डिजिटल दौर में साइबर हमलों से बचाव में बग हंटर्स की बड़ी भूमिका.

डिजिटल दौर में साइबर हमलों से बचाव में बग हंटर्स की बड़ी भूमिका.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

ऐेसा माना जाता है कि दूसरों की गलतियां ढूंढ़ना आसान है, पर स्वयं की गलतियां तलाशना बहुत ही मुश्किल है। दूसरों की गलतियां बताने को समाज में अशिष्ट व्यवहार माना जाता है। पर यदि हम दूसरों की गलतियां अच्छी नीयत के साथ बताएं, तो यह सामने वाले के लिए फायदेमंद होती है। सामने वाला यदि बड़े दिल का है, तो वह इसे सकारात्मक रूप से लेता है।

मध्य प्रदेश के अमन पांडे को इसी तरह के काम के लिए गूगल ने इनाम के तौर पर करोड़ों रुपये दिए हैं। अमन ने गूगल की अनेक गलतियां खोजकर बग रिपोर्ट भेजी थी। इस तरह की गलतियों को तलाशने वालों को ‘बाउंटी बग हंटर्स’ के नाम से भी जाना जाता है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं। आपके घर पर कोई चोर चोरी करने आया हो और आपका पड़ोसी समय पर आपको जगाकर इसकी सूचना दे, फिर पुलिस को फोन कर दे, तो ऐसे पड़ोसी को आप जागरूक कहेंगे। उसे आप अपना सच्चा हितैषी मानेंगे। कुछ ऐसे ही हालात इन दिनों उन कंपनियों के हैं, जिन्हें कुछ युवा यह बताते हैं कि आपकी कंपनी के डाटा चोरी होने वाले हैं। उसे इस तरह से बचाया जा सकता है।उस कंपनी के लिए ये युवा संकटमोचक होते हैं। इन्हें बाउंटी बग हंटर्स कहते हैं.

आज जिस तरह से देश-दुनिया में विविध कार्यों के लिए डिजिटल प्रारूप और इसमें होने वाले व्यवहार का दायरा निरंतर बढ़ता जा रहा है, ऐसे में साइबर हमले की आशंका भी बढ़ गई है। इसके अलावा दिनों-दिन र्हैंकग की समस्या भी बढ़ती जा रही है। इस समस्या से निबटने के लिए ‘एथिकल हैकर्स’ की फौज तैयार हो रही है। दूसरे शब्दों में इन्हें हम साइबर सेना कह सकते हैं।

इस फौज में कई लोग साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स हैं, तो कई लोग साइबर विशेषज्ञ हैं। वेब के जाल में कौन घुस रहा है, इसकी जानकारी ऐसे बाउंटी बग हंटर्स कंपनियों को देते रहते हैं। साथ ही वे यह भी बताते हैं कि आपकी वेबसाइट को किस तरह से सुरक्षित रखा जाए। इस समय किसी भी साइबर सिक्योरिटी एजेंसी की रिपोर्ट का अवलोकन किया जाए, तो यह स्पष्ट होगा कि साइबर हमले और डाटा चोरी के मामले में सबसे अधिक हमारा देश प्रभावित हो रहा है।

ताजा आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2020 से फरवरी 2021 तक भारत में डेढ़ करोड़ साइबर अटैक होने का अनुमान है। जिन कंपनियों पर साइबर अटैक हुए हैं, उनके पास न तो अत्याधुनिक तकनीक थी और न ही वायरस रोकने के लिए कोई प्रभावी सिस्टम था। साइबर अटैक के मामले में जागरूक रहने के लिए साइबर विशेषज्ञ और इंडियन स्कूल आफ एथिकल र्हैंकग से जुड़े लोग कहते हैं कि वेब चलाने वाली कंपनियों को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।

कई कंपनियां हैकर्स की ब्लेकमेलिंग का शिकार भी होती हैं। इसके लिए ही इस तरह की कंपनियां बाउंटी बग हंटर्स की सेवाएं लेती हैं, ताकि कंपनी के डाटा सुरक्षित रहें। एक संबंधित तकनीकी कंपनी का मानना है कि उनकी प्रतिस्पर्धी की नजर उनके 25 लाख उपभोक्ताओं पर टिकी है। उनके डाटा प्राप्त करने के लिए वे साइबर हमले करवा चुकी है। परंतु उसने अपने उपभोक्ताओं को पहले ही चेतावनी दे दी थी। ऐसा दोबारा न हो, इसलिए कंपनी ने बाउंटी बग हंटर्स की सेवाएं लेते हुए सुरक्षा का मामला उन्हें सौंप दिया।

इस समय बहुत से ऐसे हंटर्स हैं, जो अभी कालेज में पढ़ ही रहे हैं। ये विद्यार्थी पढ़ाई से समय निकालकर कंपनियों की वेबसाइट्स चेक करते हैं। अन्य कंपनियों की ‘फिशिंग एक्टिविटी’ को पकड़कर उसका खात्मा करते हैं। ऐसे विद्यार्थियों को कंपनी की तरफ से सम्मानजनक पारिश्रमिक भी मिलता है। हाल ही में बंगाल के स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट हैक हुई, तब एक बाउंटी बग हंटर्स ने इसे बचा लिया। यदि समय पर उसे यह काम नहीं सौंपा गया होता, तो लगभग 80 लाख लोगों का हेल्थ डाटा असुरक्षित हो जाता।

कई विशेषज्ञ बड़ी कंपनियों की वेबसाइट्स को चेक करके उसमें वायरस की जानकारी कंपनी को देते हैं। साथ ही यह भी बताते हैं कि इस वायरस के चलते आपकी कंपनी के डाटा चोरी हो सकते हैं। हर कंपनी ऐसे लोगों को बुलाकर अपनी साइट्स से वायरस को खदेड़ने का काम करवाती है। जो कंपनी ऐसा नहीं कर पाई, उनकी हालत बिगड़ती चली गई। कई कंपनियों का दिवाला निकल गया। डार्क पेज पर ऐसी कंपनियों के ग्राहकों की सूची बिकती रहती है।

अमेरिका और यूरोप में बाउंटी बग हंटर्स की वेबसाइट चलती है। फेसबुक, याहू और गूगल जैसी तमाम कंपनियों से लोगों ने बग हंटर्स के महत्व को समझा। बाद में अनेक कंपनियों ने बग हंटर्स को अपनी कंपनी में नियुक्त करना शुरू किया। हमारे देश में हैकिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसलिए बग हंटर्स की मांग भी बढ़ रही है। बेंगलुरु की साइबर सिक्योरिटी कंपनी पूरे विश्व में बाउंटी बग हंटर्स की आपूर्ति करती है। नैसकाम की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत को आगामी पांच वर्षों में करीब पांच लाख बाउंटी बग हंटर्स की आवश्यकता होगी। इस दृष्टि से भविष्य बग हंटर्स का है। इस दिशा में आज के युवा कुछ नया करना चाहते हैं, तो इस दिशा में प्रयास करें, तो उनका भविष्य उज्ज्वल है।

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