पीएम मोदी ने किया मन की बात.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पीएम मोदी आज मन की बात की 84वीं कड़ी में देशवासियों से रूबरू हो रहे हैं। ये इस वर्ष मन की बात की आखिरी कड़ी है। मन की बात में उन्होंने ग्रुप कैप्टर वरुण सिंह का जिक्र किया। उनका निधन इसी माह कन्नूर में हुए हेलीकाप्टर हादसे के बाद अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच चली जंग के बाद हो गया था। इसी हादसे में देश ने पहले सीडीसी जनरल बिपिन रावत को खोया था। अपने संबोधन में उन्होंने वरुण सिंह के उस पत्र का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने अपनी कमजोरी और नाकामी का जिक्र करते हुए आने वाली पीढ़ी को आगे बढ़ने और हार न मानने का जिक्र किया था।
विदेशी छात्रों ने गाया वंदे मातरम
पीएम मोदी ने इस मौके पर क्रिस के एक इंडियन स्कूल में पढ़ने वाले विदेशी छात्राओं द्वारा गाए गए वंदे मातरम का वीडियो भी दिखाया। उन्होंने कहा कि ये वीडियो देशवासियों को एक सुकून भी देता है। इसे सुनकर देखकर सभी को खुशी का अनुभव होता है। इस दौरान उन्होंने नीलेश का भी जिक्र किया जिन्होंने लखनऊ में हुए ड्रोन शो की प्रशंसा की थी।
छात्रों से चर्चा की तैयारी
पीएम मोदी ने कहा कि वो आने वाले एग्जाम से पहले छात्रों से चर्चा की प्लानिंग कर रहे हैं। इसके लिए 28 दिसंबर से MyGov.in पर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा जो 20 जनवरी तक चलेगा। इसमें 9 से 12वी क्लास तक के छात्र-छात्राएं टीचर, पैरेंट्स शामिल हो सकेंगे और इसमें एक आनलाइन प्रतियोगिता भी होगी। उन्होंने अपील की कि अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ें।
दो लाख पुस्तकों वाली लाइब्रेरी
उन्होंंने तेलंगाना के डाक्टर विठलाचारी का भी जिक्र किया। उन्होंने बड़ी लाइब्रेरी खोली। ये उनका बचपन का सपना था। आज इस लाइब्रेरी में दो लाख पुस्तक मौजूद हैं। उन्होंने अपनी सारी जमापूंजी इस लाइब्रेरी में लगा दी है। प्रधानमंत्री ने अपने इस संबोधन में बुक रीडिंग पर दिया। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वो अपनी पांच किताबों के बारे में उन्हें बताएं।
महाभारत से जुड़ा कोर्स
पीएम ने इस अवसर पर पुणे के भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्ट्टियूट का भी जिक्र किया जिसने लोगों को महाभारत से रूबरू कराने के लिए एक आनलाइन कोर्स शुरू किया है। इसको अच्छा रेस्पांस मिल रहा है। आज दुनिया भारत को जानना चाहती है। इस दौरान उन्होंने सर्गी के एक व्यक्ति डाक्टर मामोर निकीच का जिक्र किया जिन्होंने सर्बीयन लैंग्वेज से संस्कृत भाषा की डिक्शनरी की है। इसमें 70 हजार से अधिक शब्द शामिल हैं। हैरानी की बात ये भी है कि उन्होंने 70 वर्ष की आयु के बाद संस्कृत सीखी। इस दौरान उन्होंने मंगोलियन स्कोलर डाक्टर गेंदेधरम का भी जिक्र किया, जिन्होंने कई महाकाव्यों का अनुवाद मंगोलियन लैग्वेज में किया है।
प्राचील कला को संजोने का काम
गोवा के सागरमूले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक छोटी सी कोशिश भी काफी अहम होती है। सागरमूले ने गोवा की प्राचील कला को संजोने का काम किया है। इस कला को लाल मिट्टी से बनाया जाता था। अरुणाचल में साल भर से एयरगन सरेंडर अभियान चलाया जा रहा है। ऐसा इसलिए किया गया है जिससे यहां पर पक्षियों का शिकार बंद किया जा सके। अरुणाचल प्रदेश में 500 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां रहती हैं जिनमें कुछ दुर्लभ भी हैं। इस अभियान के जरिए अब तक 1600 से अधिक एयरगन सरेंडर की जा चुकी हैं।
सफाई अभियान का जिक्र
एनसीसी कैडेट का सफाई अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें सैकड़ों कैडेट लगे हैं जो कचरे का न सिर्फ हटाते हैं बल्कि उसका रीसाइकिल करते हैं। इस दौरान उन्होंने कुछ युवाओं द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप प्रोग्राम साफवाटर का भी जिक्र किया गया। उन्होंने कहा कि जबसे देश में डिजिटाइजेशन हुआ है तब से जंकयार्ड खत्म होते जा रहे हैं। इनका उपयोग दूसरी सुविधाओं के लिए किया जा रहा है। अंत में उन्होंने देशवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं भी दी।
2014 में पहली बार शुरू हुई थी मन की बात
बता दें कि 3 अक्टूबर 2014 को पहली बार आल इंडिया रेडियो से मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण किया गया था। तब से लेकर आज तक हर माह प्रधानमंत्री इस संबोधन के जरिए देशवासियों से उनके विचार जानते हैं और अपनी बात सभी के सामने रखते आए हैं। मन की बात के जरिए पीएम मोदी उन लोगों को देशवासियों के सामने लाते रहे हैं जो अब तक पर्दे के पीछे अंजान बने रहे हैं। आज भी पीएम मोदी ने ऐसा ही किया।
महामारी के समय में संबोधन
आज उनका ये संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब देश और विश्व एक बार फिर से कोरोना महामारी और उसके नए खतरे ओमिक्रोन वैरिएंट से दहशत में है। ब्रिटेन, फ्रांस में कोरोना के एक लाख से अधिक मामले सामने आए हैं तो वहीं अमेरिका में दो लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। दिसंबर 2019 में जिस महमारी की शुरुआत चीन के वुहान से शुरू हुई थी उससे आज भी दुनिया लड़ती दिखाई दे रही है।
सचेत और सावधान रहने की अपील
पीएम मोदी अपने हर संबोधन में देशवासियों को कोरोना महामारी के प्रति सचेत रहने की अपील करते आए हैं। शनिवार को भी उन्होंने देश के नाम जो अपना संबोधन दिया था उसमें भी उन्होंने देशवासियों से मास्क का उपयोग करने, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने, एक दूसरे से दूरी बनाए रखने और जल्द से जल्द वैक्सीन की दोनों खुराक लेने की अपील की थी। इस बार भी मन की बात में उन्होंने इस अपील को दोहराया।
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