सीवान के लाल के नेतृत्व में लखनऊ को हरित बनाने के महाअभियान का आगाज
ग्रीन लखनऊ ड्राइव दुनिया को दे रहा बड़ा हरित संदेश
डीएम लखनऊ श्री अभिषेक प्रकाश के नेतृत्व में ग्रीन लखनऊ ड्राइव के पंचमंत्र का है शाश्वत विकास की संकल्पना के संदर्भ में विशेष महत्व
जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौती के संदर्भ में इस तरह के जनभागीदारी से पूर्ण अभियान की है सख्त दरकार दुनिया को
✍️गणेश दत्त पाठक, सेंट्रल डेस्क, श्रीनारद मीडिया :
लखनऊ में डीएम अभिषेक प्रकाश के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा वृक्षारोपण का एक महाअभियान ग्रीन लखनऊ ड्राइव के पंच मंत्र का आगाज किया गया है। यह अभियान जलवायु परिवर्तन की बड़ी और गंभीर चुनौती से जूझ रही दुनिया के लिए एक नजीर बन सकता है। जनभागीदारी की अवधारणा से युक्त, तकनीकी कलेवर से सुसज्जित, भविष्योन्मुख आयाम से अलंकृत वृक्षारोपण का यह महाअभियान विशेष महत्वपूर्ण है। इस अभियान की सफलता विश्व स्तर पर शाश्वत विकास की संकल्पना के संदर्भ में एक नजीर भी बन जाएगी। गौरतलब है कि लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश सीवान के जीरादेई प्रखंड के गांव जामापुर के ही मूल निवासी हैं और प्रसिद्ध फिजिशियन डॉक्टर ओमप्रकाश के सुपुत्र हैं।
पिछले कुछ वर्षों से जलवायु परिवर्तन के गंभीर दुष्परिणाम दिखाई देने लगे हैं। कहीं भारी बाढ़ आ रहा है तो कहीं भयंकर सूखा पड़ रहा है। कहीं तापमान अत्यधिक हो जा रहा है तो कहीं गर्म स्थानों पर ओला भी गिर जा रहा है। लेकिन दो तीन वर्षों से दुनिया कोरोना वायरस जनित महामारी से निबटने में ही लगी रही। विश्वस्तर के कई मौसम वैज्ञानिक बार बार चिंता जताते हुए बताते रहे कि कोरोना महामारी से बड़ी चुनौती मानवता को जलवायु परिवर्तन देने वाला है। फिर भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन की चुनौती को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। जबकि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से मौसम संबंधी जटिलताओं के साथ कृषि, उद्योग, सामुद्रिक परिवेश भी नकारात्मक तौर पर प्रभावित होता दिख रहा है। जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निबटने का महामंत्र निश्चित तौर पर वृक्षारोपण ही माना जाता रहा है। इस संदर्भ में लखनऊ जिला प्रशासन का प्रयास बेहद महत्वपूर्ण है। लखनऊ के आर्थिक विकास को शाश्वत आयाम से सुसज्जित करने का यह प्रयास भविष्य के लिए शानदार संकेत है।
लखनऊ जिला प्रशासन द्वारा ग्रीन लखनऊ ड्राइव को मुख्यतः पांच भागों में विभाजित किया गया है। पहले भाग में नागरिक और अधिकारी द्वारा हर व्यक्ति को एक एक फलदार वृक्ष को सामुदायिक पार्क या भूमि में रोपित करने के लिए प्रेरित करने की बात की गई है। लखनऊ की बड़ी जनसंख्या के संदर्भ में अगर यह कार्ययोजना धरातल पर आ जाए तो एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हो जाएगी। कोरोना महामारी के दौर में औषधीय वृक्षों यथा तुलसी, गिलोय आदि ने अपनी महता जाहिर की थी। ग्रीन लखनऊ ड्राइव के दूसरे भाग में नागरिक और अधिकारियों द्वारा औषधीय वृक्षों के रोपण का आह्वान पर्यावरण के साथ सेहत के संरक्षण को भी संदर्भित दिखाई दे रहा है।
ग्रीन लखनऊ ड्राइव के तीसरे भाग में जीपीएस तकनीक के माध्यम से रोपे गए पौधों के मॉनिटरिंग की व्यवस्था माई ट्री एप के माध्यम से पर्यावरण के संदर्भ में तकनीक के सकारात्मक और प्रभावी इस्तेमाल को ही संदर्भित दिखती है। ग्रीन लखनऊ ड्राइव का चौथा आयाम हर विभाग द्वारा स्कूलों को गोद लेने और हर विद्यालय परिसर में 75 वृक्षों का रोपण एक बहुआयामी परिप्रेक्ष्य को रेखांकित कर रहा है। बच्चों के समक्ष वृक्षों का रोपण भविष्य के लिए भी बेहद सुखद संकेत देगा। ग्रीन लखनऊ ड्राइव के पांचवे भाग में गोमती के किनारे 01 से 05 किलोमीटर तक वृक्षारोपण गोमती नदी को नया जीवन दे जाएगा, जो अपने अविरल अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। इस तरह लखनऊ के भू जलस्तर में भी वृद्धि की संभावनाएं बढ़ेंगी। इस तरह ग्रीन लखनऊ ड्राइव के पांच महा मंत्र पर्यावरण संरक्षण के लिए जनभागीदारी, संवेदनशील प्रशासनिक पहल, तकनीकी मॉनिटरिंग, औषधीय संदर्भ, बच्चों को संदेश, नदी के पुनर्जीवन के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण है।
लखनऊ की जनता का सहयोग और संवेदनशील प्रशासनिक पहल यदि समन्वित आयाम में संचालित हो जाए तो सिर्फ लखनऊ की आबोहवा नहीं अपितु संपूर्ण संसार के लिए ग्रीन लखनऊ ड्राइव एक मिसाल बन जायेगा। जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में विश्व के सभी शहरों के लिए इस तरह के अभियान अगर चल पाए तो शाश्वत विकास के संदर्भ में एक अच्छी उपलब्धि हासिल की जा सकती है। फिलहाल लखनऊ आप तो बस जोर लगा दो ताकि विश्व पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में ग्रीन लखनऊ मॉडल एक नजीर बन जाए।
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