जिम्मेदार अधिकारियों को कीमत चुकानी पड़ेगी–किरण बेदी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले की जांच चार सदस्यों की कमेटी करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में इस कमेटी का गठन किया है। जांच के लिए कमेटी का गठन किए जाने पर पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने इसका स्वागत किया है। किरण बेदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि ये पंजाब प्रशासन और पुलिस का सबसे खराब प्रदर्शन है। इसने पूरे देश के लिए बहुत खराब उदाहरण पेश किया है।

किरण बेदी ने आगे कहा कि विफलता को लेकर पहले संदेह था, लेकिन अब ये स्पष्ट हो गया है। पंजाब सरकार पीएम की सुरक्षा से समझौता करने को तैयार थी। जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। मुख्य सचिव, डीजीपी और गृह सचिव इसके लिए जवाबदेह हैं।

इससे पहले बीते शनिवार को भी किरण बेदी ने इस घटना के दौरान बड़े अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाए थे। किरण बेदी ने ये भी कहा था कि पुल रुकने के लिए बेहद ही खतरनाक जगह है क्योंकि पुल को बम से आसानी से उड़ाया जा सकता है। पीएम की सुरक्षा में सबसे बड़ी चूक वहां डीजीपी समेत कई बड़े अधिकारियों का ना होना था।

सुप्रीम कोर्ट ने गठित की कमेटी

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पीएम की सुरक्षा में चूक मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। चार सदस्यों की कमेटी की अगुवाई जस्टिस इंदु मल्होत्रा करेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी मौजूदा जांच कमेटियों पर रोक भी लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी ये अध्ययन करेगी कि सुरक्षा में चूक का मूल कारण क्या था? सुरक्षा को और अभेद्य बनाने के लिए और कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं। कोर्ट ने इस मसले पर 10 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के गठन का ऐलान कर दिया है। पंजाब में हुई सुरक्षा में चूक की जांच चार सदस्यों की कमेटी करेगी। इसकी अगुआई जस्टिस इंदु मल्होत्रा करेंगी। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने सभी मौजूदा जांच कमेटियों पर रोक भी लगा दी है। बता दें कि पंजाब सरकार और गृह मंत्रालय दोनों ने मामले की जांच के लिए अपनी-अपनी कमेटी बनाई थी, दोनों ने ही एक-दूसरे की जांच पर भरोसा नहीं होने की बात कही थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अभी अपने आदेश में समय सीमा तय नहीं की है। कोर्ट ने कहा है कि समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी ये अध्ययन करेगी कि सुरक्षा में चूक का मूल कारण क्या था? सुरक्षा को और अभेद्य बनाने के लिए और कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पीएम की सुरक्षा में चूक की हाई लेवल जांच होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पीएम की सुरक्षा खामियों की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज द्वारा कराई जाएगी।

बता दें, 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला उस समय फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट के लिए फंसा रह गया था, जब वे फिरोजपुर जा रहे थे और रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक लिया था। 15-20 मिनट इंतजार करने के बावजूद जब स्थिति नहीं सुधरी तो पीएम मोदी के काफिले को वापस लौटना पड़ा था।

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