भारत-नेपाल मैत्री ट्रेन सेवा आठ साल बाद शुरू.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पाकिस्‍तान व बांग्‍लादेश के बाद अब भारत और नेपाल के बीच भी ट्रेन सेवा शुरू हो गई है। बिहार के मधुबनी जिला स्थित जयनगर से नेपाल के जनकपुरधाम होते हुए कुर्था तक ट्रेन जाएगी। शनिवार को दिल्ली में भारत व नेपाल के प्रधानमंत्री संयुक्त रूप से इसका वर्चुअल उद्घाटन किया। मुख्य उद्घाटन समारोह जयनगर में हुआ। इस ट्रेन सेवा से दोनों देशों के यात्रियों को लाभ होगा। ट्रेन पर नेपाल रेलवे का नियंत्रण होगा। खास बात यह है कि ट्रेन में भारत व नेपाल को छोड़ किसी अन्‍य देश के नागरिक सफर नहीं कर सकेंगे। ट्रेन अभी जयनगर से कुर्था के बीच चलेगी। हालांकि, आने वाले दिनों में इसे वर्दीवास तक बढ़ाया जाना है।

भारत-नेपाल मैत्री ट्रेन सेवा शुरू

भारत-नेपाल मैत्री ट्रेन सेवा शुरू हो गई है। इसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा संयुक्‍त रूप से वर्चुअल तरीके से दिल्‍ली से किया। डीआरएम आलोक अग्रवाल ने बताया कि ट्रेन के परिचालन की तैयारी पहली ही कर ली गई थी। अगले दिन से यात्रियों के लिए परिचालन प्रारंभ हो गया है।

केवल भारतीय व नेपाली यात्रियों के लिए ट्रेन

करीब आठ सालों से ट्रेन सेवा बंद थी। खास बात यह है कि ट्रेन में सिर्फ भारतीय व नेपाली यात्री ही सफर कर पाएंगे। दूसरे देशों के यात्रियों को इस ट्रेन में अभी सफर करने की अनुमति नहीं दी गई है। रेलवे बोर्ड द्वारा जारी एसओपी में इसकी चर्चा है।

ये हैं यात्रा के लिए जरूरी वैध पहचान पत्र

यात्रियों को अपने साथ पासपोर्ट रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन उन्‍हें फोटोयुक्‍त वैध पहचान पत्र साथ रखना होगा। यात्रियों के लिए निम्नलिखित पहचान पत्रों में से कोई एक फोटो युक्त पहचान पत्र रखना अनिवार्य है…

  1. वैध राष्ट्रीय पासपोर्ट
  2. भारत सरकार/ राज्य सरकार/ केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा कर्मचारियों के लिए जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र।
  3. भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र।
  4. नेपाल स्थित भारतीय दूतावास/ भारतीय महावाणिज्य दूतावास द्वारा जारी इमरजेंसी प्रमाण पत्र या परिचय प्रमाण।
  5. 65 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों के लिए उम्र और पहचान की पुष्टि के लिए फोटोयुक्त पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सीजीएचएस कार्ड, राशन कार्ड आदि।
  6. एक परिवार के मामले में यदि किसी एक वयस्क के पास उपर्युक्त 1 से 3 में  वर्णित कोई एक दस्तावेज हो तो अन्य सदस्यों को परिवार से उनके संबंध दर्शाने वाले फोटो युक्त पहचान पत्र (जैसे- सीजीएचएस कार्ड, राशन कार्ड, ड्राईविंग लाइसेंस, स्कूल/ कॉलेज के परिचय पत्र आदि) होने पर यात्रा की अनुमति दी जा सकती है।

ट्रेन सेवा पर नेपाल रेलवे का होगा नियंत्रण

इस ट्रेन सेवा पर पूरा नियंत्रण नेपाल रेलवे का होगा। अभी जयनगर से कुर्था के बीच ट्रेन चलेगी। आने वाले दिनों में इसे वर्दीवास तक बढ़ाया जाएगा। ट्रेन के परिचालन के लिए कोंकण रेलवे ने दो रैक उपलब्ध कराए हैं, जिनका परिचालन अभी कोंकण रेलवे के कर्मी नेपाली रेल कर्मियों के साथ करेंगे। कोंकण रेलवे के कर्मी करीब छह महीने तक नेपाली रेलकर्मियों को ट्रेन परिचालन की ट्रेनिंग देंगे।

साल 2014 के बाद अब फिर चलेगी ट्रेन

जयनगर से नेपाल के जनकपुर तक साल 2014 तक नेपाली ट्रेनों का परिचालन हुआ। भारत सरकार ने वर्ष 2010 में मैत्री योजना के तहत जयनगर से नेपाल के वर्दीवास तक 69.5 किलोमीटर की दूरी में नैरो गेज ट्रैक को मीटर गेज में बदलने व नई रेल लाइन बिछाने के लिए 548 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। फिर, साल 2012 में इरकॉन ने जयनगर में इस योजना पर काम शुरू किया। यह परियोजना तीन चरणों में बांटी गई है। इसके तहत जयनगर से कुर्था की 34.5 किलोमीटर रेल सेवा के लिए गत बीते जुलाई 2021 में स्पीड ट्रायल किया गया था। अब इस रेलखंड पर परिचालन शुरू हो गया है।

अभी सड़क मार्ग ही था एकमात्र विकल्प

करीब आठ वर्ष से इस रेलखंड पर गाड़ियों का परिचालन नहीं होने से लोगों को नेपाल जाने के लिए सड़क मार्ग ही एकमात्र विकल्प था। सड़क मार्ग से लोगों को कई तरह की बंदिशों का सामना करना पड़ता था। खर्च भी अधिक होता था। जयनगर से जनकपुर जाने में अभी दो सौ रुपये से अधिक खर्च हो जाते हैं। वाहन बदलना पड़ता है। ट्रेन से महज 43.75 रुपये में लोग पहुंच जाएंगे।

ट्रेन से व्‍यापार व धार्मिक पर्यटन बढ़ेंगे

इस ट्रेन के शुरू होने से न केवल व्‍यापार बढ़ेगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। भारत के लोगों के लिए जनकपुर में माता जानकी मंदिर में दर्शन करना आसान हो जाएगा। चैत नवरात्र के दौरान इस ट्रेन सेवा के कारण जनकपुर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की संभावना है। भारत और नेपाल के व्यापारी अब आसानी से सामान खरीदकर आ-जा सकेंगे। मधुबनी व आसपास में कपड़ा व खाद्यान्न के थोक मार्केट हैं, जहां का व्यापार नेपाली ग्राहकों पर टिका है। रोजाना दो से तीन करोड़ का व्यवसाय होता है, जिसके डेढ़ गुना बढ़ने का अनुमान है।  ट्रेन में व्‍यावसायिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारत के जयनगर एवं नेपाल के इनरवा स्टेशन पर कस्टम चेकिंग प्वाइंट भी बनाए गए हैं।

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