पंजाब की पांच राज्यसभा सीटों पर आप प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
राज्य सभा सदस्य चुने गए हरभजन सिंह पहले दिन ही ‘हिट विकेट’ हो गए है। भज्जी शुक्रवार को राज्य सभा का सदस्य चुने जाने का सर्टिफिकेट लेने के लिए खुद नहीं पहुंचे। उनका सर्टिफिकेट कभी नवजोत सिंह सिद्धू के खजांची रहे गुलजार सिंह चाहल ने लिया, जबकि चार अन्य राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा, संजीव अरोड़ा, संदीप पाठक और अशोक मित्तल खुद सर्टिफिकेट लेने के लिए पहुंचे।
सुबह सबसे पहले संजीव अरोड़ा को मुख्य निर्वाचन अधिकारी-सह-पर्यवेक्षक डा. एस करुणा राजू और राज्य सभा चुनाव पंजाब 2022 के रिटर्निंग अफ़सर-सह-पंजाब विधान सभा के सचिव सुरिंदर पाल ने सर्टिफिकेट सौंपा। इसके बाद संदीप कुमार पाठक, कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा और लाल चंद कटारूचक्क के साथ पहुंचे, जिनको सुरिंदर पाल ने सर्टिफिकेट सौंपा।
शाम को राघव चड्ढा और अशोक मित्तल ने सर्टिफिकेट लिया। अहम बात यह है कि क्रिकेटर व राज्य सभा सदस्य चुने गए हरभजन सिंह का सर्टिफिकेट लेने के लिए गुलजार इंदर सिंह चाहल पहुंचे। चाहल को कभी नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस का खजांची बनाया था।
चन्नी सरकार के एजी व डीजीपी नहीं बदलने को लेकर जब नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश प्रधान पद से इस्तीफा दिया था तब चाहल ने भी इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू ने बाद में अपना इस्तीफा वापस ले लिया। इसके बाद सिद्धू के साथ जिन भी पदाधिकारियों ने इस्तीफे दिए थे वह रद कर दिए गए थे। चाहल का इस्तीफा भी रद हो गया था, लेकिन उन्होंने बाद में अपना पदभार ग्रहण नहीं किया।
भज्जी का सर्टिफिकेट चाहल द्वारा लेने को लेकर उंगलियां उठने लगी हैं। पंजाब लोक कांग्रेस के प्रवक्ता पृतपाल सिंह बलियावाल ने कहा कि जिस व्यक्ति के पास अपना सर्टिफिकेट लेने के लिए समय नहीं है, वह राज्य सभा में पंजाब के क्या मुद्दे उठाएंगे। बता दें कि आप के राज्यसभा सदस्यों को लेकर विपक्ष पहले से ही उंगलियां उठा रहा है। पांच में से 2 सदस्य पंजाब के बाहर के होने के कारण कांग्रेस आप की नीति पर उंगली उठा रही है।
- यह भी पढ़े…...
- योगी मंत्रिमंडल में केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक बने उपमुख्यमंत्री.
- शुभवंती एएनएम ट्रेनिंग स्कूल में विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित
- जिलेवासियों की सुरक्षा के लिए टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करना अतिआवश्यक -सिविल सर्जन
- शिव से बड़ा नाम पूरे ब्रम्हांड में दूसरा नहीं है ः ममता पाठक