का लाभ भी उठाया जा सकता है। तिरहुत वेज यूनियन किसानों द्वारा उत्पादित सब्जियों के यथा शीघ्र बाजार तक पहुंचाने की योजना में लगा हुआ है। यदि ये व्यवस्थाएं कारगर हो जाए तो सिवान सब्जी उत्पादन में कमाल दिखा सकता है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की भी संभावना

सिवान की उर्वर मृदा में उत्पादित खाद्यान्न, सब्जियां, फल आदि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिएं बेहतर माहौल बना रही है। कृषि यंत्रों की उपलब्धता और पर्याप्त मार्गदर्शन की दरकार है। आवश्यकता जागरूकता और संसाधन उपलब्धता की ही हैं।

विदेशी मुद्रा के सार्थक चैनलाइजेशन की दरकार

सिवान में गल्फ आदि देशों से अभी वैसे अच्छी खासी मात्रा में विदेशी मुद्रा आ रही है। लेकिन उनका सदुपयोग नही हो रहा हैं यदि उन विदेशी मुद्रा को उत्पादक गतिविधियों की तरफ मोड़ दिया जाए तो परिणाम शानदार रहेंगे। सिवान में आर्थिक विकास के लिए संसाधनों की कमी नहीं रहेगी।

बांस उद्योग के लिए भी बेहतर सिवान

सिवान में बांस और बेंत उद्योग के लिए परिस्थितियां बेहतर है। इसके लिए अगर कुछ जागरूकता आदि के कार्यक्रम संचालित हो सके तो इस उद्योग के विकास की सिवान में पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। आजकल वैसे भी बांस बेंत के फर्नीचर की मांग बढ़ती जा रही हैं।

मेडिकल हब बन सकता है सिवान

मानव स्वास्थ्य आज के दौर में बड़ी चुनौती हैं। उपभोक्तावाद और आरामदायक जीवन शैली के कारण व्याधियां आम बात है। आस पास के जिलों से बेहतर जुड़ाव के चलते यहां मरीज आसानी से पहुंच सकते हैं। हाल के दिनों में कुछ बेहतर अस्पताल सिवान में खुले हैं। दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज अच्छी खासी प्रतिष्ठा अर्जित करचुका हैं। मैरवा में मेडिकल कॉलेज भी स्थापित होने जा रहा हैं। यदि सिवान में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा को थोड़ा और बेहतर बना दिया जाए और व्यावसायिकता के स्थान पर गुणवत्ता को तरजीह दिया जाए तो सिवान आसानी से मेडिकल हब भी बन सकता है।

सिवान का इंजीनियरिंग कॉलेज भी लायेगा बदलाव

पुराने सूत्र मिल के स्थान पर बन रहा नया इंजिनियरिंग कॉलेज भी सिवान में अहम बदलाव लाने जा रहा हैं। इससे सिवान में एक नई ऊर्जा का जनन होगा जो युवाओं को विशेष तौर पर प्रभावित कर जायेगी।

बनने वाले बाई पास बदल देंगे सिवान की सूरत

वर्तमान में सिवान में जाम, दाहा नदी पर पुल की समस्या आदि के कारण आवागमन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा हैं। लेकिन भविष्य में सिवान प्रशासन कई बाईपास और ओवरब्रिज का निर्माण करने का रहा हैं जिससे आवागमन बेहतर हो सकेगा।

सिवान में कानून व्यवस्था, आधारभूत संरचना, उद्यमिता के भावना के अभाव आदि कई बधाई मौजूद हैं। परंतु भविष्य में आशा हैं कि सिवान की संभावनाओं पर काम होगा,समन्वित एवम सार्थक प्रयास होंगे और एक शानदार सिवान की संकल्पना साकार हो पायेगी।

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