सम सामयिक विषय पर एक बहुत ही विचारोत्तेजक आलेख…
हेलिकॉप्टर दुर्घटना विशेष
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
मोदी जी का पुतिन से मिलना, रावत सर का बॉयोलोजिकल वार पर कल बयान देना और ठीक उसके अगले दिन यह घटना घट जाना!!
यह सब जो दिख रहा है उस से कहीं ज्यादा बड़ा है जो, हमारी आपकी कल्पनाओं से भी परे है, अकल्पनीय है ।
भारत के लिए इतिहास के सबसे कठिन समय की शुरुवात अब होती है । अब या तो भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा या अगली कई सदियों के लिए गर्त में जायेगा ।
ये आपका,मेरा, हम सब का नामोनिशान मिटाने की शुरुवात भर है । जब राजा अड़ियल और कठोर फैंसले लेने वाला हो तब इसे आप सेनापति पर हाथ डालकर राजा को संदेश देना कह सकते हैं या एक तरह से कमजोड़ कर देना कह सकते है ।
अत: अपने राजा पर भरोसा दृढ़ कर लीजिए नहीं तो अब आप वो सब खो देंगे जो आपने कभी नहीं खोया !!
कम लिखा है, ज्यादा समझियेगा ?
कैसे मान लें कि…??
भारत जैसे शक्तिशाली देश के सर्वोच्च रक्षा अधिकारी का हैलीकॉप्टर यूँ ही क्रेश हो जाएगा..??
आप मानें न मानें, यह बहुत बड़ी साजिश है । सम्भवतः पाक व चाइना ने हमारे सिस्टम में सेंध या बहुत उच्च स्तर पर भी आस्तीन के सांप पाल रखे हों ! अत: बहुत उच्च स्तर के इन्वेस्टीगेशन की आवश्यकता है ।
भारत के CDS का हैलीकॉप्टर था भाई ! कोई मामूली प्राइवेट या रोडवेज की पुरानी बस नहीं थी जो इसे हादसा मानकर श्रद्धांजलियों की तरफ ध्यान लगाते रहें ।
यह सोचने वाली बात है कि,देश ने कोई सैनिक नहीं खोया है बल्कि, देश ने एक युग को खोया है रावत के रूप मे…!!
भेड़िया जंगल में हमेशा अपने होने का प्रमाण देता आया है । इसे कहते हैं Proof of Presence. भेड़ियों की एक सबसे बेहतरीन Strategy होती है कि, वह अपनी उपस्थिति एक अलग तरीके से दर्ज कराते हैं । चाहे वह अमेजन के जंगल हो , सहारा के रेगिस्तान हों या यूरोप के बर्फीले इलाके या दंडकारण्य के जंगल…
जब ठिठुरते ठंड में बाकी जानवर और उनके बच्चे कहीं किनारे दुबके होते हैं तब भेड़िए दिन में “चार से पांच” बार एक समय अंतराल पर खड़े होकर तीव्र स्वर में चिल्लाते हैं । भेड़िए की आवाज में गुर्राहट शेर के जैसी होती है । इसलिए इससे बाकी के जानवरों में दहशत जैसा प्रभाव पड़ता है, डर बैठता है, युनिटी का संदेश जाता है । बाकी जानवरों को उनकी ताकत का एहसास होता है और यह काम भेड़िया हर मौसम में करता रहता है…!
भेड़ियों के अंदर एक पारिवारिक गुण होता है जिसमें वह जंगल के हर कोने में रहने वाले अपने बिरादरी के संपर्क में बना रहता है और मिलता जुलता रहता है । इसका उनको तत्कालिक लाभ नहीं मिलता…इसका लाभ उनको लंबे अंतराल के बाद मिलता है ।
मान लीजिए किसी जंगल में शेरों की संख्या लगभग 70 है और भेड़िए वहां 30 के आसपास हैं तो ऐसी परिस्थिति में भेड़िए अपनी Strategy Attacking power और Unitability के दम पर उस जंगल के रिसोर्सेज पर शेरों के बराबर हक़ जमा कर बैठते हैं ।
यह बात मैं नहीं कह रहा हुँ बल्कि, यह बात भारत और विश्व के इतिहास में दर्ज है । आप किसी भी देश का “जनसंख्या अनुपात” उठा कर देख लीजिए ये Unitability Soundability ही उनको बाकियों से अलग और मजबूत बनाती है..!
एक अकाट्य तथ्य है कि, हर जानवर के मासूम बच्चों को भेड़िया चुराता है । यह आपने कथा और कहानियों में भी पढ़ा होगा परंतु एक असलियत और हकीकत यह भी है कि, भेड़िया एक मात्र ऐसा जानवर है जिसका बच्चा कोई भी जानवर चुरा नहीं पाता है । यह भी उनकी मजबूती और जनसंख्या वृद्धि का एक बड़ा कारण है । ये हमेशा झुण्डों में रहना पसंद करते है, और चार भेड़िये मिलकर एक शेर का शिकार कर डालते है । जिसके कारण लाखों वर्ष पुरानी प्रजाति होने के बाबजूद भेड़िया आज भी उसी स्थिति में उसी मजबूती के साथ जंगल में खड़ा है और शेर प्रजाति विलुप्त के कगार पर..!
भारत में शेरों का “अस्तित्व खतरे” में है । कारण जो भी हो परन्तु भेड़िए को किसी सत्ता सरकार की आवश्यकता नहीं होती । कहावतों में अच्छा लगता है कि, जंगल का राजा शेर होता है पर वास्तव में जंगल पर राज भेड़िया ही करता है।
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