आपका बच्चा पढ़ाई से जी चुराता है तो उसके अध्यनन कक्ष में करे ये काम…

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार बसंत पंचमी 05 फरवरी 2022 को मनाई जाएगी। बसंत पंचमी के दिन विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करने से विद्या और बृद्धि का वरदान मिलता है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की उपासना से बच्चों में वाणी दोष और पढ़ाई में मन ना लगने जैसी समस्याएं दूर होती हैं।

अगर बच्चे का मन पढ़ाई-लिखाई में नहीं लगता है तो उसे बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को हरे रंग फल अर्पित करना चाहिए।

अगर बच्चा पढ़ाई से जी चुराता है तो उसके स्टडी रूम में माता सरस्वती का एक चित्र चिपका दें। बच्चे को पढ़ाई करने से पहले नियमित रूप से माता को हाथ जोड़कर प्रणाम करने के लिए कहें।

बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा के बाद बच्चे की जीभ पर शहद से ॐ बनाएं। इससे बच्चे का मन पढ़ाई में लगता है और उसकी बुद्धि में वृद्धि होती है।

अगर बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता है तो बसंत पंचमी के दिन उसकी किताबों के बीच में मोरपंख रखें। माना जाता है कि ऐसा करने से माँ सरस्वती प्रसन्न होती हैं।

बसंत पंचमी के दिन बच्‍चे की किताबों पर पीले रंग का कवर चढ़ाएं और उस पर रोली से स्वास्तिक बनाएं। ऐसा करने से माँ सरस्वती प्रसन्न होती हैं और बच्चा ज्ञानवान बनता है।

बसंत पंचमी के दिन बच्चे को सुबह जल्दी उठने को कहें। आँख खुलते ही सबसे पहले अपनी हथेलियाँ देखनी चाहिए। माना जाता है कि हमारे हाथों में त्रिदेव, लक्ष्मी और सरस्वती का वास होता है।

अगर बच्चे की वाणी में दोष है तो बसंत पंचमी के दिन उसकी जीभ पर चांदी की सलाई या पेन की नोक से केसर द्वारा ‘ऐं’ लिखें। मान्यता है कि इससे वाणी दोष समाप्त हो सकता है।

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