बिहार में संविदा पर कार्यरत कर्मियों की मौत पर स्वजनों को मिलेगा 25 लाख तक मुआवजा, पढ़े नियम में क्‍या हुआ बदलाव

बिहार में संविदा पर कार्यरत कर्मियों की मौत पर स्वजनों को मिलेगा 25 लाख तक मुआवजा, पढ़े नियम में क्‍या हुआ बदलाव

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

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बीआरडीएस अंतर्गत कार्यरत मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के संविदा नियोजित कर्मियों की मृत्यु पर उनके निकटतम आश्रितों को अब अधिकतम 25 लाख रुपये तक मुआवजा मिल सकेगा।

वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के सभी कर्मियों एवं मनरेगा योजना अंतर्गत कार्यक्रम पदाधिकारियों, कार्यपालक अभियंताओं और सहायक अभियंताओं की मृत्यु के उपरांत निकटतम आश्रित को उनके मूल मानदेय का 60 गुणा राशि का भुगतान मृत्यु मुआवजा के रूप में संबंधित योजनाओं के आकस्मिकता निधि से राज्य स्तर से की जाती है, लेकिन मनरेगा अंतर्गत शेष अन्य पदों के मृत कर्मी के आश्रित को मृत्यु मुआवजा का भुगतान जिला स्तर से किया जाता है। साथ ही बीआरडीएस अंतर्गत जिला एवं राज्य स्तर पर अन्य पदों पर भी नियुक्तियां की गई है। इसके आलोक में सभी बीआरडीएस कर्मियों में एकरूपता के लिए मृत्यु मुआवजा का भुगतान संबंधित योजनाओं के आकस्मिकता निधि से राज्य स्तर से किए जाने का निर्णय लिया गया है।

 

 

पूर्व में केवल दुर्घटना के मामलों में मृत्यु मुआवजा देने का प्रावधान था, लेकिन कार्यकारिणी समिति के अनुमोदन के आलोक में दुर्घटना के अलावा किसी अन्य कारण से भी मृत्यु की स्थिति में मूल मानदेय का 60 गुणा अथवा अधिकतम 25 लाख रुपये के भुगतान का प्रावधान किया गया है।

बीआरडीएस अंतर्गत नियोजित कर्मियों के मानदेय भुगतान एचआरएमएस के माध्यम से किया जा रहा है और एचआरएमएस पर कर्मी द्वारा अपने आश्रित का नाम नामित करने का प्रावधान है, एचआरएमएस के प्रतिवेदन अनुसार सभी कर्मियों द्वारा अपने आश्रितों को नामित किया गया है।

बीआरडीएस के सभी कर्मियों के सेवाकाल में दुर्घटना अथवा अन्य कारणों से मृत्यु होने की स्थिति में मृत्यु मुआवजा का भुगतान संबंधित योजनाओं के आकस्मिकता निधि से राज्य स्तर से किया जाएगा।

अनुमान्य मुआवजे का भुगतान एचआरएमएस पर नामित आश्रित अथवा नामांकन नहीं होने की स्थिति में मृतक कर्मी के सभी पारिवारिक सदस्यों के द्वारा दिए गए फोटो सहित शपथ पत्र में उल्लेखित परिवार के सदस्य (सदस्यों) को किया जाएगा। मृत्यु मुआवजा का दावा करने वाले व्यक्ति, आश्रित द्वारा दस्तावेज जिला पदाधिकारी व उप विकास आयुक्त को समर्पित किए जाएंगे।

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