क्या नवाब मलिक का पूरा करियर विवादों से भरा है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
एक दशक से अधिक समय तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे नवाब मलिक तीखे बयान और जुझारू राजनीति शैली की वजह से इस तरह की भूमिका के लिए नियुक्त किए गए। अंडरवर्ल्ड डॉन और आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री मलिक को अक्सर अपनी पार्टी के सहयोगियों और करीबी समर्थकों के साथ भी अटपटे ढंग से पेश होते देखा जाता है।
पांच बार के विधायक का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के धुसवा गांव का है और कभी कबाड़ी बेचने वाले नवाब मलिक आज महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक, उद्यम और कौशल विकास का मंत्रालय संभाल रहे हैं। शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की ड्रग्स के मामले में गिरफ्तारी के बाद एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ खुलासे करने वाले मलिक के आरोपों की जद में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवसी भी आए।
मलिक पर क्या आरोप हैं?
ईडी एक संपत्ति सौदे की जांच कर रही है जिसमें कहा जा रहा है कि नवाब मलिक ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के साथ किया था। ऐसे आरोप हैं कि मलिक ने यह संपत्ति -मुंबई के कुर्ला में एलबीएस मार्ग पर गोवावाला कंपाउंड में 3 एकड़ जमीन – 85 लाख रुपये में खरीदी, जिसमें से 30 लाख रुपये बिक्री समझौते में दिखाए गए थे और बाकी का भुगतान नकद में किया गया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि संपत्ति का पंजीकृत मूल्य मौजूदा बाजार दर से काफी कम था। ईडी के अनुसार पारकर ने 2005 में मलिक के लाभकारी हित के लिए सलीम पटेल के पास रखी संपत्ति में अपना हित स्थानांतरित कर दिया।
ईडी ने दावा किया है कि सरदार शाहवाली खान, जिनके अंडरवर्ल्ड से संबंध हैं, जिसनने बिक्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अदालत में ईडी के रिमांड आवेदन के अनुसार जमीन मूल रूप से मुनीरा प्लंबर के स्वामित्व में थी और पारकर और उसके फ्रंटमैन व अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने वाले मोहम्मद सलीम इशाक खान उर्फ सलीम पटेल ने जाली माध्यम से “हड़प” लिया था। प्लंबर ने ईडी को बताया कि उसने बिक्री के लिए मलिक से कभी संपर्क नहीं किया और पिछले साल ही मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से इसके बारे में पता चला। ईडी ने आरोप लगाया है कि बिक्री समझौते में जमीन की कुल कीमत 30 लाख रुपये है।
मामले के बारे में 10 बातें जिन्हें आपको जानना चाहिए:
- मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
- ईडी अन्य लोगों के अलावा मलिक के कुर्ला संपत्ति सौदे की जांच कर रही है। नवाब मलिक द्वारा दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर को कुर्ला में 3 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए 80 लाख रुपये के भुगतान की जांच की जा रही है।
- महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने नवंबर में आरोप लगाया था कि मलिक ने 1993 के मुंबई बम विस्फोट के दोषी सरदार शाहवाली खान और मोहम्मद सलीम इशाक पटेल के साथ संपत्ति का सौदा किया था। हसीना के नाम पर मुंबई में संपत्ति जमा होती थी और यह सब सलीम पटेल के नाम पर लिस्ट होती थी।
- फडणवीस ने आरोप लगाया था कि कुर्ला में एल बी एस मार्ग पर 2.80 एकड़ की एक प्रमुख संपत्ति सॉलिडस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मात्र 30 लाख रुपये में खरीदी गई थी। सौदे पर हस्ताक्षरकर्ता नवाब मलिक के बेटे फ़राज़ मलिक थे।
- मलिक ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उसने कभी भी अंडरवर्ल्ड से किसी के साथ कोई समझौता नहीं किया। मलिक ने कहा कि कुर्ला की जमीन पर एक गोदाम है जिसे सॉलिडस ने मुनीरा पटेल से पट्टे पर लिया था।
- शाहवली खान के बारे में फडणवीस के दावों पर मलिक ने कहा- “खान के पिता इस परिसर में एक चौकीदार थे और परिवार ने संपत्ति के रिकॉर्ड पर अपना नाम दर्ज करने में कामयाबी हासिल की, 300 मीटर जमीन पर दावा किया। जब हमें इसके बारे में पता चला तो हमने उन्हें उनके अधिकार सौंपने के लिए पैसे दिए।”
- एनसीपी ने मलिक की पूछताछ और गिरफ्तारी को “सत्ता के दुरुपयोग” का एक और उदाहरण और “राजनीतिक विरोधियों को चुप कराने के लिए एक दबाव रणनीति” करार देते हुए भाजपा पर निशाना साधा है।
- पिछले हफ्ते ईडी ने मुंबई में 10 परिसरों की तलाशी ली थी, जिसमें दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर, छोटा शकील के बहनोई सलीम फ्रूट और इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के बेटे सहित अन्य के आवास शामिल थे।
- ईडी ने इब्राहिम इकबाल मिर्ची, छोटा शकील, पारकर और जावेद चिकना के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है। गैरकानूनी गतिविधियां जैसे नागपाड़ा और भिंडी बाजार इलाके में जबरन वसूली, मादक पदार्थों की तस्करी, अचल संपत्ति की बिक्री के माध्यम से अवैध रूप से प्राप्त धन से जुड़े कई हवाला लेनदेन मामले शामिल हैं।
- दाऊद इब्राहिम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा इस महीने की शुरुआत में डी कंपनी के खिलाफ कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दायर एक नए मामले पर आधारित है।
कबाड़ का कारोबार
नवाब मलिक के जन्म से पहले ही उनके पिता मोहम्मद इस्लाम मलिक मुंबई में बस गए थे। लेकिन अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए मलिका का परिवार वापस उत्तर प्रदेश लौटा। 20 जून 1959 को यूपी के बलरामपुर के उतरौला तालुका में नावब मलिक का जन्म हुआ। बाद में मलिक का परिवार मुंबई लौट आया। मलिक के मुंबई में छोटे और बड़े व्यवसाय के साथ ही एक होटल भी था। इसके अलावा उनका कबाड़ का भी कारोबार था। एक बार बीजेपी की आलोचनाओं पर मलिक ने खुद भी कहा था कि हां मैं कबाड़ीवाला हूं। मेरे पिता कपड़े और कबाड़ का कारोबार करते थे। विधायक बनने तक मैंने भी कबाड़ का कारोबार भी किया। मेरा परिवार अब भी करता है। मुझे इस पर गर्व है।
संजय गांधी से प्रभावित होकर राजनीति में रखा कदम
उन्होंने 1995 में नेहरू नगर सीट के लिए सपा उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा और मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के बावजूद शिवसेना के सूर्यत महादिक से 50 हजार मतों से हार गए। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा परिणाम को रद्द कर दिया गया, मलिक ने 1996 में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की। साल 1999 में भी नवाब मलिक सपा से चुनाव जीता।
अबू आजमी से विवाद और सपा से निष्कासन
सपा मुंबई में उत्तर भारतीय प्रवासियों के बीच अपने आधार का विस्तार करना चाह रही थी। मलिक की यूपी पृष्ठभूमि और उत्तर भारतीयों के प्रभुत्व वाले स्क्रैप व्यापार में उनकी जड़ों ने इसमें मदद की। कांग्रेस और एनसीपी के साथ समाजवादी पार्टी के गठबंधन सरकार में उन्हें राज्यमंत्री का पद मिला। लेकिन दोनों आदमी जल्द ही अलग हो गए। नवाब मलिक ने अबु आजमी से वैचारिक मतभेद सामने आए। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए मलिक ने इसका जिक्र करते हुए कहा था कि मैं राजनीति के सांप्रदायिकरण के खिलाफ था। कुछ नेता सपा को मुस्लिम लीग में बदलने की कोशिश कर रहे थे। सात अक्टूबर 2001 को आज़मी द्वारा मलिक को सपा से निष्कासित करने के चार दिन बाद वो एनसीपी में शामिल हो गए।
अन्ना का अनशन और मलिक का इस्तीफा
2003 में अन्ना ने कांग्रेस और एनसीपी सरकार के कथित तौर पर चार भ्रष्ट मंत्रियों-सुरेश दादा जैन, नवाब मलिक, विजय कुमार गावित और पद्मसिंह पाटिल के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ दी और भूख हड़ताल पर बैठ गए। मलिक ने पिछली भाजपा-शिवसेना सरकार को इस फैसले के लिए जिम्मेदार ठहराया, लेकिन 2005 में एक आयोग द्वारा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के बाद श्रम मंत्री के रूप में इस्तीफा देना पड़ा। तीन साल बाद, उन्हें उसी पोर्टफोलियो में वापस लाया गया।
2009 में, लौटने वाली कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया, लेकिन एनसीपी ने उन्हें प्रवक्ता के रूप में नामित किया। 2011 में, महाराष्ट्र के तत्कालीन डिप्टी सीएम अजीत पवार ने मलिक को रोकने के लिए विधानसभा के पटल पर हस्तक्षेप किया क्योंकि उन्होंने एक लड़की की मौत की सीबीआई जांच की मांग की थी, जिसका शव भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की कार में मिला था।
दामाद पर एनसीबी का शिकंजा
नवाब मलिक के दामाद समीर खान भी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के निशाने पर हैं। पिछले साल एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर खान के खिलाफ 1,000 पेज की चार्जशीट दायर की है। समीर खान महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों और कौशल विकास मंत्री एवं राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता नवाब मलिक के दामाद हैं। समीर ख़ान नवाब मलिक की सबसे बड़ी बेटी नीलोफ़र के पति हैं। एनसीबी ने समीर ख़ान को जनवरी में एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 (ए) के तहत मादक पदार्थों की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। समीर ख़ान को मामले में 14 अक्टूबर को सत्र अदालत ने ज़मानत दे दी है।
आर्यन खान केस में शाहरूख के हितैषी
नवाब मलिक लगातार और उनके परिवार पर आरोप लगाते रहे हैं। साल 2021 में जब बॉलीवुड ऐक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने गिरफ्तार किया था तो समीर खिलाफ आरोपों की बौछार कर दी। समीर वानखेड़े के जन्म प्रमाण पत्र से लेकर उनके परिवार के मुस्लिम होने तक के आरोप लगाए थे। उन्होंने समीर वानखेड़े के साथ-साथ उनके परिवार और पत्नी पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। तब उन्होंने कहा था कि ‘पिक्चर तो अभी बाकी है मेरे दोस्त’।
- यह भी पढ़े…..
- नलजल से पानी आपूर्ति नियमित नहीं होने पर वार्ड सदस्य ने बीडीओ ने किया शिकायत
- जयललिता कैसे बनीं तमिलनाडु की सबसे बड़ी लीडर?
- रसूलपुर के पूर्व पंचायत सेवक से अपराधियों ने पैसे छीने
- दरौली थाना परिसर मे नशा मुक्ति व दहेज प्रथा विषय पर परिचर्चा का हुआ आयोजन