सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हिजाब विवाद, कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को दी गई चुनौती.
हर धर्म के लोग ड्रेस कोड मानें–राजनाथ सिंह.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। कोर्ट के इस फैसले से नाराज याचिकाकर्ताओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए अब सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है।
हिजाब को लेकर दायर याचिकाओं पर फैसला देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि इस्लाम धर्म में हिजाब पहनना जरूरी नहीं है और स्टूडेंट्स स्कूल यूनिफार्म को पहनने से मना नहीं कर सकते। वहीं, हाईकोर्ट ने साफ किया है कि 5 फरवरी के सरकारी आदेश को अमान्य करने का कोई मामला नहीं बनता है।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद बसवराज बोम्मई ने छात्रों से की अपील
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद छात्रों से अपनी कक्षाओं में लौटने का अनुरोध करते हुए शांत रहने की अपील की थी। बसवराज बोम्मई सरकार ने 5 फरवरी को एक आदेश पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि हिजाब पहनने वाले छात्रों को कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 28 दिसंबर को हिजाब पहनने पर लड़कियों को उडुपी के एक प्री-यूनिवर्सिटी सरकारी कॉलेज में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 9 फरवरी को मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी के साथ न्यायमूर्ति जेएम खाजी और न्यायमूर्ति कृष्णा दीक्षित की पीठ का गठन किया, जिसमें छात्रों द्वारा हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली दैनिक आधार पर दायर याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई की गई थी।
एक दिन बाद हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी किया जिसमें छात्रों को सुनवाई के अंत तक कक्षाओं में कोई भी धार्मिक पोशाक पहनने से रोक दिया गया था। 23 फरवरी को पीठ ने स्पष्ट किया कि यह आदेश सभी डिग्री और प्री-यूनिवर्सिटी कालेजों में ड्रेस कोड वाले पर लागू होता है।
शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर जारी विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाई कोर्ट के इस फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए। स्कूल/कालेज के ड्रेस कोड का पालन हर धर्म के सभी लोगों को करना चाहिए।
वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी हाइकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि छात्रों का मूलभूत काम अध्ययन और ज्ञान अर्जित करना है। सब लोग एक होकर पढ़ाई करें।
कोर्ट ने सुनवाई को दौरान कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सरकारी आदेश को अमान्य करने के लिए कोई केस नहीं बनता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि स्कूल यूनिफार्म का प्रिस्क्रिप्शन एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकते हैं। बता दें कि यह विवाद उड्डुपी जिले में एक कालेज में हिजाब पहनकर आने के बाद शुरू हुआ था। कुछ लड़कियां कालेज हिजाब पहनकर आई थी, जिस वजह से उन्हें क्लास में बैठने से रोक दिया गया था। इसके बाद क्लास में पढ़ाई के दौरान हिजाब पहनने से रोके जाने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद इस मुद्दे को लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।
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