माघ महीना का महत्व और त्योहार?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सनातन धर्म के पवित्र माह माघ मास का आरंभ 18 जनवरी से हो रहा है। इस माह का महत्व इसलिये भी अधिक है क्योंकि इस माह में बहुत से प्रमुख त्योहारों होते हैं। इसके अलावा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ के महीने में पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए माघ मास के दौरान संगम के किनारे कल्पवास किया जाता है। मान्यता है कि कल्पवास के शरीर और आत्मा शुद्ध हो जाते हैं।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार एक बार माघ मास के दौरान गौतम ऋषि ने भगवान इंद्र को श्राप दे दिया। इंद्र देव को जब अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने महर्षि गौतम से क्षमा मांगी। तब गौतम ऋषि ने उन्हें माघ मास में गंगा स्नान कर प्रायश्चित करने के लिए कहा। जिसके बाद इंद्र को श्राप से मुक्ति मिली। यही कारण है कि इस माह की अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है।
माघ मास के त्योहार
21 जनरवरी को लंबोदर संकष्टी चतुर्थी है।
23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जयंती है।
25 जनवरी को कालाष्टमी है।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है।
28 जनवरी को षटतिला एकादशी है।
30 जनवरी को गांधी जी पुण्यतिथि है।
30 जनवरी को मेरु त्रयोदशी और प्रदोष व्रत है।
31 जनवरी को अमावस्या है।
1 फरवरी को मौनी अमावस्या है।
2 फरवरी को माघ अमावस्या है।
2 फरवरी से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ है।
4 फरवरी को विनायक चतुर्थी है।
5 फरवरी को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा है।
6 फरवरी को स्कंन्द षष्ठी है।
7 फरवरी को रथ सप्तमी और नर्मदा जयंती है।
7 फरवरी को भीष्म अष्टमी है।
8 फरवरी को मासिक दुर्गाष्टमी और मासिक कार्तिगाई है।
10 फरवरी को रोहिणी व्रत है।
12 फरवरी को जया एकादशी है।
13 फरवरी को कुंभ संक्राति और भीष्म द्वादशी है।
14 फरवरी को प्रदोष व्रत है।
16 फरवरी को गुरु रविदास और ललिता जयंती है।
16 फरवरी को माघ पूर्णिमा है।
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