एड़ी का दर्द होगा छूमंतर, अपनाये ये उपाय पाए खुद को बेहतर, घरेलु उपचार करेंगे दर्द को बेअसर
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क
आमतौर पर एड़ी के निचले हिस्से, किनारों या टखने के पास पीठ में दर्द होता है जो कभी कभी इतना आसहनीय हो जाता है की व्यक्ति केवल और केवल पेनकिलर्स पर ही आश्रित होके रह जाता है l
दर्द का प्रभाव
एड़ी आपके शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिस पर चलते समय आपके शरीर का पूरा वजन होता है। इसलिए, अगर एड़ी में दर्द होता है, तो यह मुश्किल हो जाता हैं.एड़ी के दर्द के कई कारण होते हैं, लेकिन सबसे आम है आरामदायक चप्पल या जूते न पहनना। एड़ी का दर्द गठिया, संक्रमण या चोट के कारण भी हो सकता है।
एड़ी दर्द के विभिन्न कारण
1. तल का फैस्कीटिस
तल का फैस्कीटिस एड़ी के दर्द का एक सामान्य प्रकार है। तल का प्रावरणी पैर के तलवों में एक मोटा ऊतक होता है। यह एक तीर की तरह होता है और पैर के गोल हिस्से को सहारा देता है। यह सूजा हुआ और दर्दनाक होता है। इस रोग को तल का फैस्कीटिस कहा जाता है।
इस रोग में मुख्य शिकायत सुबह उठने के बाद उठने और पहला कदम उठाने पर तेज दर्द होता है साथ ही एड़ी का दर्द पूरे दिन बना रहता है।
आयु –
40 से 60 वर्ष की आयु के लोगों को यह समस्या होती है, उम्र इस समस्या का कारण बनती है। लेकिन सही और आरामदायक चप्पल या जूते न पहनने के कारण आजकल उम्र घटती जा रही है।
मोटापा –
मोटे लोगों में प्लांटर फैसीसाइटिस अधिक प्रचलित है। यह समस्या पैरों पर भारी वजन के कारण होती है।
काम की प्रकृति –
जिन लोगों को अपने काम के लिए लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ता है, उनके लिए यह एक समस्या हो सकती है। शिक्षकों, कारखाने के कर्मचारियों, या सुरक्षा गार्डों में तल का फैस्कीटिस विकसित होने की अधिक संभावना होती है क्योंकि उन्हें लंबे समय तक खड़े होकर काम करना पड़ता है, जिससे एड़ी पर दबाव पड़ता है।
पैर के तलवे की संरचना –
कुछ लोग फ्लैट या अधिक गोल तलवों के साथ पैदा होते हैं। ऐसे लोगों को तल का फैस्कीटिस हो सकता है क्योंकि उनके तलवों की संरचना चलते समय उनकी एड़ी पर दबाव डालती है।
विशिष्ट प्रकार के व्यायाम –
अत्यधिक दूरी की दौड़ या एरोबिक्स आदि भी एड़ी पर तनाव के कारण तल का फैस्कीटिस का कारण बन सकते हैं। इसलिए किसी भी प्रकार का व्यायाम करते समय सावधानी बरतें।
2. कैल्केनियल बोन लेसियन
एड़ी की हड्डी को कैल्केनस कहा जाता है। उस हड्डी में चोट लगना, जैसे कि फ्रैक्चर, एड़ी में तेज दर्द का कारण बन सकता है।
3. कैल्केनियल बर्साइटिस
एड़ी के पीछे द्रव से भरा थैला होता है। इसे बर्सा कहते हैं। बर्सा में सूजन होने पर एड़ी के पिछले हिस्से में तेज दर्द होता है। गलत साइज के सैंडल और जूते पहनने से ऐसी समस्या हो सकती है। यह ठंड में समस्या की गंभीरता को भी बढ़ा देता है।
4. दर्दनाक वसा पैड
एड़ी का निचला हिस्सा एक मोटे पैड से ढका होता है जो जमीन पर एड़ी के प्रभाव की गंभीरता को कम करता है। यदि किसी कारण से यह आवरण सूज जाता है तो एड़ी में तेज दर्द होता है।
5. हील स्पर (एड़ी की हड्डी का बढ़ना)
कैल्शियम हड्डियों के पास बनता है और एड़ी की हड्डी का विकास हील स्पर कहलाता है। इससे एड़ी में दर्द भी हो सकता है।
6. अन्य कारण
एड़ी का दर्द गठिया, गाउट, मांसपेशियों में चोट के कारण भी हो सकता है।
एड़ी दर्द के प्राथमिक उपचार
1. कंट्रास्ट बाथ –
एक में दो बाल्टी गर्म पानी लें और दूसरे को दूसरे में भिगो दें। पहले अपने पैरों को गर्म पानी में 3 मिनट के लिए भिगो दें और फिर तुरंत अपने पैरों को 1 मिनट के लिए ठंडे पानी में भिगो दें।
ऐसा दिन में दो बार 15 मिनट तक करें। इससे एड़ी का दर्द कम होता है।
2. बॉल मसाज –
एक टेनिस बॉल लें और इसे अपने पैरों के तलवों के नीचे रखें। फिर गेंद को पैर के नीचे दबा कर एड़ी से पांव तक रोल करें। इससे एड़ी के दर्द से राहत मिलती है और एड़ी का दर्द भी कम होता है।
3. बोतल घुमाना –
हथेली के नीचे पानी की एक बोतल रखें और हथेली को एड़ी से अंगूठे तक घुमाकर गले की जगह पर मालिश करें।
4. पैरों को गर्म पानी में डुबाना-
गर्म पानी में नमक मिलाने से पैर भीग जाते हैं और इसमें पैरों को डुबाने से पैरों को अच्छा कंपकंपी मिलती है और एड़ी का दर्द कम हो जाता है।
5. पैरों की मालिश-
पैरों के तलवों की मालिश करने से भी दर्द कम होता है। मालिश के लिए तेल का प्रयोग कर पैरों पर दबाव डालें और आराम पाने के लिए हल्के हाथों से मालिश करें। फर्श पर खड़े होने और चलने से भी फर्क पड़ता है।
6. सही जूते पहनना –
ऊँची एड़ी या चप्पल के बिना फ्लैट, आरामदायक जूते का उपयोग करने से एड़ी का दर्द कम होता है। साथ ही फुटवियर सही साइज के होने चाहिए, न ज्यादा टाइट और न ज्यादा ढीले।
एड़ी दर्द के उपचार व दवा
1. आराम – एड़ी में तेज दर्द होने पर आराम करना जरूरी है। किसी भी प्रकार का व्यायाम न करें या ऐसा कुछ भी न करें जिससे पैरों पर दबाव पड़े।
2. आहार – कैल्शियम से भरपूर आहार पैरों की सेहत के लिए अच्छा होता है। इस बात पर भी ध्यान दें कि आहार से सभी प्रकार के विटामिन और खनिज प्राप्त किए जा सकते हैं। विटामिन डी की कमी से हड्डियों से संबंधित रोग होते हैं। इसलिए इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
3 फिजियोथेरेपी – एड़ी के दर्द की सलाह पर एक खास तरह के व्यायाम से राहत मिलती है। इसमें पैरों को स्ट्रेच करने के साथ-साथ मांसपेशियों को मजबूत बनाना भी शामिल है फिजियोथैरेपी से हर तरह के दर्द से राहत मिलती है।
4. दवाएं – एड़ी के दर्द के लिए डॉक्टर की सलाह पर पेनकिलर ले सकते हैं।
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