सूचनाएं लीक करने वाला IPS अफसर 11 साल तक रहा NIA में,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
2011 बैच के आइपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी की गिरफ्तारी से हिमाचल पुलिस के दामन पर बड़ा दाग लग गया है। अधिकारी ने जिस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में करीब 11 साल तक सेवाएं दी, अब उसी के कार्यालय में गिरफ्तारी हुई। आइपीएस अफसर नेगी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के रहने वाले हैं। 2011 में नेगी ने बतौर आइपीएस अधिकारी ट्रेनिंग शुरू की थी। लंबे समय तक वह एनआइए में रहे। नेगी हिमाचल के जनजातीय एवं सेब उत्पादक जिला किन्नौर के रहने वाले हैं। नेगी पर लश्कर को सूचनाएं लीक करने का आरोप है। एनआइए की टीम ने ही उन्हें गिरफ्तार किया है।
एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी के विरुद्ध सरकार कार्रवाई कर सकती है। अरविंद अगर 48 घंटे से अधिक जांच एजेंसी की कस्टडी में रहते हैं तो उन्हें डीम्ड सस्पेंड माना जाएगा। अरविंद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
नेगी को वीरवार को शिमला से पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, लेकिन इसकी किसी को भनक तक नहीं लगने दी। इससे पहले नवंबर में एनआइए ने शिमला और किन्नौर स्थित कई ठिकानों पर दबिश दी थी। शिमला स्थित आवास में तो काफी हलचल हुई थी। उसी दौरान सिरमौर के नाहन से एक प्रापर्टी डीलर को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। बताया जाता है कि उसी के माध्यम से जांच एजेंसी नेगी तक पहुंची। इसके बाद इसके बैंक खातों की भी जांच की गई।
हाल ही में लौटे थे हिमाचल
हाल ही में अरविंद एनआइए से हिमाचल लौटे थे। उनकी नई जगह तैनाती नहीं हुई थी। इस बीच जहरीली शराब कांड में डीजीपी संजय कुंडू ने डीआइजी सेंट्रल रेंज मधुसूदन की अगुवाई में एसआइटी गठित की थी। इसमें अरविंद को भी शामिल किया गया था। कुछ दिन पूर्व ही उन्हें एसडीआरएफ का एसपी बनाया गया।
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