मील का पत्थर साबित होगा रूसी राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने वाले हैं। नवंबर 2019 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच यह पहली आमने-सामने की बैठक होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा और तकनीक के अहम क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। पुतिन सोमवार को दिल्ली पहुंचेंगे जबकि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोयगू रविवार रात को पहुंच रहे हैं।

मोदी-पुतिन बैठक के प्रमुख बिंदु

1. शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति और संभावनाओं की समीक्षा करेंगे और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

2. भारत और रूस के बीच कनेक्टिविटी, शिपिंग, अंतरिक्ष, सैन्य-तकनीकी सहयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति जैसे मुद्दों सहित 10 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।

3. भारत और रूस के सैन्य संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दोनों देश 7.5 लाख AK-203 असाल्ट राइफलों की आपूर्ति पर समझौता करने वाले हैं। शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले केंद्र ने भारत के रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त उद्यम इंडो-रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के तहत उत्तर प्रदेश में एक कारखाने में एके -203 राइफल्स के निर्माण को मंजूरी दी।

4. द्विपक्षीय फोकस एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों और अन्य रक्षा समझौतों की डिलीवरी पर भी होने की उम्मीद है। भारत ने लंबी अवधि की सुरक्षा जरूरतों के लिए अक्टूबर 2019 में 19वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान पांच S-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों की खरीद के लिए रूस के साथ 5.43 अगब अमरीकी डालर के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।

5. पुतिन और पीएम मोदी के बीच बैठक के दौरान कोरोना महामारी से लड़ने और सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।

6. दोनों पक्ष क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं और अफगानिस्तान के तालिबान के अधिग्रहण के नतीजों पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे, जो भारत और रूस दोनों के लिए एक सामान्य चिंता है। भारत ने समय-समय पर मुख्य रूप से पाकिस्तान समर्थित तत्वों द्वारा आतंकवाद के लिए अफगान भूमि के उपयोग पर अपनी चिंता व्यक्त की है।

7. इसके साथ ही भारत और रूस 2+2 प्रारूप की वार्ता भी करेंगे जिसमें दोनों देशों के विदेश मामलों और रक्षा मंत्रियों के बीच एक बैठक होगी। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु देशों के बीच पहले 2+2 संवाद में भाग लेंगे। 2+2 वार्ता के एजेंडे में पारस्परिक हित के राजनीतिक और रक्षा मुद्दे शामिल होंगे।

8. मंत्री प्रमुख क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर गहन चर्चा करेंगे, जिसमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और अफगानिस्तान और सीरिया के घटनाक्रम सहित रूस, भारत और चीन (आरआइसी) के भीतर बातचीत पर विचारों का आदान-प्रदान करना शामिल है।।

9. भारत में रूसी राजदूत निकोले कुदेशेव ने कहा कि पुतिन की दिल्ली यात्रा के परिणामस्वरूप व्यावहारिक आर्थिक परिणाम प्राप्त होंगे और यह दोनों देशों के बीच संबंधों के सभी क्षेत्रों को कवर करते हुए मास्को और नई दिल्ली के द्विपक्षीय संबंधों को गति प्रदान करेगा।

10. रूसी दूत ने कहा कि शिखर सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों के सभी क्षेत्रों को कवर करने वाला एक संयुक्त राजनीतिक दस्तावेज भी जारी किया जाएगा। शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच आमने-सामने मुलाकात होगी। रूसी नेता के लिए रात्रिभोज का भी आयोजन किया जाएगा।

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