केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्य स्तरीय कवेंशन संपन्न
23-24 फरवरी को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल सफल करने की हुई अपील
जनवरी महीने में पूरे राज्य में जिलावार होगा कन्वेंशन
श्रीनारद मीडिया, प्रकाश चन्द्र द्विवेदी, पटना (बिहार)
आज केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा 10 सूत्री मांग पर मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ पटना के आईएमए हॉल में राज्य स्तरीय कन्वेंशन आयोजित किया गया। कन्वेंशन में सबसे पहले एक अध्यक्ष मंडली का प्रस्ताव पास किया गया। इस अध्यक्ष मंडली में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह, एटक के रामविलास शर्मा, सीटू की ओर से संतोष झा, एक्टू की ओर से जितेंद्र कुमार, एआईयटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष एमके पाठक एवं आईएफटीयू(सर्वहारा) की ओर से राधेश्याम शामिल थे। कन्वेंशन की शुरुआत में घोषणा पत्र पटल पर एटक के बिहार महासचिव गज नफर नवाब द्वारा रखी गई।
इस घोषणापत्र के समर्थन में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह, सीटू के बिहार महासचिव गणेश शंकर सिंह, एटक के बिहार राज्य सचिव हरदेव ठाकुर, एआईयूटीयूसी के बिहार राज्य सचिव सूर्यकर जितेंद्र, ऐक्टू के बिहार महासचिव आर एन ठाकुर, यूटीयूसी के बिहार महासचिव वीरेंद्र ठाकुर, आईएफटीयू(सर्वहारा) के आकांक्षा प्रिया, अखिल भारतीय परिवहन फेडरेशन के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव आर. लक्ष्मैया सहित स्वतंत्र फेडरेशन एवं एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भी बातें रखी। कन्वेंशन में कहा गया कि भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार मजदूर – किसान – युवा – छात्र – महिला विरोधी, राष्ट्र विरोधी नीतियां लाई है। साथ ही बिहार सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है।
नेताओं ने आगे कहा कि देश व राज्य की हालत बद से बदतर है। बेरोजगारी, महंगाई चरम पर है। सरकारी व राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचा जा रहा है। रेल, बैंक, बीमा, रक्षा, बंदरगाह, पैट्रोलियम, एयरलाइंस, हवाई अड्डे, बिजली, स्टील, राजमार्ग, दूरसंचार, कोयला आदि सभी का निजीकरण किया जा रहा है। अभी यह सरकार राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन योजना लाई है जो राष्ट्र विरोधी है।
कन्वेंशन में यह भी कहा गया कि आज असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा और पेंशन का तो सवाल है ही, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के सामने भी गहरा संकट आ गया है। आंगनवाड़ी, आशा एवं मिड डे मील कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा और सरकारी कर्मचारी का दर्जा का भी सवाल अहम है।
कन्वेंशन में तमाम मजदूर नेताओं ने एक सुर में कहा कि किसान आंदोलन की शिक्षा हमारे सामने है। मजदूर वर्ग भी लगातार संघर्ष करें एकजुट होकर संघर्ष करें तो हम भी मोदी सरकार को घुटनों पर लाकर खड़ा कर सकते हैं।
अंत में जनवरी 2022 में जिलेवार कन्वेंशन करते हुए व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए 23-24 फरवरी 2022 के आम हड़ताल को सफल करने का जोरदार आवाहन किया। कंवेंशन में इंटक के अखिलेश पांडे ने धंयवाद ज्ञापन किया। केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से संवाद प्रेषण एआईयूटीयूसी के सचिव सूर्यकर जितेंद्र ने किया।
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