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कोरोना से निपटने के क्‍या हैं इंतजाम? सरकार ने अपनाया ये फार्मूला.

कोरोना से निपटने के क्‍या हैं इंतजाम? सरकार ने अपनाया ये फार्मूला.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देश में  बीते 24 घंटों के दौरान 3.33 लाख से अधिक कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं। 525 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना के दैनिक नए मामलों में कमी भी आई है। रविवार को 3,33,533 संक्रमण के नए मामलों का पता चला है जो कि शनिवार की तुलना में 4,171 कम हैं। इसके बावजूद कोरोना की तीसरी लहर पांच गुना तेजी से फैल रही है।

अभी भी देश के सात राज्‍यों में विस्‍फोटक स्थिति बनी हुई है। देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मामलों ने रफ्तार पकड़ ली है। हालात देखकर पता चलता है कि नई दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अब लाकडाउन का ही विकल्प बचा है। तीसरी लहर की आहट के बीच इन जगहों पर कोविड मामलों की संख्या बढ़ने के साथ ही धीरे-धीरे कड़े प्रतिबंधों का दौर शुरू हो गया है।

सात राज्‍यों में विस्‍फोटक स्थिति

1- कोरोना के तेजी से प्रसार के कारण मन में यह जरूर जिज्ञासा उत्‍पन्‍न होती है क्‍या देश में लाकडाउन लगेगा ? क्‍योंकि इन राज्‍यों की R वैल्‍यू 3 के ऊपर है। यह कोरोना विस्‍फोटक स्थिति को दर्शाता है। अगर देश में पहले के दो लाकडाउन पर नजर डालें तो संक्रमण की स्थिति पहले से ज्‍यादा भयावह है। ऐसे में सवाल जरूर उठता है कि क्‍या देश तीसरे लाकडाउन की कगार पर है ? आखिर सरकार की योजना क्‍या है। संक्रमण से निपटने में सरकार की रणनीति क्‍या होगी ?

2- देश के इन राज्‍यों में सीमित प्रतिबंधों के साथ संक्रमण पर काबू पाने की कोशिश जारी है। मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश, दिल्‍ली, महाराष्‍ट्र और गुजरात में नाइट कर्फ्यू के उपबंध है। मध्‍य प्रदेश सरकार ने स्‍कूलों और कालेजों में 50 फीसद की उपस्थिति के साथ कुछ अन्‍य पाबंदियां लगाई हैं। इसके अलावा सार्वजनिक स्‍थलों पर जाने के लिए वैक्‍सीनेशन को अनिवार्य बनाया गया है। देश के सबसे बड़े प्रांत में उत्‍तर प्रदेश में 8वीं तक के स्‍कूल बंद चल रहे हैं। राज्‍य में सार्वजनिक स्‍थानों एवं समारोह में 200 लोगों को शामिल होने के आदेश हैं।

3- दिल्‍ली में हालात काफी नाजुक है। ओमिक्रोन से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में थोड़ी पाबंदियां बढ़ाई गई हैं। राज्य में अब वीकेंड कर्फ्यू है, यानी शनिवार और रविवार को कर्फ्यू रहेगा। और इस दौरान बेवजह घर से बाहर निकलने पर पाबंदी रहेगी। वहीं, जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाकी सारे सरकारी आफिस बंद रहेंगे। इस दौरान अधिकारी कर्मचारी घर से ही कमा करेंगे।

4- उधर, मुंबई में भी कोरोना मामलों में वृद्धि के मद्देनजर लगातार नई गाइडलाइन जारी की जा रही हैं। शहर लाकडाउन की ओर बढ़ रहा है। वहीं, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत दूसरे राज्यों में भी नाइट कर्फ्यू जारी है। पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्‍य गुजरात में ओमिक्रोन का प्रसार तेज है। इसके चलते स्‍कूल सार्वजनिक स्‍थलों में वैक्‍सीनेशन को जरूरी किया गया है। इन तमाम सरकारी उपबंधों से कोरोना को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

देश में कोरोना से निपटने के क्‍या इंतजाम

1- बड़ा सवाल यह है कि देश में कोरोना से निपटने के क्‍या इंतजाम है। क्‍या केंद्र और राज्‍य सरकारों ने पहले और दूसरे लाकडाउन से सबक लिया है। निश्चित रूप से पहले की अपेक्षा सरकार सजग और सचेत हुई है। देश और राज्‍यों में स्‍वास्‍थ्‍य के आधारभूत ढांचे में सुधार हुआ है। कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर के बाद देश में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं मजबूत हुई है। आइसोलेशन बेड की संख्‍या में विस्‍तार हुआ है। देश में करीब 18.03 लाख आइसोलेशन बेड है। इसके अतिरिक्‍त 1.24 लाख ICU बेड के इंतजाम है।

2- दूसरी लहर में देश में आक्‍सीजन की बड़ी किल्‍लत थी। आक्‍सीजन की कमी के चलते बड़ी तादाद में लोगों की मौत हुई थी। हालांकि, इसके बाद केंद्र सरकार ने इस पर काम किया है। देश में 3.236 आक्‍सीजन के प्‍लांट मौजूद है। इनकी क्षमता 3,783 मीट्रिक टन है। 1,14 लाख आक्‍सीजन कंसंट्रेटर केंद्र ने राज्‍य सरकार को मुहैया कराए हैं।

3- इसके अतिरिक्‍त केंद्र सरकार ने वैक्‍सीनेशन पर बड़ा जोर दिया है। अब तक 150 करोड़ से ज्‍यादा वैक्‍सीन के डोज दिए जा चुके हैं। इसमें 64 फीसद आबादी को एक डोज मिल चुकी है और 46 फीसद आबादी को वैक्‍सीन की दो डोज लग चुकी है। ऐसे में यह उम्‍मीद कम ही है कि देश में कठोर लाकडाउन की स्थिति बनेगी। फ‍िलहाल कुछ राज्‍यों को छोड़ दिया जाए तो स्थिति काबू में हैं। लाकडाउन से बचने के लिए हमें सरकार की गाइड लाइन और सुझावों पर कठोरता से अमल करना होगा। कोरोना प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करना होगा।

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