बिहार में बनेगा विराट रामायण मंदिर, 270 फीट रहेगा ऊंचा.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
महावीर मन्दिर न्यास द्वारा केसरिया के पास निर्माणाधीन विराट रामायण मन्दिर 250 वर्ष से ज्यादा आयु का होगा. इसके लिए मन्दिर के स्ट्रक्चरल डिजाइन में विशेष बदलाव किए जा रहे हैं. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पूर्व महानिदेशक विनीत कुमार जायसवाल को विराट रामायण मन्दिर का मुख्य परामर्शी, तकनीकी सेवाएं बनाया गया है. उनके सुझाव पर मन्दिर के स्ट्रक्चरल डिजाइन में जरूरी बदलाव किये जा रहे हैं.
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के सर्वोच्च पद से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए विनित जायसवाल नये संसद भवन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे. केंद्रीय लोक निर्माण द्वारा ही नये संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है जिसका स्ट्रक्चरल डिजाइन न्यूनतम 250 वर्ष की आयु के अनुसार तैयार किया गया है. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पूर्व डीजी विनीत कुमार जायसवाल के परामर्श के अनुसार नये संसद के तर्ज पर विराट रामायण मन्दिर के स्ट्रक्चरल डिजाइन में आवश्यक बदलाव किये जा रहे हैं. वे विराट रामायण मन्दिर निर्माण समिति के सदस्य भी होंगे.
पावरग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व सीएमडी आर पी सिंह भी विराट रामायण मन्दिर निर्माण समिति के सदस्य हैं. महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि पूर्व में विराट रामायण मन्दिर का स्ट्रक्चरल डिजाइन न्यूनतम 100 साल की मजबूती के हिसाब से तैयार किया गया था. लोहा, सीमेंट और टफेन ग्लास से पूरा मन्दिर बनना था. अब विशेष किस्म के स्टील का इस्तेमाल मन्दिर निर्माण में होगा. अभी मन्दिर के बाहरी परिसर का काम चल रहा है. मुख्य मन्दिर के निर्माण की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
पूर्वी चंपारण के केसरिया के निकट निर्माणाधीन विराट रामायण मन्दिर 100 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. अयोध्या से जनकपुर तक स्वीकृत राम-जानकी मार्ग मन्दिर को स्पर्श कर गुजर रहा है. बिहार की सीमा में दो लेन के पूर्व प्रस्तावित धार्मिक महत्व की इस सड़क को पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन के अनुरोध पर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में फोर लेन किए जाने की स्वीकृति दी है.
विराट रामायण मन्दिर की ऊंचाई 270 फीट, लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट होगी. बहुप्रतिक्षित विराट रामायण मन्दिर का निर्माण जल्द शुरू हो रहा है. नये संसद भवन का निर्माण शीघ्र पूरा होने के बाद विशेष तकनीक के अनुभवी कारीगरों और अभियंताओं की टीम विराट रामायण मन्दिर के निर्माण में जुटेगी.