इसे जन विश्वासघात यात्रा कहिए, लूटकर अपना पेट भर रहे हैं भाजपा के विधायक- रामकिशुन यादव
@ समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता रामकिशुन यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह भाजपा की जन विश्वास यात्रा नहीं, जन विश्वासघात यात्रा कही जानी चाहिएं
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
चंदौली / भारतीय जनता पार्टी की जन विश्वास यात्रा पर समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता रामकिशुन यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह भाजपा की जन विश्वास यात्रा नहीं, जन विश्वासघात यात्रा कही जानी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में जनता से किए गए वायदों को पूरा नहीं किया है और एक बार फिर चुनाव के समय उनको सब्जबाग दिखाने की कोशिश कर रही है।
समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद ने कहा कि 2 करोड़ लोगों को नौकरी देने की बात कहने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार बताए कि उसने कितने लोगों को नौकरी दी है। इतना ही नहीं किसानों की आय दोगुनी करने के लिए तमाम तरह के दावे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने किए थे। आज किसान परेशान है। आय दुगनी को कौन कहे उनको अपनी फसल का वास्तविक मूल्य तक नहीं मिल पा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने से पहले नरेंद्र मोदी और कई दिग्गज नेता विदेशों से काला धन लाने और जनता को 15-15 लाख देने के नाम पर खूब वाहवाही लूटने की कोशिश कर चुके हैं। आज जनता को पता है कि काला धन न लाने के पीछे क्या कारण है और भारतीय जनता पार्टी अब तक इसमें क्यों फेल रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश नहीं मिटने दूंगा का नारा देकर धीरे-धीरे देश की हर बड़ी कंपनी और नवरत्न संस्थानों को भी बेचने की पहल शुरू कर दी है। यह भारतीय जनता पार्टी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी के रूप में गिना जा रहा है। खुद एक भी बड़े संस्थान न बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी आखिर इन संस्थानों को बेचकर क्या संदेश देना चाहती है। चुनाव के समय में भारतीय जनता पार्टी के नेता कहते थे कि 100 दिन में वह महंगाई पर काबू कर लेंगे, लेकिन आज देश में डीजल और पेट्रोल के दाम 100 के पार चले गए हैं। बाकी खानपान की चीजें भी जरूरत से अधिक महंगी हो गई हैं, जिससे आम आदमी की रोजी-रोटी मुश्किल से चल रही है।
रामकिशुन यादव ने भारतीय जनता पार्टी के जिले के विधायकों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चंदौली जिले के सभी भाजपा विधायक केवल अपना पेट भरने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव के पहले सारे लोगों में लूटने की होड़ मची हुई है। जबरदस्त कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। अधिकारी और कर्मचारी इसमें उनका साथ दे रहे हैं और सभी एक दूसरे के हित संरक्षक बने हुए हैं।