द कश्‍मीर फाइल्‍स को लेकर संत भी उत्साहित,150 संतों ने देखी फिल्म.

द कश्‍मीर फाइल्‍स को लेकर संत भी उत्साहित,150 संतों ने देखी फिल्म.

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बिहार के विधायकों को निशुल्क दिखाई जाएगी फिल्म.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

चर्चित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्‍स’ को लेकर आम जन ही नहीं, संत भी उत्साहित हैं। होली के दिन रुड़की में पूरा शो बुक कराकर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर एवं जीवनदीप पीठाधीश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि के साथ 150 संतों ने फिल्म देखी। इनमें हरिद्वार के अलावा मेरठ के संत भी शामिल थे।

हरिद्वार एवं मेरठ क्षेत्र के सभी साधु-संतों ने देखा शो 

महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने बताया कि 18 मार्च को उन्होंने रुड़की स्थित नीलम टाकीज में पूरा शो बुक कराया था। यह शो विशेष रूप से हरिद्वार एवं मेरठ क्षेत्र के सभी साधु-संतों को आमंत्रित कर दिखाई गई।

फिल्म कश्मीर में जिहाद का सच दिखाती है

कहा कि यह फिल्म कश्मीर में जिहाद का सच दिखाती है। फिल्म को देखकर कई साधु-संत व्यथित हो गए। बताया कि इस फिल्म में कश्मीर में पंडितों पर हुए अत्याचार का जो वर्णन किया गया है, वह असहनीय है। यह फिल्म कश्मीर में जिहाद का जीता-जागता उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में इस फिल्म से जागृति आएगी। फिल्म देखने वाले संतों में महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरि, महामंडलेश्वर संतोषानंद गिरि, महामंडलेश्वर शिव प्रेमानंद संपूर्णानंद गिरि, कमल भारती आदि शामिल रहे।

मुगलिया शासनकाल पर भी बने फिल्म

महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने द कश्मीर फाइल्स-2 बनाने की मांग भी की। कहा कि जिहादियों के घृणित चेहरे को समाज को दिखाना चाहिए। केवल कश्मीर ही नहीं, देश के विभाजन और मुगलिया शासनकाल के दौरान हिंदुओं पर हुए अत्याचार को भी प्रदर्शित करती हुई फिल्म बनाई जानी चाहिए।

भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने देखी द कश्मीर फाइल्स

भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी के नेतृत्व में करीब 200 भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने बालीवुड फिल्म द कश्मीर फाइल्स देखी। विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फीचर फिल्म में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचारों को बयां किया गया है।

राजपुर रोड स्थित मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने के बाद नेहा जोशी ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के दर्द को इस फिल्म में दिखाया गया है। कश्मीरी पंडितों ने अलगाववादियों के जो जुल्म और दरिंदगी झेली, उसे पर्दे पर देखकर मन सिहर उठता है। उन्होंने कहा कि सभी को यह फिल्म देखनी चाहिए।

उन्होंने राज्य में इस फिल्म को मनोरंजन कर में छूट दिए जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया। इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष अंशुल चावला, प्रदेश प्रवक्ता नेहा शर्मा, अजय राणा, अंकित जोशी, समीर डोभाल आदि उपस्थित रहे।

बिहार में कश्मीर फाइल्स फिल्म को टैक्स फ्री करने के बाद अब सरकार राज्य के विधायकों को यह फिल्म फ्री में दिखाएगी। इसको लेकर तैयारी कर ली गई है। कश्मीरी हिन्दुओं की प्रताड़ना पर आधारित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स को बिहार के विधायकों को पूरी तरह निशुल्क दिखाने की तैयारी है। 25 मार्च को विधानमंडल के सभी सदस्यों के लिए पटना स्थित सिने पोलिस में विशेष शो आयोजित किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने गुरुवार को सदन में इसकी जानकारी दी। यह विशेष शो शाम साढ़े छह बजे आयोजित होगा। मालूम हो कि भाजपा सदस्यों की मांग पर राज्य सरकार ने इस फिल्म को कर मुक्त किया है। तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि सभी सदस्यों को अलग से आमंत्रित किया जाएगा।

हिंदू विरोधी हिंसा का सच दिखाती है ‘द कश्मीर फाइल्स- सुशील मोदी

राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने सभी से फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स देखने की अपील की है। उन्होंने गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि सत्य घटनाओं पर बनी यह फिल्म नई पीढ़ी को अवश्य देखनी चाहिए। पता चलेगा कि जम्मू-कश्मीर में धार्मिक असहिष्णुता के कारण हिंदुओं पर कितना अत्याचार हुआ था।सुशील मोदी ने कहा कि 32 साल पहले जब पाकिस्तानपरस्त लोगों ने कश्मीरी हिंदुओं को घाटी से भागने पर मजबूर करने के लिए हत्या-दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया था। जम्मू-कश्मीर में तब कांग्रेस के समर्थन वाली फारुख अब्दुल्ला की सरकार थी। कांग्रेस आज भी उस घटना  में अपना अपराध स्वीकार कर माफी मांगने के बजाय उस त्रासदी को नकारने या दूसरा रंग देने की कोशिश कर रही है। यही नहीं, कांग्रेस ने अनुच्छेद-370 लगाकर जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद और आतंकी हिंसा को बढ़ावा दिया था।

इसकी चरम परिणति 1989 में हिंदू पंडितों पर सामूहिक अत्याचार के रूप में हुई। यह उस सच को दिखाने वाली फिल्म है, जिसे देश से छिपाया गया। उन्होंने कहा है कि यदि जनसंघ और बाद में भाजपा की मांग पर अनुच्छेद-370 हटा लिया गया होता, तो कश्मीरी हिंदुओं पर इतनी बड़ी विपत्ति नहीं आती। देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ऋ णी रहेगा कि उन्होंने पांच अगस्त, 2019 को यह अनुच्छेद हटाकर कश्मीर में आतंकवाद और हिंदू-विरोधी हिंसा की कमर तोड़ दी।

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