सकारात्मक सोच, निष्ठावान कर्म, प्रसन्न मन, प्रयत्नशील स्वभाव भी राष्ट्र आराधना के ही सुंदर माध्यम: गणेश दत्त पाठक

सकारात्मक सोच, निष्ठावान कर्म, प्रसन्न मन, प्रयत्नशील स्वभाव भी राष्ट्र आराधना के ही सुंदर माध्यम: गणेश दत्त पाठक

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श्रीनारद मीडिया‚ सीवान (बिहार)

सिवान के अयोध्यापुरी स्थित पाठक आईएएस संस्थान में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गणतंत्र दिवस समारोह का हुआ आयोजन

सिवान। राष्ट्र ही हमारे अस्तित्व का आधार होता है। राष्ट्र ही हमारी चेतना का प्रतिबिंब होता है। राष्ट्र की आराधना ही सर्वोपरि है। इस संदर्भ में हर नागरिक का व्यक्तिगत स्तर पर लघु प्रयास भी कमाल कर सकता है। यदि हम व्यक्तिगत स्तर पर भी सकारात्मक सोच रखें। जो भी आजीविका के लिए कर्म कर रहे हो, उसे निष्ठापूर्ण तरीके से करें। मन को सदा प्रसन्न रखा जाए। स्वभाव से सदैव प्रयत्नशील रहा जाए तो ये सब भी राष्ट्र आराधना के शानदार माध्यम ही हैं। व्यक्तिगत स्तर पर तार्किक सोच और संवेदनशील प्रयास राष्ट्र के विकास के लिए अनिवार्य तथ्य होते हैं। ये बातें गणतंत्र दिवस के अवसर पर बुधवार को शिक्षाविद् श्री गणेश दत्त पाठक ने पाठक आईएएस संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही। शहीदों के नमन के उपरांत पौधारोपण भी इस अवसर पर किया गया।

इस अवसर पर श्री पाठक ने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन के दौरान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने सीमित संसाधनों के बल बूते बेहद ताकतवर ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी थी। आज हम सापेक्षिक रूप से बेहतर स्थिति में हैं। इसलिए अपने प्रयासों में राष्ट्र उन्नति के संदर्भों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। आजादी का अमृत महोत्सव का अवसर राष्ट्र आराधना का सुअवसर है।

इस अवसर पर श्री पाठक ने कहा कि अभी हमारा देश कोरोना महामारी की विभीषिका का सामना कर रहा है। कोरोना उपयुक्त व्यवहार का परिपालन भी देश सेवा का ही स्वरूप है।आने वाले दिनों में हमें जलवायु परिवर्तन की बड़ी चुनौती का सामना करना है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को वृक्षारोपण का प्रयास करना चाहिए। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए संस्थान परिसर में निदेशक श्री पाठक द्वारा पौधारोपण भी किया गया। इस अवसर पर मनोज यादव, राहुल सिन्हा, रागिनी कुमारी, स्नेहा पांडे सहित अन्य अभ्यर्थी मौजूद रहे।

गणेश दत्त पाठक,
निदेशक,
PATHAK’S IAS
अयोध्यापुरी, सिवान
7261832114

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