आज रात से हाईवे पर गाड़ी चलाना होगा महंगा, 10-15 % तक बढ़ जाएगा ‘टोल टैक्स’
श्रीनारद मीडिया‚ सेंट्रल डेस्कः
आम आदमी का सफर अब और महंगा होने जा रहा है क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचआई (NHI) ने 1 अप्रैल यानी आज रात 12 बजे से टोल टैक्स (Toll Tax) में 10 से 65 रुपये तक बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. नेशनल हाईवे (National Highway) पर चलने वाले छोटे वाहनों का टोल 10-15 रुपये तक बढ़ाया गया है, वहीं कमर्शियल वाहनों का टोल टैक्स 65 रुपये तक बढ़ाया गया है. तो अगर आप रोजाना नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं तो अब आपको अपना टोल बजट कुछ बढ़ाना पड़ेगा.
10-15 फीसदी बढ़ा टोल टैक्स
एक्सप्रेस-वे की बात करें तो सराय काले खां से शुरू होकर काशी टोल प्लाजा तक कार और जीप के लिए पहले जहां 140 रुपये देने होते थे, वहीं अब इसके लिए 155 रुपये देने होंगे. सराय काले खां से ही रसूलपुर सिकरोड प्लाजा पर अब वाहन चालकों को 100 देने होंगे, वहीं भोजपुर जानें के लिए 130 रुपये चुकाने होंगे. कई तरह के वाहनों के लिए यहां 10-15 फीसदी तक टोल टैक्स बढ़ाया गया है.
लखनऊ को जोड़ते हैं 6 नेशनल हाईवे
लखनऊ से जुड़ने वाले मौजूदा 6 नेशनल हाईवे में हरदोई हाईवे पर फिलहाल कोई टोल नाका नहीं लगा है, वहीं सीतापुर में अक्टूबर से बदली हुई टोल दरें लागू की जाने वाली हैं. इन दोनों के अलावा कानपुर, अयोध्या, रायबरेली और सुल्तानपुर जाना है तो आज रात से लोगों को बढ़ी हुई दर पर टोल टैक्स चुकाना होगा. लखनऊ रायबरेली हाईवे पर अब छोटे वाहनों को 105 रुपये देने होंगे, वहीं बस-ट्रक के लिए 360 रुपये लगेंगे.
लखनऊ-अयोध्या हाइवे भी महंगा
लखनऊ से अयोध्या जाने वाले वाहनों को अब छोटे प्राइवेट व्हीकल्स के लिए 110 रुपये अदा करने होंगे, वहीं ट्रक या बस के लिए यहां 365 रुपये टोल वसूला जाएगा. लखनऊ से कानपुर हाइवे पर नवाबगंज प्लाजा भी अब महंगा हो गया है जिसमें छोटी गाड़ियों को 90 रुपये और कमर्शियल वाहनों के लिए 295 रुपये टोल देना होगा. इसी तर्ज पर लखनऊ से सुल्तानपुर हाइवे पर भी अब छोटे वाहनों के लिए 95 रुपये देने होंगे और डबल एक्सल वाहनों के लिए आपको 325 रुपये चुकाने होंगे.।
यह भी पढ़े
दाने दाने को मोहताज सोने की लंका!
साई मंदिर का मनाया गया वार्षिक स्थापना दिवस
मैरवा के हरिराम कालेज में सात दिवसीय एनएसएस शिविर का कुलपति ने किया उद्घाटन
मानवता के महान शिल्पी डॉक्टर हेडगेवार ने राष्ट्रबोध को शाश्वत आधार दिया – ललितेश्वर