नेत्रदान से रोशन करें किसी की दुनिया.

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विश्व ब्रेल दिवस

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

फ्रांसीसी शिक्षक लुई ब्रेल की जन्मतिथि के अवसर पर चार जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है। अपने अथक प्रयासों से उन्होंने नेत्रहीनों के पढ़ने, लिखने, सुनने की उस पद्धति की आधारशिला रखी जिससे उनकी दुनिया बदल गई। ब्रेल लिपि में प्लेन सतह पर अक्षर खुदे होते हैं और हाथ से छूकर व्यक्ति पढ़ सकता है। याद रहे कि दृष्टिहीनता विकासशील देशों की प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं में एक है। अपने देश का परिदृश्य विशेषकर चिंताजनक है। विश्व के नेत्रहीनों की 20 प्रतिशत जनसंख्या हमारे देश में है। इसके बाद चीन का स्थान है। बदतर यह है कि पिछले 30 वर्षों में कम देख सकने वालों की संख्या यानी जिन्हें नजदीक का नहीं दिखता, दोगुनी हो गई है।

समय से समुचित इलाज न मिलने पर ऐसे व्यक्ति पूर्ण दृष्टिबाधित हो सकते हैं। आयु का दृष्टिदोष से सीधा नाता है। नेत्र ज्योति घटने या खत्म हो जाने के कुछ कारण डायबिटीज से जुड़े हैं। इसीलिए डायबिटीज के मरीजों को प्रतिवर्ष रेटिना जांच की सलाह दी जाती है। देश के 68 लाख व्यक्ति कम से कम एक आंख की कोर्नियल अंधता से पीड़ित हैं, दस लाख की दोनों आंखें अक्षम हैं।

एक अनुमान के अनुसार, संप्रति 13 करोड़ भारतीय नजदीकी चीजों पर फोकस नहीं कर सकते। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के बाद कार्निया की बीमारी दृष्टि गिरने का मुख्य कारण है। मृत्यु के बाद नेत्र सहित कई अंग दान किए जा सकते हैं। मृत्यु के बाद नेत्रदान से क्षतिग्रस्त कार्निया के स्थान पर स्वस्थ कार्निया को प्रत्यारोपित किया जाता है।

प्रत्यारोपण के बाद दृष्टिहीन व्यक्ति फिर से सामान्य व्यक्ति की भांति देख सकता है और उसकी जिंदगी जगमगाने लगती है। यह याद रहे कि नेत्रदान मृत्यु के छह घंटे के अंदर हो जाना चाहिए। अनेक संगठनों द्वारा नेत्रदान की सुविधा घर पर भी दी जाती है। जिस व्यक्ति ने नेत्रदान की घोषणा न की हो, उसके रिश्तेदार मृत व्यक्ति का नेत्रदान कर सकते हैं। आंखों का कोई आपरेशन करा चुके, चश्मा पहनने वाले व्यक्ति या डायबिटीज के रोगी भी नेत्रदान कर सकते हैं।

पंद्रह मिनट में संपन्न होने वाली प्रत्यारोपण प्रक्रिया से शरीर का कोई अंग क्षत-विक्षत नहीं होता। नेत्रदान के पुनीत कार्य को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रलय प्रतिवर्ष 25 अगस्त से आठ सितंबर राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा आयोजित करता है। नेत्रहीनों तथा अल्पदृष्टिबाधितों की देश की मुख्यधारा में भागीदारी संवर्धित करने के उद्देश्य से भारत सरकार का राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान कार्यरत है। नेत्रदान पुण्य कार्य है। इस अभियान में स्वयं के योगदान तथा अन्यों को भागीदार बनाना सही मायनों में मानवीय सेवा है।

यह तीसरा वर्ष है जब वर्ल्ड ब्लाइंड यूनियन (World Blind Union) नवंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा आधिकारिक रूप से अनुमोदित किए जाने के बाद दिवस मनाएगा. पहला विश्व ब्रेल दिवस वर्ष 2019 में मनाया गया था. विश्व ब्रेल दिवस को अंधे और आंशिक रूप से देखे जाने वाले लोगों के लिए संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए आधिकारिक तौर पर नामित किया गया था.

World Braille Day 2022: ब्रेल का काम पहली बार 1829 में प्रकाशित हुआ था :
1824 में ब्रेल ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपने काम को प्रस्तुत किया. कुछ साल बाद, ब्रेल ने एक प्रोफेसर के रूप में सेवा की और अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण समय ब्रेल लिपि प्रणाली का विस्तार करने में बिताया. ब्रेल ने 1829 में पहली बार ब्रेल लिपि प्रणाली प्रकाशित की. आठ साल बाद उनकी इस भाषा पर एक बेहतर संस्करण प्रकाशित हुआ.

 

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