मम्मी का किसी और से है संबंध–बेटी.
मां ने ही की है मेरे पिता की हत्या.
किशोर ने अपहरण की खुद रची साजिश,क्यों
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के रोहतास जिले में थाना क्षेत्र के सुसाड़ी ग्राम में रविवार की देर शाम घर में संदिग्ध अवस्था में धर्मेंद्र कुमार की मौत को लेकर अब भी सवाल बना हुआ है। हत्या और आत्महत्या के बीच पुलिस मामले की तहकीकात में जुट गई है। मंगलवार को धर्मेंद्र के पिता कृष्णा शर्मा द्वारा बहू पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसमें बहू सुनीता देवी को ही पति की हत्या का दोषी ठहराया गया है। प्राथमिकी में आरोप है कि पत्नी ने ही पति का गला घोंट कर हत्या कर दी। यही नहीं इस केस में बेटी ने अपनी मां पर बड़ा आरोप लगाया है। मृतक की बेटी के कहना है कि उसकी मां का संबंध किसी ओर से था और मम्मी ने ही मेरे पिता की हत्या की है।
बेटी ने मां पर लगाए गंभीर आरोप
उधर रविवार की देर शाम घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को मृतक की पत्नी ने बयान दिया था कि उसके पति ने खुदकुशी की है। मृतक धर्मेंद्र की बेटी पूजा कुमारी का स्पष्ट कहना है कि उसके पिता की कातिल उसकी मम्मी ही है। मम्मी का किसी और से संबंध की बात भी बता रही है। मृतक के पिता का सवाल है कि बेटे की मौत की खबर पहले स्वजनों को क्यों नहीं बताई गई। घर में उन्हें बताए बिना चौकीदार के पास जाने का मकसद क्या था। उसने बंद दरवाजे की चाबी क्यों मांगी। ऐसी स्थिति में पुलिस भी असमंजस में है।
पुलिस प्रथम दृश्यता मामले को तो पारिवारिक विवाद बता कर जांच कर रही थी, लेकिन मृतक के पिता द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद घटना ने एक नया मोड़ ले लिया। मंगलवार को पहुंचे डीएसपी शशिभूषण सिंह ने परिवार के हर सदस्य का बयान लिया। कहा कि हर बिंदु पर मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रोहतास जिले में थाना क्षेत्र के डोमा डिहरी गांव निवासी एक किशोर द्वारा स्वयं के अपहरण का स्वांग रचने के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। जुए में हार जाने के बाद किशोर ने अपहरण का नाटक किया था। दो दिनों में केस को सुलझाने में सफल पुलिस के अनुसार स्वजनों से रुपये ऐंठने के लिए खुद अपने अपहरण का स्वांग रच डाला था। थानाध्यक्ष अतवेंद्र कुमार सिंह के अनुसार डोमा डिहरी गांव निवासी योगेंद्र यादव की पुत्री कंचन कुमारी ने अपने 17 वर्षीय भाई के अपहरण की आशंका जताते हुए तीन दिन पूर्व थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। कहा था कि वह बुधवार की सुबह बिक्रमगंज जाने के लिए मलियाबाग से आटो पकड़ा था। उसके बाद से उसका मोबाइल बंद बता रहा है। शायद अपराधियों ने उसका अपहरण कर लिया है।
पुलिस ने आवेदन प्राप्त होते ही सनहा दर्ज कर छात्र की सकुशल बरामदगी के लिए कार्रवाई शुरू कर दी। उसके बाद स्वजनों ने बताया कि छात्र के मोबाइल नंबर से उसके पिता के नंबर पर मैसेज आया है, कि आपके पुत्र का अपहरण हो चुका है। हमारे बताए हुए जगह पर एक लाख रुपये पहुंचा दें, वर्ना आपके पुत्र की हत्या कर दी जाएगी। मैसेज मिलने के बाद उसके स्वजन काफी घबरा गए।
इसके बाद लड़के ने अपने खुद पिता को फोन किया कि मैं मलियाबाग से आटो से बिक्रमगंज जा रहा था, कि रास्ते में अपराधियों ने रुमाल सुंघा कर बेहोश कर मेरा अपहरण कर लिया है। मुझे इन लोग कहां रखा है, पता नहीं है। ये लोग कह रहे हैं कि एक लाख रुपये यदि नहीं मिले तो मुझे जान से मार देंगे। फिर गुरुवार की शाम मोबाइल पर मैसेज भेजा गया कि तत्काल 50 हजार पहुंचाओ वरना, इसे जान से मार दिया जाएगा।
इसके बाद स्वजनों ने पुलिस से संपर्क कर सारी बात बताई। उसके बाद मोबाइल फोन से उसके नंबर पर 50 हजार रुपये भेजा गया। तबतक एसपी व डीएसपी के निर्देश पर पुलिस की साइबर टीम सक्रिय हो चुकी थी। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने छात्र को रात्रि में सासाराम रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया। जब काफी दबाव देकर पूछताछ की गई तो, उसने सच्चाई बताई कि वह मोबाइल पर व अन्य जुए के खेल में काफी रुपये हार चुका है, इसलिए स्वजनों से रुपये ऐंठने के लिए खुद का ही अपहरण का नाटक कर डाला। एसपी ने नाबालिग होने के चलते उसके स्वजनों को सौंपने का निर्देश दिया। पुलिस की तत्परता से छात्र के अपहरण के नाटक का पटाक्षेप होने पर लोगों ने संतोष जाहिर किया है।
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