आप संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं–सीएम नीतीश ने स्पीकर से कहा.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लखीसराय के एक कांड की जांच सदन की विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने के बाद भी सोमवार को उसके संदर्भ में सवाल पूछे जाने और उस बाबत विधानसभा अध्यक्ष की टिप्पणी से सदन में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खासे नाराज हुए।
उन्होंने एक ही मामले को बार-बार उठाने और विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने के बाद भी उठाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि किसी अपराध की जांच रिपोर्ट अदालत को सौँपी जाती है न कि विधानसभा को। उन्होंने कहा कि संविधान में तीनों अंगों के कामों का निर्धारण स्पष्ट है। आसन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ऐसा हस्तक्षेप मंजूर नहीं है। आप संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे सदन नहीं चलेगा।
सोमवार को 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई। अल्पसूचित प्रश्न के दौरान संजय सरावगी ने लखीसराय में 52 दिनों में नौ लोगों की हत्या का मामला उठाया। इस पर प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि पुलिस सभी मामलों पर कार्रवाई कर रही है। तब सरावगी ने पूरक प्रश्न में लखीसराय के उस पुराने कांड का उल्लेख कर दिया जो सरस्वती पूजा के दौरान हुआ था और जिसकी जांच सदन की विशेषाधिकार समिति कर रही है। तब सभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नियमन दिया कि सरकार इसका जवाब बुधवार को देगी। सीएम इस पर खासे नाराज हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ही मामले को अकारण रोज-रोज उठाने का कोई मतलब नहीं है। जब जवाब दे दिया गया और इस मामले की जांच हो रही है तो बार-बार इस सवाल को क्यों उठाया जा रहा है। सीएम जब अपनी बात रख रहे थे तो सभाध्यक्ष लगातार हस्तक्षेप करने की कोशिश करते रहे। सभाध्यक्ष की टोकाटाकी के बीच सीएम ने कहा कि जांच रिपोर्ट से विधानसभा को क्या मतलब है। उसकी रिपोर्ट कोर्ट में जाती है।
फिर सवाल किया कि क्या रिपोर्ट सदन को दी जाती है? सदन को रिपोर्ट लेने का अधिकार है क्या? आसन की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस तरह से हाउस चलाइएगा। मुझे बहुत तकलीफ हुई है। यह मंजूर नहीं है। कहीं अपराध होगा तो उसकी पूरी जांच होगी और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में जाएगी न कि सदन में। कोर्ट ही सजा देगी। विधानसभा का यह काम नहीं है। जहां तक सदन का सवाल है, सदस्य सवाल पूछते हैं और सरकार जवाब देती है।
सीएम नीतीश ने कहा कि आप कौन हैं जो कह रहे हैं कि आज नहीं दूसरे दिन जवाब देंगे। आपको मालूम है कि हमने 60 दिनों में इस मामले की जांच करने को कहा है। विभाग को कहा है, पूरी मुस्तैदी से लगें। एक बात अच्छी तरह से जान लीजिए कि न हम किसी को फंसाते हैं और न किसी को बचाते हैं। कहीं कोई अपराध करेगा तो उसको बचने नहीं देंगे।
सभाध्यक्ष को कहा कि अपने इलाके की बात को लेकर इस तरह से करिएगा तो अच्छी बात नहीं है। इस तरह का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। हम एमएलए रहे, चार बार से काम करने का मौका मिल रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है। आज तक ऐसा नहीं हुआ। प्रार्थना करेंगे कि अगर इसके बारे में भ्रम है तो बातचीत होनी चाहिए। अनुरोध है कि इस मामले में ज्यादा कुछ मत करिए। जिस चीज का जिसे अधिकार प्राप्त है, वही हो। संविधान में इसकी स्पष्ट व्यवस्था है कि कौन सा काम किसको करना है। अगर जांच में कोई देरी हो रही है तो उसकी समीक्षा करेंगे। जांच किस स्तर तक पहुंची है, ससमय हो रही है या नहीं, यह भी आज ही देखेंगे।
आपका गुस्सा जायज : सभाध्यक्ष
सभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सीएम को कहा कि आपका गुस्सा जायज है और संविधान आप हमसे ज्यादा जानते हैं, इसमें दो मत नहीं है। हम आपसे सीखते हैं। लेकिन आसन को हतोत्साहित करने की जरूरत नहीं है। सदन में जब सवाल आया और प्रश्नकर्ता ने कुर्की से संबंधित जानकारी चाही तो मंत्री जवाब नहीं दे सके। इस मसले पर तीन बार हंगामा हो चुका है। हमने कहा कि यह मामला विशेषाधिकार समिति के पास है, चर्चा नहीं हो सकती। दुर्भाग्य से यह मामला मेरे विस क्षेत्र का है। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से क्यों नहीं लिया। पुलिस ने खानापूर्ति कर दी है। आयोजनकर्ता, उद्घाटनकर्ता को कुछ नहीं हुआ और दर्शक दीर्घा में बैठै लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। निर्दोष लोग थे और वे 19 दिन के बाद जेल से निकले। क्षेत्र में जाने पर कहा जाता है कि दारोगा और डीएसपी के मामले में भी आप कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
यह उठा था सवाल
संजय सरावगी ने अल्पसूचित प्रश्न में जानना चाहा था कि क्या लखीसराय में 52 दिनों में नौ की हत्या हो गई है। इस पर प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि आठ की हत्या हुई है जिसमें तीन की हत्या अपराधियों ने की तो बाकी की हत्या प्रेम प्रसंग, जमीन विवाद, पैसे का लेन-देन या अन्य कारणों से हुई है। अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के पूरक प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारी पूरे मामले को देख रहे हैं।
इस पर सभाध्यक्ष ने इस सवाल को स्थगित करने की बात कही तो मंत्री ने आपत्ति जताई और कहा कि सरकार ने इस सवाल का जवाब दे दिया है इसलिए इसे स्थगित करना सही नहीं है। इसी बीच जब संजय सरावगी लखीसराय में ही सरस्वती पूजा के दौरान घटित घटना का उल्लेख करते हुए सरकार से जवाब जानना चाहा जिसकी जांच सदन की विशेषाधिकार समिति कर रही है, तब सभाध्यक्ष ने बुधवार को फिर से सरकार की ओर से जवाब देने का नियमन दिया।
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