कोरोना के दौर में आपदा प्रबंधन बड़ी चुनौती : नरवणे

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने सोमवार को कहा कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। इस महामारी ने सभी को बहुत सिखाया है। महामारी के इस दौर में आपदा प्रबंधन एक वास्तविकता और बड़ी चुनौती है। सेना प्रमुख ने कहा कि इस संकट ने महामारी जैसी किसी भी स्थिति से निपटने में वैश्विक और क्षेत्रीय सहयोग के महत्व को भी समझाया है।

नरवणे ने ये बातें पुणे में 20 से 22 दिसंबर तक आयोजित एक ट्रांस-नेशनल, मल्टी एजेंसी अभ्यास पैनेक्स-21(पीएएनईएक्स-21) के उद्घटन के मौके पर कही। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी की पहली) देशों के लिए आपदा प्रबंधन पहलुओं में संयुक्तता को बढ़ावा देना और और क्षमताओं का विकास करना है। बिम्सटेक क्षेत्रीय संगठन में भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं।

सेना प्रमुख ने कहा कि सच्चाई यह है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और नए वैरिएंट ने इस अभ्यास को और वास्तविक बनाया है। उन्होंने कहा कि विश्व भर में कोरोना महामारी के प्रसार ने सभी को निवारक नियंत्रण, शमन रणनीति और प्रोटोकाल के संबंध में कई सबक सिखाए हैं। उन्होंने कहा, ‘हम सभी ने 2019 के अंत से कोरोना महामारी के कारण हुई भारी आपदा को देखा है, अभी भी कई देशों में इसकी तबाही जारी है।’

जनरल नरवणे ने कहा कि भारत ने इस साल अप्रैल-मई में महामारी की दूसरी लहर के दौरान पहले ही इसके बुरे प्रभाव का सामना किया है। उस दौरान हमने बहुत जानें गंवाई हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने वास्तव में चुनौतियों से निपटने और कम करने के लिए विश्व समुदाय को एक साथ रखा है। टीकाकरण इस अभियान का एक बड़ा कदम है।

महामारी पर अंतरराष्ट्रीय समझौते पर चर्चा जारी : स्वामीनाथन

पैनेक्स-21 कार्यक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य विज्ञानी डा. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक स्तर पर भविष्य में महामारी से निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्री समझौते की आवश्यकता पर चर्चा शुरू हुई है। कुछ समय पहले ही इसके मसौदे पर चर्चा और उसे तैयार करने के लिए विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएचए) का एक विशेष सत्र आयोजित किया गया था।

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