नाबालिग की हत्या कर शव के साथ भी रेप करते रहे 3 दरिंदे
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
राजस्थान के कोटा संभाग के बूंदी जिले में आदिवासी नाबालिग बालिका के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर देने के केस (Gang rape and murder case) में रोंगटे खड़े देने वाली सच्चाई सामने आई है. दिल को दहला देने वाले इस वारदात के बाद जब मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई तो पुलिस की आंखों में भी आंसू आ गये. पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है की दरिंदे नाबालिग की हत्या कर दिये जाने के बाद भी उसके शव को नौंचते रहे और रेप करते रहे. मृतका के प्राईवेट पार्ट सहित शरीर पर चोटों के 30 निशान पाये गये हैं.
पुलिस के अनुसार यह वारदात बूंदी जिले के बसोली थाना इलाके के काला कुआ गांव के पास 23 दिसंबर को हुई थी. इस वारदात में एक युवक, एक बुजुर्ग और एक नाबालिग शामिल था. पीड़िता इनके पड़ोस में रहती थी. नाबालिग जब जंगल में पशु चराने गई हुई थी तभी तीनों उसे अकेली देखकर उस पर टूट पड़े थे. वहां तीनों ने नाबालिग बालिका के हाथ पैर बांध कर उससे गैंगरेप किया था. बूंदी पुलिस अधीक्षक जय यादव ने इस वारदात को अपने सेवाकाल की सबसे बड़ी दर्दनाक घटना बताते कहा कि वे हर हाल में आरोपियों को सजा दिलवायेंगे.
10 थानों की पुलिस ने भागदौड़ कर 12 घंटे में दबोच लिया था आरोपियों को
इस दौरान पीड़िता ने दरिंदों से संघर्ष करते हुये जैसे-तैसे करके उनके शिकंजे से निकलकर भागने का प्रयास किया. इस पर भेद खुल जाने के डर से आरोपियों ने बालिका का गला घोंटकर और सिर पर पत्थर मार कर उसकी हत्या कर दी थी. मामला सामने के आने के बाद पुलिस ने तत्परता बरतते हुये वारदात को खोलने के लिए जिले के 10 थानों की पुलिस झौंक दी थी. पुलिस ने लगातार भागदौड़ कर 12 घंटे के भीतर आरोपियों गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस एक दो दिन में करेगी आरोपियों के खिलाफ चालान पेश
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुये इसे केस ऑफिसर स्कीम में लेकर इसकी जांच शुरू की. पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है. अब एफएसएल रिपोर्ट आने का इंतजार है. पुलिस इस मामले में एक दो दिन में आरोपियों को खिलाफ चालान कोर्ट में चालान पेश कर देगी. पकड़े गये आरोपियों में सुलतान भील (27) और छोटूलाल भील (62) सहित 16 वर्षीय एक नाबालिग शामिल है.
अभिभाषक परिषद का निर्णय, कोई वकील नहीं करेगा आरोपियों की पैरवी
दिल को दहला देने वाली इस घटना की अभिभाषक परिषद ने भी कड़ी निंदा करते हुये बार के किसी भी सदस्य द्वारा आरोपियों की पैरवी नहीं करने का फैसला लिया है. परिषद ने कहा कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रयास किये जायेंगे. पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले आरोपी सुल्तान भील को पकड़ा था. उसके बाद पूछताछ में उसने अपना जुर्म स्वीकार करते हुये अन्य आरोपियों के नाम बताये. इस पर पुलिस ने उनको भी दबोच लिया.
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