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कोंकणी साहित्यकार दामोदर मौउजो व असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन को ज्ञानपीठ पुरस्कार. - श्रीनारद मीडिया

कोंकणी साहित्यकार दामोदर मौउजो व असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन को ज्ञानपीठ पुरस्कार.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन को वर्ष 2021 के लिए और कोंकणी के साहित्यकार दामोदर मौउजो को वर्ष 2022 के लिए प्रतिष्ठित ‘ज्ञानपीठ’ पुरस्कार (Gyanpeeth Puraskar) प्रदान किया जायेगा. भारतीय ज्ञानपीठ ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी.

ज्ञानपीठ की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने वर्ष 2021 व 2022 के लिए क्रमश: 56वें और 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा कर दी है. विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रसिद्ध कथाकार व ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रतिभा राय की अध्यक्षता में हुई चयन समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है.

1944 में जन्मे दामोदर मौउजो ने करीब 50 साल के अपने लेखन करियर में छह कहानी संग्रह, चार उपन्यास, दो आत्मकथात्मक कृतियां और बाल साहित्य को कलमबद्ध किया है.

विज्ञप्ति में बताया गया है कि वर्ष 1933 में जन्मे नीलमणि फूकन (Nilmani Phookan) का असमिया साहित्य (Assamese Literature) में विशेष स्थान है और उन्होंने कविता की 13 पुस्तकें लिखी हैं. नीलमणि फूकन को पद्मश्री, साहित्य अकादमी, असम वैली अवॉर्ड व साहित्य अकादमी फेलोशिप से सम्मानित किया जा चुका है.

  • असमिया और कोंकणी साहित्यकारों को मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार
  • भारतीय ज्ञानपीठ ने मंगलवार को किया ज्ञानपीठ पुरस्कारों का ऐलान
  • असमिया के नीलमणि फूकन, कोंकणी के दामोदर मौउजो को अवार्ड

ज्ञानपीठ ने यह भी बताया है कि वर्ष 2022 के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किये जाने वाले दामोदर मौउजो (Damodar Mouzo) कोंकणी साहित्यिक (Konkani Literature) परिदृश्य में चर्चित चेहरा हैं. वर्ष 1944 में जन्मे दामोदर मौउजो ने करीब 50 साल के अपने लेखन करियर में छह कहानी संग्रह, चार उपन्यास, दो आत्मकथात्मक कृतियां और बाल साहित्य को कलमबद्ध किया है.

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