बेतहाशा दर्द, फ़ख्र और आखिर में उम्मीद की एक दास्तान.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ये किस्सा मौत का नहीं, जिंदगी का है। ये जिंदगियां CDS के हेलिकॉप्टर पर सवार थीं, जो जंगल में जा गिरीं और धू-धू कर जल गईं। इन कहानियों में बेतहाशा दर्द है, फ़ख्र है और आखिर में बची हुई एक उम्मीद भी है।
1. दिन में कई फोन करते थे; 48 घंटे से एक कॉल नहीं आया, बच्चों से क्या कहूं
‘वह फुर्सत मिलते ही हमें फोन कर लेते थे। कई बार तो एक ही दिन में उनके कई कॉल आ जाते थे। 2 दिन से एक भी फोन नहीं आया। बच्चे सारा दिन फोन देख-देखकर पूछते हैं कि पापा का फोन कब आएगा? क्या जवाब दूं उन्हें, समझ ही नहीं आ रहा।’ ये सवाल हमसे हेलिकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले गुरसेवक सिंह की पत्नी जसप्रीत कौर ने पूछा। हमारे पास उनसे कहने के लिए कुछ भी नहीं है। सिर्फ आंसू हैं।
गुरसेवक की 9 साल की बेटी सिमरन, 7 साल की बेटी गुरलीन और 3 साल का बेटा फतेह सिंह दो दिन से बार-बार मोबाइल को ढूंढ रहे हैं। वो अभी नहीं जानते कि अब वो फोन कभी नहीं आएगा, लेकिन जसप्रीत बच्चों से दो दिन से यही कह रही हैं कि पापा का फोन जल्दी आ जाएगा। वह एक मीटिंग में हैं।
घर में एक और बच्चा है, 70 साल का। रो रहा है। बार-बार कहता है- ‘सेवका तूं कित्थै चला गया? इक वारी आवाज तां दे दे मैनूं। यानी सेवक तू कहां चला गया। एक बार आवाज तो दे दे मुझे।’ ये बच्चा गुरसेवक के पिता हैं, काबल सिंह। ये दास्तान पंजाब के तरनतारन जिले के खालड़ा एरिया के दोदे गांव की है।
2. कुलदीप शादी के 2 साल हो गए हैं, हमें गिफ्ट कब दोगे; पर अब ये कभी नहीं हो पाएगा
तीन तस्वीरें देखिए। पहली, आज से 2 साल 20 दिन पुरानी। 19 नवंबर 2019 यानी उस मंगलवार के शाम की, जब एक्स नेवी अफसर रणधीर सिंह राव के इकलौते वायु सैनिक बेटे के सिर पर सेहरा बंधा था।
अभी 20 दिन पहले की बात है। स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह और पत्नी यस्विनी ढाका की शादी की दूसरी सालगिरह थी। रिश्तेदारों ने पूछा कि तीसरी पीढ़ी के सैनिक को कब दुनिया में ला रहे हैं, लेकिन अब ऐसा कभी नहीं हो पाएगा, क्योंकि कुलदीप अपने पीछे निशान छोड़कर नहीं गए हैं। अब इस परिवार को आगे बढ़ाएगी रणधीर सिंह राव की बेटी। वो भी नेवी में है।
…और ये दूसरी तस्वीर। किसी ने इंडियन नेवी की डिप्टी कमांडेंट अभीता को बताया कि उनका भाई भी पास वाले एयरफोर्स स्टेशन पर आ रहा है। वो समय से पहले ही वहां पहुंच गईं। असल में अभीता नेवी में और कुलदीप एयरफोर्स में थे। रक्षा बंधन पर ही शायद मिलना हो पाता था। इसलिए वो भाई से मिलने का एक भी मौका नहीं छोड़ती थीं।
ये चार साल पहले की बात है, भाई को जहाज से उतरते देख वो भागकर गले लग गईं। उन्होंने किसी से कहा कि एक फोटो खींच दो, लेकिन जहाज अभी रुका था, धूल भी थी और हवा भी। इसलिए ये ब्लर फोटो ही आ पाई, लेकिन अभीता अब ये ब्लर फोटो भी नहीं खिंचवा पाएंगी।
तीसरी और पूरी तस्वीर। बाईं ओर मां कमला देवी हैं। उन्हें ध्यान से देख लीजिए। गुरुवार को मीडिया वाले पहुंचे थे तो आंखों में आंसू लिए कह रही थीं- मेरा बेटा शहीद हो गया। मेरे बेटे की यही कमाई है। अब बहू को भी सेना में भेजूंगी।
बहू यानी यस्विनी ढाका, कमला के ठीक दाहिनी ओर खड़ी हैं। उनके बाद अभीता, कुलदीप और रणधीर सिंह राव को आप जानते हीं है। तीनों देश के सिपाही हैं। बस कुलदीप अब नहीं हैं। ये दास्तान राजस्थान के झुंझनू जिले की है।
3. मां को अब नहीं पता कि बेटा इस दुनिया में नहीं है, क्योंकि सिर्फ उसी के लिए जी रही हैं
ये फोटो नायक जितेंद्र सिंह के घर के भीतर की है। गांव वाले कल शाम से ही वहां भीड़ जमाए हुए हैं। पुलिस भी लगा दी गई है, लेकिन पुलिस वाले लोगों से हाथ जोड़कर कह रहे हैं कि ये बात प्लीज जितेंद्र की मां को मत बताना। उनकी तबीयत खराब है। वो अपने बेटे के लिए ही जीती हैं। शायद, वो ये खबर सुनने के बाद…।
उनका एक 4 साल का बेटा और डेढ़ साल की बेटी भी है। उन्हें भी अभी ये बात बताई नहीं गई है, लेकिन उनकी पत्नी को पल्लू से चेहरे पर बहते आंसू पोंछते देखा जा रहा है। यानी उन्हें खबर है। ये हाल-ए-बयां मध्य प्रदेश के सिहोर जिले के धामंदा गांव के हैं।
4. विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान घर में छोटे थे, लाडले थे, सबको हंसाते थे, लेकिन ऐसे रुलाया कि…
ये तस्वीर आप देख रहे हैं, कुल चार लोग हैं ना। विंग कमांडर पृथ्वी सिंह, जो दाहिनी ओर हैं, बच्चे को खंभे पर बिठाकर मुस्कराते हुए फोटो खिंचा रहे हैं, कल यानी 8 दिसंबर को नहीं रहे। बची तीन जिंदगियां वीरान हो गईं। पत्नी कामिनी बार-बार बेहोश हो जा रही हैं, उनके दांत आपस में चिपक जा रहे हैं। 12 साल की बेटी आराध्या और 9 साल के बेटे ने 8 दिसंबर की शाम से 9 दिसंबर की दोपहर तक कुछ खाया नहीं था।
पड़ोसी बता रहे थे कि पृथ्वी एक कंप्लीट फैमिली मैन थे। पत्नी-बच्चों के अलावा वो अपनी तीनों बहनों को बड़ा मानते थे। इस तस्वीर में उनके परिवार के लोग हैं। हम उनकी पहचान तो नहीं कर पाए हैं, लेकिन अगल-बगल वाले बता रहे थे इसमें उनके मम्मी-पापा, बहनें, बहनों के बच्चे हैं। सेल्फी लेने वाले शख्स पृथ्वी हैं। पृथ्वी उत्तर प्रदेश के आगरा के सरन नगर के रहने वाले थे।
4. एक जांबाज होश में लौट आया है, सर्जरी से पहले बोला- वाइफ से बात कराओ
ये तस्वीर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के मध्य प्रदेश के भोपाल वाले घर की है। पड़ोसी दो दिन से यही बैठे हैं। आस लगाए हैं कि उनका शेरदिल दोस्त, शेरदिल बेटा, शेरदिल चाचा उन्हें ऐसे छोड़के नहीं जाएगा। पापा रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह कह रहे थे- ‘मेरा बेटा बहादुर है और वह हर परिस्थिति में लड़ना जानता है।’
पिता बताने लगे कि एक बार जब वो तेजस उड़ा रहा था तो फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब हो गया था। उस वक्त तेजस 10 हजार फीट की ऊंचाई पर था, लेकिन वरुण ने धैर्य नहीं खोया और आबादी से दूर ले जाकर विमान की सफल लैंडिंग कराई थी। उसे कुछ नहीं होगा। ये बात सच्ची लगती है, क्योंकि गुरुवार को वरुण को होश आ गया। उन्हें सर्जरी के लिए ले जा रहे थे तो बोले- वाइफ से बात करा दो।
ये जो वरुण सिंह हैं न, उनके पिता केपी सिंह रिटायर्ड कर्नल हैं, छोटा भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह इंडियन नेवी में हैं। यानी ये परिवार जल, थल और नभ (आकाश) तीनों जगहों से हमारे लिए लड़ता है। आज इस परिवार को आपकी जरूरत है, आपकी प्रार्थनाओं की जरूरत है।
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