पन्द्रह साल पुराने वाहन के पंजीयन का नवीनीकरण न कराने पर हो रही कार्रवाई.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लगातार नोटिस देने के बाद भी पुराने वाहनों के पंजीयन का नवीनीकरण न कराए जाने के बाद परिवहन विभाग ने पंजीयन को निरस्त करना शुरू कर दिया है। फिलहाल एक हजार वाहनों का पंजीयन निरस्त किया गया है।
निजी प्रयोग वालों वाहनों का 15 साल तक पंजीयन किया जाता है और रोड टैक्स लिया जाता है। 15 साल के बाद वाहन मालिकों को पंजीयन का नवीनीकरण कराना पड़ता है। निजी वाहन में दो पहिया वाहन, कार, कृषि कार्य वाले ट्रैक्टर आदि शामिल हैं। अधिकांश लोगों ने 15 साल पुराने वाहनों के पंजीयन का नवीनीकरण नहीं कराया है। नियम के अनुसार पंजीयन का नवीनीकरण नहीं कराने वालों के वाहन को कंडम घोषित कर दिया जाता है, लेकिन अधिकांश लोगों ने पुराने वाहनों को कंडम घोषित नहीं किया था।
वर्ष 2006 से पहले खरीदे गए वाहनों की संख्या 50 हजार से अधिक है। परिवहन विभाग की ओर से वर्ष 2018 से लगातार पुराने वाहन मालिकों को नोटिस भेजा जा रहा है, जिसके बाद एक हजार वाहन मालिकों ने पंजीयन का नवीनीकरण कराया है। अन्य वाहन मालिकों ने पंजीयन का नवीकरण नहीं कराया। उन्हें कई बार नोटिस दिया जा चुका है। पिछले साल नवीनीकरण नहीं कराने वालों का पंजीयन निलंबित कर दिया गया था। इसके अलावा नवीनीकरण कराने का अनुरोध भी किया था।
नये साल में परिवहन विभाग ने पुराने वाहनों का पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रथम चरण में एक हजार वाहनों का पंजीयन निरस्त किया गया है। जिनके वाहनों का पंजीयन अभी तक निलंबित है, वह आवेदन देकर नवीनीकरण करा सकते हैं। एक बार वाहनों का पंजीयन निरस्त हो जाने के बाद पुराने वाहनों का पंजीयन नहीं हो पाएगा। जिन वाहनों का पंजीयन निरस्त हो गया है, ऐसे वाहनों के मालिकों को वाहन को कंडम घोषित करना होगा।
पंजीयन निरस्त वाहनों को सड़क पर चलते हुए पकड़े जाने पर सीज कर लिया जाएगा। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) छवि सिंह ने बताया कि पुराने वाहनों का पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिनके पुराने वाहनों का पंजीयन निरस्त नहीं हुआ है, वह अभी भी नवीनीकरण करा सकते हैं।
केंद्रीय मोटर यान नियमावली, 1989 के नियम-52 के तहत किए प्राविधान के अनुसार ऐसे वाहन को मोटर यान अधिनियम की धारा-39 के तहत विधिक रूप से पंजीकृत नहीं माना जा सकता और इनका सार्वजनिक स्थान पर संचालन विधि मान्य नहीं है। ऐसी स्थिति में यह मानने का पर्याप्त कारण है कि अधिनियम की धारा-53 की उपधारा (1) के अंतर्गत वाहन का सार्वजनिक स्थान पर संचालन जनता के लिए खतरा पैदा करेगा और वाहन मोटर यान अधिनियम तथा तत्संबंधी नियमावली के प्रावधानों की अपेक्षाओं को पूर्ण नहीं करता है।
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