क्यों खतरनाक है छह नंबर वाला बंगला?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
राजधानी के स्ट्रैंड रोड का सरकारी बंगला नंबर छह राजनेताओं के लिए शुभ साबित नहीं हो रहा। क्योंकि इस बंगले में रहने कोई भी मंत्री कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं। करीब एक दशक से अधिक समय से तो ऐसा ही लग रहा है। भूत बंगला की बात अक्सर लोग करते हैं लेकिन यह मनहूस बंगला हो गया है। इसी बंगले में बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी रहते हैं। अब देखना यह है कि वे अपना कार्यकाल पूरा करते हैं या नहीं। क्योंकि जो स्थिति है, उसमें कुछ भी कहना मुश्किल है।
अवधेश कुशवाहा को दो महीने पहले खाली करना पड़ा बंगला
बात शुरू होती है 2010 से। तब से अब तक तीन मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं। किसी न किसी कारण से उन्हें यह बंगला बेदखल करता रहा है। इस बंगले का आवंटन 2010 जदयू नेता और उत्पाद विभाग के मंत्री अवधेश कुशवाहा को किया गया। लेकिन कार्यकाल पूरा करने से पहले ही रिश्वतखोरी के एक मामले में वे फंस गए। करीब दो महीने पहले उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद उन्हें छह नंबर बंगला भी खाली करना पड़ा।
आलोक मेहता और मंजू वर्मा भी नहीं रह पाए अधिक दिनों तक
अब वर्ष आया 2015। राजद और जदयू के गठबंधन की सरकार बनी। सहकारिता मंत्री आलोक मेहता को यह बंगला दिया गया। उन्हें इस बंगले में रहते हुए केवल 18 महीने ही हुए कि सरकार गिर गई। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया। इसके बाद आलोक मेहता का मंत्री पद भी चला गया और इसके बाद उन्हें बंगला छोड़ना पड़ा। इसके बाद मंजू वर्मा इसमें रहने आईं। बिहार सरकार की मंत्री मंजू वर्मा को इसमें रहते कुछ दिन ही हुए थे कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद बंगला भी खाली करना पड़ा।
इसके बाद पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री सन आफ मल्लाह मुकेश सहनी को छह नंबर बंगला मिल गया। अब देखना है कि वे अपना कार्यकाल पूरा कर पाते हैं या नहीं। उन्होंने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है। कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो चाहेंगे वह करेंगे।
तेजस्वी ने सहनी को चेताया था, मांझी का भी होगा यही हाल
आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwary) ने कहा है कि बीजेपी ने मुकेश सहनी के सीने में खंजर घोंपा है। बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा रहा है कि मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं। उसने निषाद समाज को अपमानित किया है। मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मुकेश सहनी को पहले ही चेताया था कि उनका कूपन रिचार्ज नहीं होगा। अब आगे जीतन राम मांझी का भी वही हाल होगा।
झांसे में फंस गए मुकेश सहनी, बीजेपी का चेहरा भी बेनकाब
आरजेडी प्रवक्ता ने आगे कहा कि अब मुकेश सहनी को अपनी गलती महसूस हो रही होगी। लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) मल्लाह और निषाद समाज के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। तेजस्वी यादव ने लोकसभा में तीन सीट देकर उन्हें सम्मान दिया। पर, मुकेश सहनी झांसे में फंस गए और अब कोई उपाय नहीं है। जैसा किया, वैसा भोग रहे हैं। बीजेपी का असली चेहरा बेनकाब हो गया है।
कांग्रेस बोली: अब आगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी रहें सतर्क
कांग्रेस के असित नाथ तिवारी ने कहा है कि मुकेश सहनी को बीजेपी ने धोखा दिया है। उन्हें खंजर भोंका है। घटना से बीजेपी का चरित्र उजागर हुआ है। अब आगे नीतीश कुमार भी सतर्क रहें, उनके लिए भी खंजर तैयार है। इसके लिए कोशिश शुरू हो चुकी है।
आरोपों पर बीजेपी के किया पलटवार, सहनी से मांगा इस्तीफा
आरोपों पर जलटवार करते हुए बीजेपी के अरविंद सिंह ने कहा कि मुकेश सहनी जब आरजेडी का खंजर खाकर एनडीए में आए थे, तब बीजेपी ने हीं उन्हें सहारा दिया था। बीजेपी ने उन्हें अपने हिस्से की 11 सीटें व नौ प्रत्याशी भी दिए थे। बीजेपी के प्रवक्ता रामसागर सिंह ने मुकेश सहनी से मंत्री पद से इस्तीफा भी मांगा है।
विधानसभा से वीआइपी आउट, सबसे बड़ी पार्टी बनी बीजेपी
विदित हो कि बुधवार को बिहार विधानसभा में वीआइपी के सभी तीन विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल और स्वर्णा सिंह ने पाला बदल कर बीजेपी में शामिल हो गए। इसके साथ मुकेश सहनी की पार्टी का बिहार विधानसभा में अस्तित्व समाप्त हो गया है। साथ ही आरजेडी को पीछे छाड़ते हुए बीजेपी अब विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी हो गई है।
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