Breaking

सीवान नगर परिषद की सभापति सिंधु सिंह समेत चार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज.

सीवान नगर परिषद की सभापति सिंधु सिंह समेत चार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी सीवान नगर परिषद की सभापति सिंधु सिंह समेत 4 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हो गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देश पर आज कार्यपालक पदाधिकारी ने नगर थाना में करीब 100 पन्नों का आवेदन दिया है। आरोपितों में तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी राजकिशोर लाल भी शामिल हैं।

आज जिनपर प्राथमिकी दर्ज हुई है, उनमें नगर परिषद की बर्खास्त सभापति सिंधू सिंह, तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी राजकिशोर लाल, कनीय अभियंता ओमप्रकाश सुमन और कनीय अभियंता अजित सिंह शामिल हैं। नगर थानाध्यक्ष जयप्रकाश पंडित ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। अनुसंधान कर कार्रवाई की जाएगी।

सभापति सिंधु सिंह को 10 दिन पहले 29 नवंबर को विभाग द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। उनपर साल 2017-18 में कूड़ा निस्तारण के लिए भूमि क्रय में 4 करोड़ एवं सड़क चौड़ीकरण में 49.91 लाख की रकम की अनियमितता का आरोप है। मामले में विभागीय जांच के बाद जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी राहुल धर दुबे को सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था।

कूड़ा निस्तारण के लिए भूमि खरीद में हुई थी गड़बड़ी, पूर्व मंत्री ने लगाए थे गंभीर आरोप
नगर परिषद सीवान के अंतर्गत हुई वित्तीय अनियमितता में सबसे प्रमुख कूड़ा निस्तारण के लिए भूमि क्रय का मामला और अस्पताल मोड़ से तरवारा मोड़ तक सड़क के चौड़ीकरण का मामला शामिल है। पूर्व राज्य मंत्री विक्रम कुंवर ने जिलाधिकारी को एक परिवाद पत्र समर्पित किया था। इसमें कूड़ा निस्तारण हेतु भूमि क्रय में हुई 4 करोड़ के राशि की वित्तीय अनियमितता के लिए तथा सीवान-छपरा रोड के सीवान क्षेत्र में अस्पताल मोड़ से तरवारा मोड़ तक सड़क के दक्षिण पांच फीट चौड़ीकरण कार्य योजना, जिसकी प्राक्कलित राशि 49.91 लाख थी, के लिए जांच कराने की मांग की थी।

सिंधु के खिलाफ प्रमाणित पाए गए हैं ये सभी आरोप
अपने खिलाफ कार्रवाई के बाद सिंधु सिंह ने कहा था कि बर्खास्तगी की चिट्ठी मिल चुकी है। न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि एक सप्ताह के अंदर न्याय मिलेगा और मेरी बर्खास्तगी भी रद्द होगी। उनपर जो आरोप सत्य पाए गए हैं, वो हैं –

  • पद पर रहते हुए 27 जून 2017 को 5 फीट चौड़ीकरण कार्य योजना जिसकी प्राक्कलित राशि 49.91 लाख थी का एकरारनामा किया गया एवं पार्षद रहते हुए कार्य कराया गया।
  • योजना में प्रयुक्त होने वाली सामग्री का जांच कार्य के पहले और बाद में भी नहीं करायी गयी। यह योजना 26 सितंबर 2017 को पूर्ण होने वाली थी लेकिन पद का दुरुपयोग करते हुए बिना समय विस्तार कराये 20 फरवरी 2018 को पूर्ण कराया गया।
  • कूड़ा निस्तारण के नाम पर सरकार के निर्देशों से हटकर बिना सक्ष्म अधिकारी से आदेश प्राप्त किए 4 करोड़ करीब जमीन क्रय के नाम पर खर्च किए गए।
  • नगर परिषद के साधारण बैठक में 50 लाख तक की खरीदारी के लिए प्रशासनिक स्वीकृति अनिवार्य है। बावजूद इतनी बड़ी राशि की खरीद के लिए पूर्व सक्ष्म प्राधिकार से स्वीकृति नहीं ली गयी।
  • लाभ अर्जित करने के लिए यूनिक डेवलपर्स को बड़ी राशि का भुगतान सरकारी दिशा निर्देशों से हटकर किया गया।

Leave a Reply

error: Content is protected !!