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पति की आज्ञा का उल्लंघन सती के लिए बना विनाशक : किशोरी साक्षी दीदी

पति की आज्ञा का उल्लंघन सती के लिए बना विनाशक : किशोरी साक्षी दीदी

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? श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के छठे दिन बही ज्ञान की गंगा, उमड़े श्रद्धालु

श्रीनारद मीडिया‚ सीवान (बिहार)

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सीवाान  सदर प्रखंड के चकरा मठ में चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में पूजा-अर्चना व प्रदक्षिणा करने हेतु दूर-दराज से श्रद्धालुओं की भीड़ जूट रही है। भजन, रामलीला, रासलीला, प्रवचन व वैदिक मंत्रो के जाप से इस इलाके का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया है। आस्था का आलम यह है कि भंटापोखर गांव के एक 28 वर्षीय युवक अखिलेश प्रसाद उर्फ गुड्डू ने लगातार चौबीस घंटे की परिक्रमा पूरी कर भक्ति की पराकाष्ठा का उदाहरण पेश किया है जो अपने आप में काफी अद्भूत माना जा रहा है।

वहीं शुक्रवार को यज्ञाचार्य पं० लक्ष्मी निधि मिश्रा के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूरे विधि विधान से वेदी स्तंभ पूजन, स्वाहाकार, आरती आदि अनुष्ठान संपन्न किए गए। मुख्य यजमान ब्रजेश यादव व बेबी देवी, सुभाष साह व शारदा देवी, ब्रजेश शर्मा व पूनम देवी सहित कई यजमानों ने सपत्नीक यज्ञ मंडप पर सुबह से लेकर शाम छह बजे तक बैठकर पूजा अर्चना की। रामलीला में अहिल्या उद्धार, गंगा अवतरण तथा श्रीराम व गंगा की वंशावली को नवीनतम एवं आकर्षक ढंग से मंचित की गयी।

वहीं विगत रात रासलीला में श्री कृष्ण व रुक्मणी विवाह का मंचन कर वृंदावन धनोता से पधारे कलाकार सीताराम जी महाराज व व्यास दुर्गा प्रसाद जी महाराज के नेतृत्व में कलाकारों ने ज्ञान और भक्ति का सूक्ष्म चित्रण कर दर्शकों को मंदमुग्द कर दिया। मौके पर कथावाचिका किशोरी साक्षी दीदी ने शिव सती प्रसंग का वर्णन करते हुए श्रोताओं का खूब रसास्वादन कराया। बताया कि पति की आज्ञा का पालन करना प्रत्येक विवाहिता स्त्री के लिए कर्म ही नहीं वरन् उसका परम धर्म होता है।

माता सती ने भगवान शिव के इच्छा के विरुद्ध अपने पिता दक्ष के घर जाने का जो जिद्द व दुस्साहस किया था, उसका परिणाम सती को प्राण देकर चुकाना पड़ा था। राजा दक्ष ने एक यज्ञ के दौरान अपने सभी परिचित व नाते-रिश्तेदारों को बुलाया था सिवाय शिव को छोड़कर। बगैर आज्ञा के मायके पहुंची माता पति ने यज्ञ के दौरान अपने पति शिव का अपमान होते देख सती से सहन न हुआ व वह यज्ञ की आहुति में कूद जान गवां बैठी। उन्होंने कहा कि शादी के बाद स्त्री के लिए उसके पति का का घर ही उसका अपना घर होता है।

 

पति की आज्ञा लिए बगैर कोई कार्य करना परिवार के लिए विनाशक साबित होता है। जो स्त्री अपने पति की आज्ञा का पालन करती है उसके पुण्य-प्रताप से दोनों कुल के लोग स्वर्गलोक में सहस्त्र वर्षों तक सुख भोगते हैं। मौके पर ब्रजेश यादव, बेबी देवी, सुभाष साह, शारदा देवी, ब्रजेश

 

शर्मा, पूनम देवी, मुखियापति मंजेश कुमार रजक, बृजेश यादव, रंजन सिंह, केशव सिंह, शिवनाथ भगत, केशव सिंह, लल्लन यादव, विनोद यादव, राजेश यादव, वीर बहादुर यादव, उपेंद्र यादव, सुनील यादव, राजेश पटेल, डॉ. प्रेम ओझा, राजा शर्मा, विवेक ओझा, नागेंद्र शर्मा, महेश ठाकुर वकील यादव श्याम लाल यादव, शेषनाथ यादव, विनायक पांडेय, नंदलाल यादव, सुतार यादव, लक्ष्मण यादव, मंटू कुमार यादव समेत हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।

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