खाद्य वस्तुओं के लिए अखबार का प्रयोग हो सकता है खतरनाक जानिए क्या हो सकती है बीमारी
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
अक्सर कई दुकानदार खाने की चीजों को अखबरा में लेपटकर दे देते हैं. दुकानदार समोसे, ब्रेड पकौड़े और अन्य चीजों को न्यूज पेपर में लपेटकर ग्राहकों को दे देते हैं. इसके अलावा कई घरों में भी खाने-पीने की चीजों में अखबार का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए ये हमारी सेहत के लिए बहुत हानिकारक है.कोरोना काल मे वैसे भी वायरस तेजी से फैल रहे है और कुछ भी सुरक्षित नही कहा जा सकता ऐसे में अखबार भी सुरक्षित नही है आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.
अखबार की छपाई कई तरह घातक केमिकल्स जैसे डाई आइसोब्यूटाइल फटालेट, डाइएन आईसोब्यूटाइलेट से तैयार स्याही से की जाती है.
इसके अलावा स्याही मं रंगों के लिए भी कई केमिकल मिलाए जाते हैं, जिसमें जैसे घातक रसायन होते हैं, जो शरीर में कैंसर जैसे घातक रोग तो पैदा करता ही है, इसके अलावा बच्चों में बौद्धिक विकास भी रोक देता है.
अभी की परिस्थितियों में वायरस निर्जीव वस्तुओ में भी 12 से 24 घंटे तक जीवित रह सकता है ऐसे में अखबार का उपयोग भी घातक ही है
ज्यादातर लोग नाश्ते में गर्मा गर्म खाना ही पसंद करते हैं. ऐसे अखबार पर लगे इन रसायनों के बायोएक्टिव सक्रिय हो जाते हैं, जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. इसी को लेकर खाद्य पदार्थों के मानकों की निगरानी करने वाली संस्था FSSAI भी इस संदर्भ में एडवाइजरी जारी कर चुकी है.
जिसमें साफतौर पर न्यूज पेपर पर खाद्य सामग्री का उपयोग नहीं करने की सलाह दी गई थी.आप चाहें तो न्यूजपेपर की जगह एल्युमिनियम फाइल का इस्तेमाल करना चाहिए. हालांकि तापमान वाले फूड जो ड्राई हों उनके लिए अखबार का इस्तेमाल किया जा सकता है.
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