क्या राजनीति में होगी पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय का वापसी!
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) विधानसभा चुनाव 2020 के पहले ले लिया। कयास लगाए जा रहे थे कि वे चुनावी मैदान में होंगे। उन्हें बक्सर से लड़वाया जा सकता है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब उन्होंने बिहार की राजनीति में एंट्री को लेकर अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया दे दी है। सहरसा जिले में कथावाचक गुप्तेश्वर पांडेय जी महाराज ने प्रेस वार्ता में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए आगे की प्लानिंग बताई है।
राजनीति के लिए नहीं लिया वीआरएस- गुप्तेश्वर पांडेय
सहरसा जिले के पूरब बाजार में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा में हिस्सा लेने पहुंचे गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि ठाकुरजी का बुलावा आया और मैंने डीजीपी के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आध्यात्म की राह पर चल पड़ा। अध्यात्म लोगों के जीवन को संतुलित करता है। अध्यात्म से हर वर्ग के लोगों को जुड़ने की जरूरत है। मन के चित्त को एकाग्र व साकारात्मक दिशा में करने के लिए अध्यात्म ही एक सहारा है।
आईपीएस अधिकारी होने के बावजूद अध्यात्म से जुड़ने को लेकर उठाए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों का क्षेत्र एक ही है। पुलिस में रहकर लोगों को न्याय दिलाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा। अब अध्यात्म के माध्यम से लोगों के बाहरी व आंतरिक व्यक्तित्व को निखारने का प्रयास किया जा रहा है। भौतिकवादी युग में जीवन को सुंदर बनाने के लिए हर वर्ग के लोगों को अध्यात्म से जुड़ना चाहिए।
गुप्तेश्वर पांडेय ने कोसी के लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि सहरसा में हजारों की संख्या में लोग भागवत कथा सुनने पहुंच रहे हैं, यहां के लोगों में संस्कार कूट-कूटकर भरा हुआ है। यहां के लोग बेहद बुद्धिमान और आतिथ्य कला में भी निपुण होते हैं।
बिहार की राजनीति में कमबैक?
क्या गुप्तेश्वर पांडेय जी महाराज फिर से राजनीति में कदम रखेंगे? इसपर उन्होंने दो टूक में कहा कि जीवन में कभी भी राजनीति क्षेत्र में नहीं जाऊंगा। इससे मेरा दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। अध्यात्म ही सब कुछ है। भौतिकवादी युग में जीवन को सुंदर बनाने के लिए हर वर्ग के लोगों को अध्यात्म से जुड़ना चाहिए। पुलिस प्रशासन वर्ग को तो इससे अधिक जुड़ना चाहिए।
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