यह हमारी मातृभूमि, हमारे घर वापस जाने का समय है–पायलट.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमला बोल दिया था। यूक्रेन पर हमले का आज सातवां दिन है। लगभग एक हफ्ते बाद भी यूक्रेन में हजारों भारतीय फंसे हुए हैं। भारतीय नागरिकों की वतन वापसी के लिए केंद्र सरकार ने दिन-रात एक कर दिया है। लगातार विशेष उड़ानों के जरिए भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया जा रहा है। बुधवार को भी कुछ फ्लाइट भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली पहुंची हैं।
बुधवार सुबह बुडापेस्ट से भी एक फ्लाइट दिल्ली आई है। इस फ्लाइट के पायलट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। लगभग एक मिनट के इस वीडियो में पायलट विमान में बैठे भारतीयों का जोश बढ़ाते दिख रहे हैं। पायलट लोगों से कह रहे हैं, ‘यह हमारी मातृभूमि, हमारे घर वापस जाने का समय है।’ पायलट की बातचीत के बाद फ्लाइट में बैठे लोग ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे भी लगा रहे हैं।
लगभग 6 हजार नागरिकों को भारत लाया गया
केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने बताया कि अब तक लगभग 6 हजार भारतीयों को वापस लाया जा चुकी है। मुरलीधरन ने कहा, ‘लगभग 20 हजार भारतीय यूक्रेन में फंसे थे। इनमें से 24 फरवरी तक 4 हजार भारतीय लोट चुके थे। मंगलवार तक दो हजार से ज्यादा भारतीयों को विशेष विमानों के जरिए भारत लाया गया है।’ उन्होंने कहा कि सरकार रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और माल्दोवा के रास्ते बाकी नागरिकों को लाने की कोशिश कर रही है।
बता दें कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले का एलान किया था। भारतीयों की वापसी के लिए सरकार ने आपरेशन गंगा शुरू किया था। इस मिसन के तहत भारतीय को विशेष उड़ानों के जरिए मुफ्त भारत लाया जा रहा है। 26 फरवरी को पहली फ्लाइट 219 नागरिकों को लेकर मुंबई पहुंची थी।
रूस यूक्रेन युद्ध का आज सातवां दिन है। भारत के आम नागरिक का इस युद्ध से भले ही कोई लेना देना न हो, लेकिन उनकी दिलचस्पी इस जंग में बढ़ती जा रही है। कई तरह के सवाल उसके मन में एक साथ कौंध रहे हैं? मसलन क्या यह जंग विश्व युद्ध में तब्दील हो जाएगा? अगर विश्व युद्ध हुआ तो अमेरिका की क्या भूमिका होगी? महायुद्ध के बाद क्या होगा? इस युद्ध में भारत की क्या भूमिका होगी? क्या भारत और रूस की दोस्ती कायम रहेगी? क्या भारत हरदम रूस का साथ निभाता रहेगा? विश्व युद्ध में चीन और पाकिस्तान की क्या भूमिका होगी?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन यह बार-बार संकेत दे रहे हैं कि हमारी या नाटो की सेना यूक्रेन में नहीं प्रवेश करेगी। यह एक संकेत हैं कि हम यूक्रेन में सैन्य हस्तक्षेप नहीं करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान जंग के समय काफी अहम है। उन्होंने इशारा किया है कि यदि रूस यह सोच रहा हो कि जंग लंबा चलने पर अमेरिका या नाटो देश अपनी फौज को यूक्रेन भेज सकते हैं, तो रूस को स्पष्ट हो जाना चाहिए।
खास बात यह है कि रूस का यह बयान ऐसे समय आया है जब पुतिन ने अपने परमाणु बम की सैन्य टुकड़ी को हाई एलर्ट पर कर दिया था। इससे यह संकेत जाता है कि रूस और अमेरिका इस युद्ध को यूक्रेन के बाहर नहीं ले जाने के इच्छुक हैं। इसलिए एक महायुद्ध या विश्व युद्ध की संभावना नहीं दिखती है।
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