13 साल में की 3 शादियां, पहली पत्नी को तलाक, दूसरी की हत्या, तीसरी के साथ पहुंचा जेल
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में अज्ञात महिला का अधजला शव बरामद किया गया था. पुलिस ने मामले की जांच के बाद बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने मृतका के पति और एक अन्य महिला को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि इन्होंने ही मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस के गिरफ्तार आरोपी पति मृतिका को चरोदा भिलाई से लेकर आया था और बालोद जिले के गुरुर में एक अन्य महिला के साथ मिलकर गला घोंटकर हत्या कर दिया था. हत्या के बाद सफारी वाहन में लाश को लाकर कांकेर कोकड़ी मार्ग में पहचान छिपाने पेट्रोल डालकर आग लगा दिया था.
पुलिस ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर मृतिका कि फोटो पोस्ट की थी. मृतिका पूर्णिमा ग्वाला की पहचान होने के बाद पुलिस अधीक्षक कांकेर के निर्देशन में थाना कांकेर की तीन पुलिस टीम जांच में लगाई गई थी. गिरफ्तार आरोपी मृतिका का पति तुलसी दास मानिकपुरी मार्कफेड में क्षेत्र सहायक के पद पर पदस्थ है. पुलिस के मुताबिक आरोपी तुलसीदास ने 13 साल में तीन शादियां कीं. पहली पत्नी से तलाक के बाद उसने पूर्णिमा को दूसरी पत्नी बनाया. कांकेर पुलिस ने तीन जिलों में सीसीटीवी फुटेज खंगाले जिसमें आरोपीगण मृतिका के साथ घटना के दौरान देखे गये थे. गुरुर में गला घोंटकर हत्या करने के बाद लाश को ठिकाने लगाने आने के दौरान प्रयुक्त वाहन सफारी सहित कई स्थान पर सीसीटीवी के जद में आये थे. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी साक्ष्य के रूप में एकत्र कर आरोपियों को गिरफ्तार किया.
पुलिस के मुताबिक आरोपी तुलसीदास ने साल 2009 में पहली बार शादी की. इसके पांच साल में ही उसने पहली पत्नी से तलाक ले लिया. इसके बाद 2014 में उसने पूर्णिमा के साथ विवाह किया. पूर्णिमा के साथ कुछ सालों तक रिश्ता ठीक चला, लेकिन इसी बीच उसका संपर्क इंद्राणी नाम की महिला से हुआ. दोनों में प्रेम संबंध स्थापित हो गए. इसकी जानकारी पूर्णिमा को लगी तो परिवार में विवाद शुरू हो गया. इसी बीच दिसंबर 2021 में तुलसी ने इंद्राणी के साथ तीसरी शादी कर ली. इसका पता चलने पर पूर्णिमा पति का घर छोड़ रहने के लिए मायके आ गई. लेकिन तुलसीदास व इंद्राणी को लगा कि बगैर पूर्णिमा को रास्ते से हटाए, वो साथ नहीं रह सकते. इसके बाद बाद उन्होंने उसकी हत्या की साजिश रची.
तुलसीदास एक दिन पूर्णिमा के मायके पहुंचा और उससे बोला कि इंद्राणी के साथ उसने रिश्ता खत्म कर दिया है. इसके बाद पूर्णिमा तुलसी के साथ उसके घर आ गई. पहले से रची साजिश के मुताबिक तुलसी और इंद्राणी ने मिलकर पूर्णिमा की हत्या कर दी. सबूत छिपाने के लिए दोनों ने कांकेर में लाकर शव को फेंक दिया.
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