मातृ एवं शिशु मृत्यु में कमी लाने के लिए रिपोर्टिंग एवं समीक्षा जरूरी

मातृ एवं शिशु मृत्यु में कमी लाने के लिए रिपोर्टिंग एवं समीक्षा जरूरी

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

मृत्यु रिपोर्ट करना जरूरी, रिपोर्टिंग करने पर नहीं होगी किसी तरह की समस्या : सिविल सर्जन
लोगों को सुलभ करवाई जाए प्रसव संबंधी गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ:
शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए जनजागरूकता जरुरी:

श्रीनारद मीडिया, कटिहार,(बिहार):

जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए मृत्यु के कारणों की समीक्षा अति आवश्यक है ताकि ससमय कदम उठाया जा सके। इसी उद्देश्य से मातृ एवं शिशु मृत्यु की शत प्रतिशत रिपोर्टिंग एवं समीक्षा कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा जिले के सभी सरकारी एवं प्राइवेट स्वास्थ्य संस्थानों के मातृ एवं शिशु चिकित्सकों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. डी. एन. पांडेय, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कनका रंजन, डीपीएम स्वास्थ्य डॉ. किसलय कुमार द्वारा किया गया। आयोजित कार्यशाला में राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रतिनिधि के तौर पर निपी संस्था के गौरव कुमार, तथा केयर इंडिया के जय किशन के द्वारा चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में सभी अधिकारियों और चिकित्सकों को बताया गया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए इसकी रिपोर्टिंग एवं समीक्षा जरूरी है। संबंधित सभी मृत्यु का ससमय रिपोर्टिंग करना अनिवार्य है जिससे कि मातृ व शिशु मृत्यु के कारणों का सटीक विश्लेषण किया जा सके। प्रशिक्षण में जिले के सभी प्रखंडों से स्वास्थ्य अधिकारी, महिला व शिशु चिकित्सक, जिले के चिह्नित प्राइवेट अस्पतालों की महिला व शिशु चिकित्सकों ने भाग लिया।

रिपोर्टिंग करने पर नहीं होगी किसी तरह की समस्या : सिविल सर्जन
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. डी. एन. पांडेय ने कहा कि जिले के सरकारी या प्राइवेट किसी भी अस्पताल में अगर किसी भी गर्भवती महिला या शिशु की मृत्यु होती है तो उसकी जानकारी जिला स्वास्थ्य विभाग को देना आवश्यक है। बहुत से अस्पतालों में कार्यवाही की डर से रिपोर्टिंग नहीं की जाती जिससे कि उसके मृत्यु का कारण नहीं पता चलता। सभी अस्पतालों को सही समय पर रिपोर्ट करना जरूरी है ताकि उसकी मृत्यु की स्वास्थ्य विभाग द्वारा समीक्षा की जा सके और भविष्य में ऐसी मृत्यु को रोका जा सके।

लोगों को सुलभ करवाई जाए प्रसव संबंधी गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ :
निपी के प्रतिनिधि गौरव कुमार ने कहा कि प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु बिहार में बहुतायत में देखी जाती है। राज्य में 20 प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु गर्भकाल के दौरान, 05 प्रतिशत मृत्यु प्रसव के समय, 50 प्रतिशत मृत्यु प्रसव होने के 24 घण्टे के अंदर, 20 प्रतिशत प्रसव के 07 दिन के अंदर तथा 05 प्रतिशत मृत्यु 2 से 6 सप्ताह के भीतर देखी गई है। इसे रोकने के लिए उनकी मृत्यु का कारणों की पड़ताल आवश्यक है। इसलिए सभी अस्पतालों को मृत्यु की जानकारी समय पर स्वास्थ्य विभाग को देना जरूरी है। मातृ मृत्यु को रोकने के लिए सरकार द्वारा प्रसव के दौरान उपलब्ध कराई जा रही सुविधा की जानकारी दी जाए जिससे कि लोग उसका लाभ उठा सकें। मातृ मृत्यु को रोकने के लिए सरकार द्वारा सुमन कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। जिसके तहत अगर कोई आशा, आंगनबाड़ी सेविका, एएनएम या कोई अन्य व्यक्ति महिलाओं की मृत्यु का 104 पर सबसे पहले रिपोर्ट करता हैं तो इसके लिए 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त एमडीएसआर के तहत आशा को मातृ मृत्यु की सुचना देने के लिए 200 रुपये दिए जाते हैं.

लोगों को आवश्यक जानकारी देने से कम हो सकेगा शिशु मृत्यु दर :
केयर इंडिया से आए प्रशिक्षक जय किशन ने बताया कि राज्य में शिशु मृत्यु मुख्यतः तीन कारणों से होती है- निर्णय लेने में देरी, अस्पताल पहुंचने में देरी तथा इलाज शुरू होने में देरी। अगर महिलाओं को गर्भावस्था के समय ही सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए तो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए क्या निर्णय लिया जाए और कहाँ सही समय पर सभी व्यवस्था उपलब्ध हो जाएगी तो मातृ व शिशु मृत्यु को रोका जा सकता है। इसके अलावा अगर कहीं शिशु मृत्यु हो जाती है तो उसकी रिपोर्टिंग और समीक्षा होनी चाहिए।

समय पर होगी रिपोर्टिंग व समीक्षा :
डीपीएम स्वास्थ्य डॉ. किसलय कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद सभी सरकारी स्वास्थ्य कर्मी व प्राइवेट चिकित्सकों को समय पर मातृ व शिशु मृत्यु की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा मृत्यु की समीक्षा की जाएगी जिससे कि जिले में मातृ एवं शिशु के मृत्यु के आंकड़ों को कम किया जा सके।

यह भी पढे

छिट पुट घटनाओं के साथ मतदाताओ ने 63.२%मतदान का किया प्रयोग.

छपरा सांसद रूढ़ी अपने गृह क्षेत्र अमनौर स्थित बूथ पर पंचायत चुनाव में किया मतदान 

अमनौर में मुखिया प्रत्यासी के दो समर्थकों के बीच हुआ बवाल, बूथ पर दोनों तरफ से  जमकर चला ईट- पत्थर, मौके पर  पहुंचे डीएम एसपी 

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन-बेतवा नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना को मंजूरी दी.

हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस रावत और उनकी पत्नी की मौत-वायुसेना.

Leave a Reply

error: Content is protected !!