कोरोना के 24 घंटे में सामने आए 2.7 लाख नए केस, ओमिक्रान के मामलों में आया बड़ा उछाल.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
देश में कोरोना का कहर प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बीते 24 घंटे में कोरोना के 2,71,202 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि कोरोना की पोजिटीविटी दर में कमी देखने को मिली है, पोजिटीविटी दर अब 16.66 से घटकर 16.28 फीसद पर आ गई है। केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार भारत में पिछले 24 घंटे में 1,38,331 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं और 314 लोगों की मौत हुई है। अब कोरोना के कुल एक्टिव केसों की संख्या 15,50,377 हो गई है। कोरोना से ठीक होने वाले कुल मरीजों की बात करें तो यह आंकड़ा 3,50,85,721 पर पहुंच गया है। देशभर में कुल मौतें अब 4,86,066 हो गई है।
ओमिक्रोन केसों में आई तेजी, 28.17 फीसद बढ़े मामले
वहीं अब ओमिक्रोन के मामलों में भी लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। बीते 24 घंटे में इसके कुल 7,743 मामले दर्ज किए गए हैं। शनिवार के मुकाबले इसमें 28.17 फीसद का उछाल देखने को मिला है।
टेस्टिंग में आई कमी
भारत में शनिवार को कोरोना टेस्टिंग की संख्या में कमी दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में केवल 16.65 लाख टेस्ट किए गए। वहीं शुक्रवार को 17.87 लाख कोरोना के टेस्ट किए गए थे। हालांकि त्योहारों की वजह से इसमें कमी हो सकती है। गौरतलब है भारत में कोरोना महामारी शुरू होने से अब तक 70.24 करोड़ से अधिक कोरोना टेस्ट हो चुके हैं।
वैक्सीनेशन की संख्या 156.76 करोड़ के पार पहुंची
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार द्वारा चलाया जा रहा वैक्सीनेशन अभियान भी तेजी से काम कर रहा है। देश में कुल वैक्सीनेशन डोज की संख्या अब 156.76 करोड़ के पार पहुंच गई है।
देश में कोरोना के मामलों की तेजी से बढ़ती संख्या के अनुपात में टेस्टिंग नहीं बढ़ने की एक बड़ी वजह टेस्टिंग के लिए आइसीएमआर की नई गाइडलाइन भी मानी जा रही है। नई गाइडलाइन में आइसीएमआर ने कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की टेस्टिंग की अनिवार्यता खत्म कर दी है। वहीं, संक्रमण की दर 15 फीसद के पार कर जाने के बावजूद अस्पतालों में भर्ती होने वाले संक्रमितों की कम संख्या की वजह से सरकार में दूसरी लहर जैसी बेचैनी देखने को नहीं मिल रही है।
दरअसल पिछले तीन दिनों में पूरे देश में कोरोना टेस्टिंग में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। बुधवार को 18.86 लाख टेस्ट हुए थे, जो गुरूवार को 17.87 लाख और शुक्रवार को 16.13 हजार ही टेस्ट हुए। जबकि इन तीन दिनों में संक्रमण दर बुधवार को 13.11 प्रतिशत और गुरूवार को 14.78 प्रतिशत से बढ़कर शुक्रवार को 16.66 फीसद तक पहुंच गई है। संक्रमण दर के बढ़ने के बावजूद टेस्टिंग नहीं बढ़ने की एक बड़ी वजह आइसीएमआर की नई गाइडलाइन मानी जा रही है।
इस बार आइसीएमआर ने कोरोना टेस्टिंग को किया सीमित
दूसरी लहर के दौरान जहां सरकार टेस्टिंग, टेस्टिंग और टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा था। वहीं, इस बार आइसीएमआर ने संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले सिर्फ उन्हीं लोगों तक टेस्टिंग को सीमित कर दिया, जिनमें कोरोना संक्रमण से जुड़ा कोई लक्षण हो या जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो या फिर उम्र 60 साल से अधिक हों। यहां तक होम आइसोलशन में रहने वाले संक्रमितों के लिए भी तीन दिन तक लगातार बुखार नहीं आने की स्थिति में सातवें दिन कोरोना मुक्त मानने का प्रावधान कर दिया गया है और इसके लिए कोई टेस्टिंग की जरूरत भी नहीं है।
संक्रमित व्यक्तियों में 96 फीसद तक देखने को नहीं मिल रहे लक्षण
जाहिर है नई गाइडलाइन के हिसाब के अपेक्षाकृ्त कम लोगों को टेस्ट कराने की जरूरत पड़ रही है। देश में बढ़ते संक्रमण दर के बावजूद टेस्टिंग नहीं बढ़ाने की वजह पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तीसरी लहर में अभी तक संक्रमण दर का बढ़ना चुनौती के रूप में सामने नहीं आया है क्योंकि संक्रमित व्यक्तियों में भी 96 फीसद तक में लक्षण देखने को नहीं मिल रहे हैं,
जिनमें लक्षण देखने को मिल भी रहे हैं, उनमें अधिकांश हल्के किस्म के हैं, जो घर पर ही ठीक हो रहे हैं। बहुत कम लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने और आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में सिर्फ संक्रमण दर बढ़ने के कारण घबड़ाहट में कोई फैसला लेना उचित नहीं होगा। उनके अनुसार स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए है और इसी वजह से बदलती जरूरत के मुताबिक इस बार टेस्टिंग पर जोर नहीं दिया जा रहा है।
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