बिहार में अब पीने वालों को नहीं होगी जेल,क्यों?
सरकार शराबबंदी कानून में कर सकती है संशोधन.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नालंदा में जहरीली शराब पीने से 12 की मौत के बाद एनडीए के घटक दल जदयू और भाजपा के बीच शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच न्यायालय में मद्य निषेध से जुड़े लंबित आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार शराबबंदी कानून में संशोधन कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने इसको लेकर संशोधन प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है।
नए संशोधन में शराब पीने के अपराध में पकड़े गए अभियुक्तों को थोड़ी राहत दी जा सकती है। शराब पीने के जुर्म में जेल भेजने के बजाय मजिस्ट्रेट के समक्ष तय जुर्माना भरकर छोड़े जाने का प्रविधान किया जा सकता है। जुर्माना न भरने की स्थिति में ही जेल भेजा जाएगा।
शराब बनाने और बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई
हालांकि शराब बनाने और बेचने वालों पर पहले की तरह ही सख्त कार्रवाई होगी। इस संशोधन प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री और अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। चर्चा है कि बजट सत्र में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव सदन में लाया जा सकता है।
- – कोर्ट का दबाव कम करने के लिए विभाग ने बनाया संशोधन प्रस्ताव,
- – बजट सत्र में हो सकता है पेश, थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद
- – शराब बनाने और बेचने वालों पर पहले की तरह ही होगी सख्ती
बड़े शराब माफिया पर कसेगा शिकंजा
नई व्यवस्था का उद्देश्य कोर्ट में लंबित मामले को कम करने के साथ बड़े शराब माफिया और तस्करों को जल्द से जल्द सजा दिलाना भी है। सूत्रों के अनुसार, अभी 30-40 फीसद कांड शराब पीने वालों के खिलाफ हैं। इनके कारण शराब तस्करी से जुड़े बड़े मामलों की सुनवाई भी प्रभावित हो रही। संशोधन के बाद न्यायालयों में लंबित आवेदनों का दबाव कम होगा तो बड़े शराब माफिया और तस्करों के मामलों की सुनवाई जल्द पूरी हो सकेगी। उनका ट्रायल जल्द पूरा कराकर सजा दिलाने की दर भी बढ़ाई जाएगी।
BJP-JDU Rift: ‘अगर गठबंधन में रहना है तो ठीक से रहिए, अन्यथा जाइए।’ यह भले ही जनता दल यूनाइटेड (JDU) का आधिकारिक बयान नहीं हो, लेकिन पार्टी के एक विधायक (JDU MLA) ने ऐसी बात कह राजनीति में गर्मी ला दी है। जी हां, जेडीयू विधायक संजीव कुमार (JDU MLA Sanjeev Kumar) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए ऐसा ही कहा है। यह बयान बिहार के नालंदा में बीते दिनों जहरीली शराब से मौतों (Nalanda Hooch Deaths) के बाद बीजेपी के शराबबंदी के खिलाफ दिए गए बयानों के जवाब में दिया गया है।
अनाप-शनाप बयानबाजी बर्दाश्त नहीं
जेडीयू के विधायक संजीव कुमार ने कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सहयोगी दल शराबबंदी (Liquor Ban) की समीक्षा की मांग बात मीडिया में कर रहे हैं। मीडिया में अनाप-शनाप बोलने से बेहतर है कि वे एक बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से बात करें। जब अन्य मसलों पर बात हो सकती है तो इसपर क्यों नहीं? सरकार में सहयोगी हैं और हल्ला भी कर रहे हैं। इतनी ही समस्या है तो छोड़ दीजिए साथ, कौन रोक रहा है? विधायक ने कहा कि साथ रहकर अनाप-शनाप बयानबाजी अब बर्दाश्त के बाहर है। पार्टी मुख्यमंत्री के फैसले के साथ है।
शराबबंदी सीएम नीतीश का ड्रीम प्रोजक्ट
विदित हो कि बिहार में शराबबंदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजक्ट है। विपक्ष इसके खिलाफ आवाज उठाता रहा है। लेकिन अब सत्ताधारी दलों ने भी इस कानून की समीक्षा की मांग उठाई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल (Dr. Sanjay Jaiswal) ने भी इस कानून को लेकर सरकार के स्टैंड से हटकर बयान दिया है। उधर, सत्ताधारी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भी शराबबंदी कानून की समीक्षा के पक्ष में आवाज उठाई है।
कानून में अब हो सकता है कुछ बदलाव
बीते दिनों ऐसी ही मांगों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि शराबबंदी को वापस लेने का सवाल ही नहीं है। हालांकि, बताया जा रहा है कि अब सरकार शराबबंदी कानून में कुछ बदलाव की तैयारी कर रही है। इसमें पीने वालों को जेल के बजाय जुर्माना देकर छोड़ दिया जाएगा, लेकिन बनाने और बेचने वालों के खिलाफ सख्ती जारी रहेगी।
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