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क्या होता है हलाल और झटका मीट, जिस पर मचा है बवाल?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

हलाल या झटका मीट’ को लेकर कर्नाटक में जारी विवाद को अनावश्यक बताते हुए जनता दल सेक्युलर के नेता एचडी कुमारास्वामी ने सोमवार को कहा, ‘हलाल या झटका मीट को लेकर लोगों के बीच किसी तरह का विवाद नहीं है। ये मामले अनावश्यक तौर पर बढ़ाए गए। यदि इस तरह के सांप्रदायिक दंगे शुरू होंगे तो इसका असर इंडस्ट्रीज पर भी होगा। इसलिए ही राज्य में कारपोरेट कंपनियां अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

ये है पूरा मामला

यह विवाद गुड़ी पड़वा यानि हिंदू नववर्ष की शुरुआत से पहले शुरू हुआ था जो अब तक जारी है। यह विवाद गुड़ी पड़वा यानि हिंदू नववर्ष की शुरुआत से पहले शुरू हुआ था जो अब तक जारी है। कर्नाटक के मैसूर, रामनगर और मांडया जिले में इस समय होशातोडाकू त्योहार मनाया जाता है। इस मौके पर हिंदू समुदाय भी मीट खाते हैं। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ने एक अप्रैल को आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि हथियारों के बजाए जानवरों को बिजली करंट से मारा जाए। यह आदेश हलाल मीट के प्रचलन को कम करने के लिए किया गया था। दरअसल पशुपालन विभाग ने कहा था कि उन्हें ऐसी शिकायतें मिल रहीं हैं कि जानवरों की जान पूरी तरह से नहीं ली जा रही है।

हलाल का मतलब

हलाल शब्द का अरबी भाषा में अर्थ होता है- ‘उपभोग के योग्य’। इस प्रक्रिया के तहत जानवर को मारने से पहले इसके शरीर से एक एक बूंद खून को निकाल दिया जाता है। इसके लिए पहले जानवर की गर्दन को थोड़ा सा काटकर एक टब में छोड़ देते हैं और शरीर से पूरा खून निकल जाने के बाद जानवर की मौत हो जाती है। झटका की तुलना में यह प्रक्रिया अधिक दर्दनाक है।

क्या होता है हलाल मीट?

नॉनवेज डिश बनाने के लिए गोश्त की ज़रूरत पड़ती है, और गोश्त आता है किसी जानवर के ज़रिए। इसके लिए पहले उसे पहले ज़िबह करना पड़ता है, मुस्लिम समाज में अरबी ज़ुबान में हलाल का मतलब उस प्रक्रिया से होता है जिसमें जानवर को गर्दन पर छुरी फेरकर ज़िबह किया जाता है।

इस्लाम कानूनों में मुसलमानों पर उसी जानवर का गोश्त जायज़ है जिसे हलाल तरीके से ज़िबह किया गया हो। ऐसी मान्यता है कि जब किसी जानवर को हलाल तरीके ज़िबह किया जाता है तो उसके शरीर से सारा खून बाहर निकल आता है, जिसके साथ साथ खून की गंदगी भी बाहर आ जाती है और ऐसा करने से गोश्त खाने लायक हो जाता है और उसे खाने से किसी तरह की बीमारी नहीं होती है।

क्या होता है झटका मीट?

हलाल मीट के उलट झटका मीट का कॉन्सेप्ट ये है कि इस प्रक्रिया में जानवर को ज़िबह नहीं किया जाता है बल्कि एक ही झटके में चाकू या दूसरे औज़ारों से उसका सिर ढक से अलग कर दिया जाता है।

इस तरह से मारे गए जानवर के गोश्त को सिख समुदाए के लोग अच्छा मानते हैं और वो उसी प्रक्रिया से मारे गए जानवर का गोश्त खाने को वरीयता देते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस प्रक्रिया में जानवर बिना दर्द के एक झटके में मर जाता है। इस प्रक्रिया जानवर का ज़्यादातर खून शरीर के अंदर रह जाता है जिसे पकाते वक्त साफ किया जाता है।

जानकारों का मानना है कि हलाल प्रक्रिया में जानवरों को धीरे-धीरे मारने से उनके शरीर में मौजूद पूरा खून निकल जाता है, इसमें झटका की तुलना में ज़्यादा पोषण होता है। हलाल प्रक्रिया से ज़िबह किए गए जानवरों का खून पूरी तरह से निकल जाने से उनके शरीर में मौजूद बीमारी खत्म हो जाती है और गोश्त खाने लायक होता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मांस को नरम और रसदार बनाए रखने के लिए उसे मारने के बाद पीएच स्तर करीब 5.5 होना चाहिए। जबकि झटका प्रक्रिया से मारे गए जानवर के मांस में PH 7 के बराबर होता है।

मांस के निर्यात के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है, जहां से चिकन से लेकर बफैलो मीट तक विदेशों में निर्यात होता है। देश से होने वाले कुल मीट निर्यात में सबसे बड़ा करीब 65 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश का है, ये बफैलो मीट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। देश की कुल मीट प्रोसेसिंग एक्सपोर्ट यूनिट में से करीब आधी यूपी में ही हैं।

देश के सबसे बड़े बूचड़खाने

1- अल कबीर, मेडक, तेलंगाना (मालिक- सतीश सब्बरवाल )

2- अरेबियन एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लमिटेड, मुंबई (मालिक-सुनील कपूर)

3- एमकेआर फ़्रोज़न फ़ूड एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली (मालिक – मदन एबट)

4- एबट कोल्ड स्टोरेजेज़ प्राइवेट लिमिटेड, मोहाली, पंजाब (निदेशक – सनी एबट)

5- अल नूर एक्सपोर्ट्स, मुजफ़्फ़रनगर, यूपी (मालिक – सुनील सूद) हैं।

6- एओवी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, उन्नाव, यूपी (निदेशक – ओपी अरोड़ा)

7- स्टैंडर्ड फ़्रोज़न फ़ूड्स एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, उन्नाव, यूपी (प्रबंध निदेशक-कमल वर्मा)

8- पोन्ने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट्स, नमक्काल, तमिलनाडु (निदेशक – एस सास्ति कुमार)

9- अश्विनी एग्रो एक्सपोर्ट्स, गांधीनगर, तमिलनाडु (निदेशक – राजेंद्रन)

10- महाराष्ट्र फ़ूड्स प्रोसेसिंग एंड कोल्ड स्टोरेज, सतारा, महाराष्ट्र (मालिक – सन्नी खट्टर)

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